Banana Puree – How To Prepare Banana Puree For Your Baby? First Semi-Solid Food
Photo Credit: Mom's Cuddle
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सामग्री

  1. एक केला
  2. एक कांटा या मैशर
  3. कटोरा (बनाने एवं परोसने के लिए)

अपने पिछले लेख में, हमने सेब की प्यूरी बनाने के तरीके और कुछ एहतियाती उपायों एवं इसके सेवन से जुड़ी कुछ बातों के बारे में चर्चा की थी। इस लेख में, हम आपको केले के प्यूरी के बारे में बताएंगे। इससे पहले कि हम केले की प्यूरी बनाना शुरू करें, हम आपसे पुनः आग्रह करेंगे कि इसे देने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपका बच्चा ठोस आहार के लिए तैयार है अर्थात वह 6 महीने से बड़ा हो चुका है। सबसे जरूरी बात यह है कि आपके बच्चे को पहले छह महीने तक सिर्फ स्तनपान / फार्मूला दूध ही देना होता है।

केले के बारे में रोचक तथ्य
  1. केले अन्य कई अच्छे फलों में से एक हैं, जिन्हें पहले ठोस (अर्ध ठोस) आहार की तरह बच्चों के आहार में शामिल किया जा सकता है।
  2. डॉक्टर भी 6 महीने से बड़े बच्चों को दिए जाने वाले पहले फल के रूप में केले की सलाह देते हैं क्योंकि इसका स्वाद बच्चों को बहुत भाता है।
  3. केले पोषण और ऊर्जा का आदर्श स्रोत हैं।
  4. केले में फाइबर, पोटेशियम, विटामिन सी, बी 6 और बीटा-कैरोटीन के साथ-साथ आयरन जैसे खनिजों की भरपूर मात्रा होती है।
  5. केले में पाए जाने वाले फाइबर के कारण यह पाचन और पानी के अवशोषण में सुधार करता है। इससे शिशु को कब्ज जैसे समस्या नहीं होती।
  6. केले का सेवन, शिशु के अन्य भोजनों में पाए जाने वाले पोटेशियम सोडियम के स्तर को बेअसर करता है और इससे बच्चे की हड्डियों को अधिक मजबूती मिलती है।
  7. केले से डायरिया/दस्त लगने जैसी जानलेवा बीमारी से बचने में भी मदद मिलती है।
  8. कई अन्य आहारों, जिनमें अमीनो एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, के विपरीत, केले में यह मात्रा बहुत कम होती है। इसलिए केले में उपस्थित अमीनो एसिड की मात्रा को पचाने में शिशु को कोई परेशानी नहीं होती। साथ ही, इसकी वजह से किसी तरह की खाद्य एलर्जी का भी कोई खतरा नहीं रहता।
  9. केले में मौजूद विटामिन ए रेटिना को बीमारी से बचाता है।
  10. केले में पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम फॉस्फोरस, सल्फर, आयरन और कॉपर होते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह सब शिशु के शुरुआती विकास के लिए जरूरी पोषक तत्वों में से कुछ एक हैं।
केले की प्यूरी बनाने की विधि

1एक पका हुआ केला लें, जो बहुत नरम हो।

2केले के छिलके को साफ करें।

3केला को जितना संभव हो बारीक़ टुकड़ों में काट लें।

4केले के टुकड़ों को मैश कर लें

फिर इन टुकड़ों अच्छे से मसल लें। केले नरम होते हैं, इसलिए इसे मसलने के लिए आपको अतिरिक्त दबाव या किसी ब्लेंडर की आवश्यकता नहीं होती। आप इसे रसोई में पाए जाने वाले कांटे से भी मसल सकते हैं। इसके अलावा, सेब की प्यूरी से विपरीत, आपको केले को उबालना नहीं पड़ता। केले आमतौर पर बहुत नरम होते हैं और आप इन्हें आसानी से मसल सकते हैं। इसे तब तक मसलते रहें, जब तक कि यह प्यूरी ना बन जाए। सुनिश्चित करें कि प्यूरी में कोई गांठ न हो क्योंकि गांठ से घुटन का खतरा पैदा हो सकता है।

5केले की प्यूरी तैयार है

प्यूरी तैयार होने के बाद, आप इसे बच्चे के चम्मच के साथ शिशु को खिला सकते हैं।

कुछ सुझाव
  1. जैसे-जैसे आप आहार विविधीकरण की प्रक्रिया में आगे बढ़ते हैं, आप केले को अनाज, कीवी, आड़ू, नाशपाती, शकरकंद और दही के साथ मिलाकर भी दे सकते हैं।
  2. इस प्यूरी में कुछ भी जोड़ने या नए भोजन की कोशिश करने से पहले 4 दिनों के नियम को नहीं भूलना चाहिए अर्थात अपने बच्चे को दिए गए अवयवों के साथ अनुकूल होने के लिए उचित समय दें।
चेतावनी
  1. केले की प्यूरी को हमेशा ताजा बनाया जाना चाहिए क्योंकि आधे घंटे के बाद इसका ऑक्सीकरण हो जाता है और इससे केला अपने पोषण मूल्य और बनावट को खो देता है।
  2. केले की प्यूरी तैयार करने के तुरंत बाद शिशु को दे देनी चाहिए, क्योंकि आधे घंटे के बाद ऑक्सीकरण की वजह से इसमें पोषण गुण नहीं रहते।

क्या आपके पास कोई सुझाव है या आप चाहते हैं कि हम किसी अन्य फल की प्यूरी के बारे लिखें? कृपया हमें जरूर बताएं। हम एक ऐसी रेसिपी के बारे में लिखने में बेहद ख़ुशी होगी, जिसके बारे में हमारे पाठक जानना चाहते हैं।

यह भी पढ़ें : सेब की प्यूरी – अपने बच्चे के लिए सेब की प्यूरी कैसे बनाएं? पहला अर्ध ठोस भोजन

पूरा वीडियो - अपने बच्चे के लिए केले की प्यूरी कैसे बनाएं?

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