3 महीने के शिशु का स्वास्थ्य और विकास

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Simranjit Kaur

Mother of one, Master of Education with specialization in child-psychology. After becoming mother, I met with real me. I am now learning new concepts of parenting every fresh day and sharing my experiences with other mothers. I believe, one of the most important things that you, as a parent, should work on is - your child's psychology. Understanding the child-psychology will help you build stronger bonds and know them better.

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तीसरे महीने में आप अपने बच्चे के स्वास्थ्य और विकास में उल्लेखनीय बदलाव देखेंगे। आप उसकी गतिविधियों में एक उत्सुकता देखेंगे; आप देखेंगे कि कैसे आपका शिशु अपनी हर गतिविधि पर खुद का नियत्रण और आज़ादी चाहता है। अपनी शृंखला को जारी रखते हुए, आइए जानते हैं 3 महीने के शिशु का स्वास्थ्य और विकास किस प्रकार से होता है।

इस उम्र में आपका बच्चा अपने चारों ओर हो रही हर चीज का हिस्सा बनना चाहता है। दूसरा महीना गुजरने के बाद, आप अपने शिशु में विकास, पोषण, वजन और ऊंचाई से संबंधित कई बदलाव देखेंगे।

1शारीरिक विकास

इस उम्र (3 महीने) में हर शिशु नए वातावरण और उसके चारों ओर की दुनिया को तलाशना चाहता है। माता-पिता होने के नाते, आपको अपने नवजात शिशु के कुछ कौशल देखने को मिल सकते हैं और अपने शिशु का स्वास्थ्य और विकास देखकर आप हैरान भी होंगे।

शारीरिक रूप से, 3 महीने के शिशु की लंबाई और औसत वजन, शिशु के लिंग पर निर्भर करता है और यह प्रत्येक बच्चे में अलग-अलग होता है। लड़कियों की औसतन उँचाई लगभग 55.8 – 63.8 सेंटीमीटर और लड़कों की औसतन उँचाई लगभग 57.6 – 65.3 सेंटीमीटर के आसपास मानी जाती है। यह उँचाई वैसे तो सामान्य मानी जाती हैं पर हमें याद रखना चाहिए कि हर बच्चे के विकास की गति अलग होती है।

जहाँ तक वजन के बारे में बात की जाए तो, तीन महीने के लड़कों का औसतन वजन 5.1 – 7.9 किलो और लड़कियों का तकरीबन 4.6 – 7.4 किलो हो सकता है।

यहाँ मैं फिर से दौहाराना चाहूँगी कि किसी भी शिशु की ऊंचाई और वजन कई कारणों से प्रभावित होती है जैसे कि भोजन, अनुवांशिकता, शारीरिक रोग (यदि कोई हो), और दूसरों के मुकाबले उसकी दिनचर्या। इन सबके इलावा शारीरिक गतिविधियाँ और नींद अन्य कारण हैं जो इस उम्र मे शिशु के स्वास्थ्य और विकास को प्रभावित करते हैं।

3 महीने के शिशु के हाथों और पैरों में भी ताकत आनी शुरू हो जाती है। इस उम्र में आपका शिशु अपने सिर को लंबे समय के लिए उपर की ओर उठा कर रख सकता है।

ज़रूर पढ़े – 0-1 महीने के शिशु का स्वास्थ्य और विकास

2नींद

तीसरे महीने में आप देखेंगे कि आपके शिशु के रोने और सोने में काफ़ी बदलाव आए हैं 3 महीने में आपका शिशु पिछले 2 महीनों के मुकाबले कम रोता है और उसकी नींद भी कम हो जाती है। उसके रोने और सोने के घंटे अन्य गतिविधियों के साथ बदले जाते हैं। आपके शिशु में अपने आसपास होने वाली हर चीज के बारे में जानने की इच्छा बढ़ने लगती है। इसके साथ ही आपका शिशु बहुत तेज़ी से स्वतंत्र होने की कोशिश करता है।

3 महीने के शिशु का नर्वस सिस्टम हर दिन विकसित होता है और साथ ही उसके पेट के आकर में भी वृधि होती है। 3 महीने में आप महसूस करेंगे कि आपका शिशु पहले के मुकाबले अधिक खाने लगता है और उसका पेट भरा होने की वजह से आपका शिशु रात को बिना उठे आराम से सोता रहता है।

अगर फिर भी आपका शिशु रात में जागता है और रोने लगता है तो उसे कुछ भी खिलाने से पहले कुछ मिनट प्रतीक्षा करें। अक्सर बच्चे कुछ ही मिनटों के लिए रोते हैं और फिर सो भी जाते हैं। लेकिन अगर कुछ मिनटों के बाद भी रोना बंद नहीं होता, तो अपने बच्चे को आहार देने की प्रक्रिया को बहुत ही शांति से करे। संभव हो तो कमरे में लाइट ना जलाए और धीमे कदमों से सब कुछ करें। ऐसा करने से आप अपने बच्चे को यह महसूस करवा सकेंगी कि रात का समय सोने के लिए होता है।

3वार्तालाप/बातचीत

3 महीने तक आपके शिशु की भाषा और बोलने का तरीका आकार लेने लगता हैं। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि माता-पिता उन्हें खेल और विशिष्ट गतिविधियों के माध्यम से प्रोत्साहित करते रहें।

3 महीने के शिशु किसी काम को करने के लिए बौद्धिक या दिमागी ज़ोर लगाने लगते हैं। वह थोड़ी सी कोशिश के साथ पेट के बल लेटे हुए अपने सिर को और कंधों को उपर की ओर उठा सकते है।

इस उम्र के शिशु में आप हाथ और पैर की कई नियंत्रित और संगठित गतिविधियाँ देख सकते है। आप देखेंगें कि आपका बच्चा बार-बार अपनी मुठियाँ खोलता और बंद करता है। वह अपने हाथों से खिलौनों को खींचने की पुरजोर कोशिश करता है। आपके शिशु की यह सब गतिविधियाँ दर्शाती हैं कि उसके हाथों और आंखों के बीच समन्वय का (coordination) विकास हो रहा है और वह चीज़ों को और ताक़त से करने के लिए तैयार हो रहा है।

वह परिचित ध्वनि सुनने के बाद जहाँ से वो आवाज़ आ रही होगी, उस तरफ टकटकी लगा के देखगा और सिर को भी मोड़ने की कोशिश करेगा। आपका शिशु अपनी खुद की भाषा विकसित करेगा और किसी चीज़ को देखने के बाद, स्वर जैसे कि “आ” और “ओ”, को अपने उतरों के रूप में इस्तेमाल करेगा। आप उम्मीद कर सकते हैं कि वह अपने आप को खुश रखने के लिए खुद की उंगली या मुट्ठी चूसने के नए-नए तरीके खोजेगा।

मुझे याद है कि कैसे मेरी 3 महीने की बेटी, मेरी धीमी सी आवाज़ पर एक दम से अपना उंगली या मुट्ठी चूसना बंद कर देती थी और मेरे चेहरे के हाव-भावों की नकल करने लगती थी।

इस उम्र में आप अपने बच्चे के वार्तालाप में उल्लेखनीय प्रगति देख सकते हैं। थका हुआ होने या नाराज होने पर आपका शिशु अपने दाएं-बाएं घुमने लगता है और आपसे किसी भी प्रकार के आँखों के सीधे संपर्क से बचता है। वह अपनी हर भावना को इशारों से व्यक्त करता है फिर चाहे वह उदासी हो, घबराहट हो, या चिंता हो। जब किसी गतिविधि या खेल से ऊब जाता है, तो वह उबासी लेने लगता है या वह आपको अपनी स्थिति महसूस करवाने के लिए तरह-तरह के दुखी चेहरे बनाने लगता है।

ज़रूर पढ़े – 1-2 महीने के शिशु का स्वास्थ्य और विकास

4माता-पिता के लिए कुछ सुझाव

अगर आपका बच्चा उपर दी गई गतिविधियों को नही कर रहा तो भी आपको चिंतित होने की जरूरत नही है क्योंकि हर शिशु के विकास की दर अलग होती है। परंतु अगर आपका शिशु नीचे दी गई गतिविधियों में से कोई गतिविधि ना करे, तो एक बाल रोग विशेषज्ञ से जरुरू संपर्क करे:

  • अगर आपका शिशु शोर या किसी आवाज़ का जवाब ना दे
  • चीज़ों और लोगों की तरफ अपनी आँखों को ना घुमाए
  • अगर वह हंसता या मुस्कराता ना हो

आपके कई मित्र और परिचित होंगे जो आपको इस उम्र में अपने बच्चे को ठोस भोजन देने के बारे में बताएंगे। वो आपको यह भी बताएँगे कि कैसे भर-पेट भोजन के बाद ही शिशु बेहतर सो पाता है। परंतु, ध्यान रहे, आपको अपने बाल रोग विशेषज्ञ से बात किए बिना, अपने शिशु के आहार में कोई बदलाव नहीं लाना है। आपके बच्चे के विकास चार्ट की जाँच के बाद ही एक बाल रोग विशेषज्ञ आपको बच्चे को दिए जाने वाले किसी भी भोजन के बारे में बेहतर सुझाव दे पाएगा। यह एक आम धारणा भी है कि आपको भोजन में दूध के अलावा अन्य कुछ भी शुरू करने से पहले 3 महीने तक इंतजार करना चाहिए।

बच्चों को सामान्य रूप से विकसित होने के लिए लगभग सभी पोषक तत्व दूध से मिल जाते हैं। वो बच्चे भाग्यशाली हैं जिनको स्तनपान करने का मौका मिलता है क्योंकि इससे उनकी सभी जरूरी विटामिनों, खनिजों, और अन्य पोषक तत्व, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद हैं, की आपूर्ति हो जाती है। पर याद रहे कि किसी भी प्रकार के दूध में विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में नही होता।

विटामिन डी का अपर्याप्त सेवन रिक्तियों की बीमारी से जुड़ा है जिससे ढांचे का सामान्य विकास प्रभावित होता है। इसलिए, डॉक्टर जीवन के पहले वर्ष में सभी जरूरी विटामिनों की पूर्ति की सलाह देते हैं।

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