छोटे बच्चों का अंधेरे से डरना और अकेले सोने से मना करना बहुत ही सामान्य बात है। एक शोध के मुताबिक, अधिकांश बच्चे बचपन में किसी न किसी उम्र में रात में अंधेरे से जरूर डरते हैं। लेकिन, अगर यह डर बच्चे की नींद को प्रभावित करने लगे, तो माता-पिता होने के नाते, हमें बच्चे की इस समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि बच्चे के मन से अँधेरे का डर कैसे दूर करें।
बच्चा क्यों डरता है?
अँधेरे से डर को दूर करने से पहले, हमें यह समझने की कोशिश करनी चाहिए कि बच्चे के इस डर के पीछे कौन-कौन से कारण जिम्मेदार हैं? अपने बच्चे को इस विषय में बात करने से न रोकें। उसके बताए कारणों को गंभीरता से सुने और समझने की कोशिश करें। उसकी व्यथा पर हंसने के बजाय, उसकी समस्या की वास्तविकता पर ध्यान दें। हो सकता है कि उसका कारण आपको मजाक लगे, पर आपको इसे मजाक समझने की गलती नहीं करनी है।
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उदाहरण के लिए, यदि आपकी बच्ची कहती है कि अँधेरे में भूत-प्रेत है, तो आपको उसके इस डर को बढ़ावा नहीं देना है अर्थात आपको उसके इस डर को अपने मतलब के लिए इस्तेमाल नहीं करना है इससे बच्चे के मन में इन चीजों के लिए स्थाई रूप से डर बैठ जाएगा।
आइए, अब हम इस समस्या के समाधान के बारे में बात करते हैं।
1रूटीन बनाए
सबसे पहले अपने बच्चे के लिए एक रूटीन बनाए। एक ऐसी दिनचर्या बनाए, जिससे शिशु का दिन आरामदायक और मजेदार बन जाए। बच्चा रुटीन का पालन करेगा, और थक कर आराम से सो जाएगा।
2भरोसा दिलाना
जब आपका बच्चा अँधेरे से डरने लगे, तो ऐसे में उसे शांत करना बहुत जरूरी है। इसके लिए हर संभव प्रयास करें। सिर्फ यह कहना कि डरने की जरूरत नही है, काफी नहीं होगा। आपको बच्चे के डर के कारण को सुन-समझ कर उसे सही तरीके से शांत करवाना है। आपको बच्चे को महसूस करवाना है कि वह पूरी तरह से सुरक्षित है।
3उसके डर को दूर करने में उसकी मदद करें
उन तरीकों के बारे में बात करें जिनसे आप अपने बच्चे के मन से अंधेरे के डर को दूर कर सकते हैं। उसे “बहादुर” बनने और सकारात्मक सोचने के लिए कहें। उसे कोई निजी उदाहरण दें कि कैसे आप भी कभी अँधेरे से डरती थी, और बाद में कैसे आपने अपना डर दूर किया। ऐसी कहानियां उसे सुनाएं, जिनमें पात्र पहले अँधेरे से डरते थे और बाद में उन्होंने हिम्मत से अपने इस डर पर विजय प्राप्त की।
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4अंधेरे में खेलें
यह एक बहुत ही अच्छा उपाय है। इसमें एक खेल खेला जाता है। खेल में कमरे में पूरी तरह से अँधेरा किया जाता है और बच्चे को एक टोर्च दी जाती है।
इस टोर्च का उपयोग करके बच्चे को उस कमरे में छिपे खजाने (किसी वस्तु) की खोज करनी होती है। उसकी मदद के लिए आप कोई ऐसी चीज रख सकते हैं, जो अँधेरे में चमकती हो और टोर्च की रौशनी पड़ने से और चमक उठे। इससे, बच्चे के लिए वह चीज खोजनी बहुत आसान हो जाएगी। बच्चे को प्रोत्साहित करें कि वह अकेला उस कमरे में जाए और उस खजाने को खोजे। सफलता मिलने पर उसे इनाम भी दें।
5सुरक्षा का विषय
अगर आपका बच्चा अँधेरे में डरता है, तो उसे ऐसी किसी चीज के साथ सोने दें, जिससे उसे बहुत लगाव हो या जिससे उसे सुरक्षा महसूस हो। इस वस्तु के पास होने से बच्चे का ध्यान असुरक्षा की ओर नहीं जाएगा और वह आराम से सो पाएगा।
6टेबल लैंप
भले ही आपके बच्चे के अँधेरे में डरने की वजह कुछ भी हो, लेकिन, एक हल्की से रौशनी भी उसके लिए काफी मददगार साबित हो सकती है। अगर आपके लिए संभव हो, तो बच्चे के कमरे में कोई छोटा लैंप या दीपक इत्यादि जरूर जला दें। इसके अलावा, अगर आपका बच्चा अलग कमरे में सोता है, तो उसके कमरे का दरवाजा बंद न करें। इससे वह खुद को घर के अन्य सदस्यों से अलग-थलग महसूस नहीं करेगा। अपने बच्चे को टीवी, डरावनी कहानियां और डरावनी फिल्में न देखने दें क्योंकि इससे उसके मन में अंधेरे का डर और बढ़ सकता है।
7आराम की तकनीकें
अपने बच्चे को सिखाएं कि सोने से पहले वह किस तरह से आराम की स्थिति में आ सकता है। उदाहरण के लिए, उन्हें एक सुंदर दृश्य की कल्पना करने के लिए कहें अर्थात उसे अच्छा-अच्छा सोचने के लिए कहें। इससे सोने से पहले उसे अच्छे ख्याल आएँगे और अंधेरे के बारे में आने वाले नकारात्मक विचारों से भी छुटकारा मिल जाएगा।
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8बच्चे को बिस्तर में रहने की सलाह दें
आपको उसके आसपास ऐसा माहौल बना देना चाहिए, जिससे वह सुरक्षित महसूस करे। अगर शुरुआत में आपका बच्चा अकेले सोने से बहुत डरता है, तो आप उसके साथ कमरे में तब तक रह सकते हैं जब तक वह सो नहीं जाता है, लेकिन ऐसा करने की आदत न डालें क्योंकि आपके ऐसा करने से वह आपकी उपस्थिति का आदी हो जाएगा और अँधेरे का डर उसके मन में वैसे ही बना रहेगा।
अगर आपका भी कोई प्रश्न हो, तो हमारे विशेषज्ञ से पूछें।
कुछ बच्चे इसलिए भी बहुत डरपोक बन जाते हैं क्योंकि कुछ माता-पिता उनका जरुरत से ज्यादा ही ध्यान रखते हैं। माता-पिता बच्चे के अंदर के डर को दूर करने के बजाय, खुद ही कहने लगते है कि उनका बच्चा अँधेरे से डरता है, इसलिए वह उनको अकेला नहीं छोड़ते। अगर आप भी ऐसे ही हैं, तो आपको भी इस मामलें में अपनी रणनीति बदलने की आवश्यकता है। उसे बार-बार यह बताते रहें कि वह बहुत बहादुर है और आपको उस पर गर्व है। जब भी वह अकेला सोने की आपकी बात को मानें, उसे पुरस्कृत करें।
इन सब उपायों के बाद भी अगर आपके बच्चे के अंधेरे का डर लंबे समय तक बना रहता है, या और बिगड़ जाता है, तो आपको तुरंत किसी डॉक्टर से मिलना चाहिए। आपका डॉक्टर आपको किसी मनोवैज्ञानिक की सलाह दे सकता है। ध्यान रखें, बच्चे की इस समस्या का इलाज करवाना बहुत जरूरी है।
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