5 महीने के शिशु का स्वास्थ्य और विकास

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Simranjit Kaur

Mother of one, Master of Education with specialization in child-psychology. After becoming mother, I met with real me. I am now learning new concepts of parenting every fresh day and sharing my experiences with other mothers. I believe, one of the most important things that you, as a parent, should work on is - your child's psychology. Understanding the child-psychology will help you build stronger bonds and know them better.

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पांचवें महीने मे आप देखेंगी कि किस तरह से आपका बच्चा बिना किसी सहारे के कुछ समय तक अपने आप ही बैठा रह सकता है। इसके साथ ही आप अपने शिशु को एक तरफ से दूसरी तरफ तक रोलिंग करता हुआ भी देखेंगी।

पांचवे महीने मे आपका बच्चा पहले महीनों से ज्यादा सक्रिय हो जाएगा, इसलिए आपको इस महीने से अधिक सावधानी बरतनी पड़ेगी और शिशु को कभी भी अकेले नहीं छोड़ना है। आपकी थोड़ी सी लापरवाही की वजह से वो बिस्तर या सोफे से गिर सकता है और उसे चोट भी लग सकती है। पांचवें महीने मे आप बच्चे के जमीन पर रेंगने की उम्मीद कर सकती हैं। इस महीने मे उसकी चीज़ो पर पकड़ पहले से अधिक मजबूत हो जाएगी और वह अपनी इस कोशिश को और बेहतर करने के प्रयास मे लगा रहेगा। पांचवें महीने के अंत तक कई शिशु अपने आप ही एक तरफ से दूसरी तरफ पलट कर, फिर से पेट के बल लेटने मे भी समर्थ हो जाते है। आइए हम 5 महीने के बच्चे के स्वास्थ्य और विकास के बारे मे बात करें।

शारीरिक विकास

पांचवें महीने मे, आप देखेंगी कि आपके बच्चे ने कुछ शब्दों को बोलने की क्षमता विकसित कर ली है। आप उन शब्दों को सुनने की उम्मीद कर सकते हैं जिन्हें आप काफी समय से सुनना चाहते हैं जैसे कि “माँ” और “पिता”। ध्यान रहे कि, इन शब्दों को ठीक से बोल पाना अभी आपके पांच महीने के शिशु के लिए कठिन है और इन शब्दों के सही उच्चारण को सुनने के लिए अभी आपको कई महीनों का इंतजार करना पड़ सकता है।

पांचवें महीने मे आप अपने बच्चे को हाथों और पैरों के साथ खेलता देखेंगे। पहले की तरह अब आपके शिशु के रोने मे कमी आएगी। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अब आपका शिशु पहले की तरह हर वक़्त आपकी उपस्थिति नहीं चाहता और वह अकेले ही मज़े से खेलता रहता है।

पिछले महीनों के विपरीत इस महीने मे आपका बच्चा, अब किसी दूर पड़ी वस्तु को देख कर उस पर ध्यान भी केंद्रित कर सकता है। अब आपका बच्चा एक ही रंग की दो अलग-अलग किस्मों के बीच के अंतर को भी जानने लगता है। परन्तु, वह अभी भी प्राथमिक रंगों को ही पसंद करता हैं अर्थात् लाल, पीला और नीला।

पांचवें महीने मे, शिशु विभिन्न प्रकार की आवाज़े सुनना पसंद करते हैं। इसके लिए आपको विशेष खिलौने या उपकरण खरीदने की कोई ख़ास ज़रूरत नहीं है। आप खुद से भी उन आवाज़ों की नक़ल कर सकते है जैसे कि विभिन्न जानवरों की आवाज़ों की नकल करके या सीटी बजा कर।

WHO के अनुसार, 5 महीने की उम्र मे, लड़कों का औसत वजन 6.1 से 9.2 किलोग्राम के बीच होता है, जबकि लड़कियों का औसतन वजन लड़को से थोड़ा कम यानि कि 5.5 – 8.7 किलोग्राम तक होता है।

ऊंचाई की बात की जाए तो, पांच महीने के लड़कों की औसतन ऊंचाई 61.9 – 69.9 सेंटीमीटर हो सकती है, जबकि इस उम्र मे लड़कियों की औसतन ऊंचाई 59.9 – 68.2 सेंटीमीटर के बीच होती है।

ज़रूर पढ़े – 4 महीने के शिशु का स्वास्थ्य और विकास

1नींद

पांचवें महीने मे शिशु की बढ़ी हुई सक्रियता के कारण उसे अधिक आराम और नींद की आवश्यकता महसूस होती है। इसलिए, उसके सोने के समय मे किसी किस्म का बदलाव असामान्य नहीं है।

अधिकांश बच्चे दिन मे सक्रिय होने की वजह से रात को अधिक सोने लगते हैं। लेकिन सब शिशुओं के साथ ऐसा नही होता। अगर इस उम्र मे भी आपका बच्चा ठीक से नही सोता, तो आप उसके सोने के समय को बांधने की कोशिश कर सकती हैं।

बच्चे को जल्दी से सुलाने के लिए उसे गर्म पानी से स्नान करवा कर, उसे एक सौम्य मालिश दे, और कोई कहानी सुनाए या लोरी गुनगुनाये। ऐसा करने से पहले कमरे मे रोशिनी कम कर दे अर्थात जीरो वाल्ट के बल्ब का प्रयोग करे। जैसे ही आपको लगे कि अब उसे नींद आने लगी है, बिस्तर पर लिटा दे। उसके पूरी तरह सोने की प्रतीक्षा ना करे क्योंकि ऐसा करने पर आपका शिशु आपके बिना नहीं सोएगा। अगर आप इस प्रक्रिया को एक निश्चित समय पर करेगी तो आपका शिशु दिन और रात के फर्क को समझने मे सक्षम हो जाएगा।

ज़रूर पढ़े – नवजात बच्चे को जल्दी सुलाने के नुस्खे

2बातचीत

हालांकि रोना आपके बच्चे के लिए अभी भी आप तक अपनी बात पहुंचने का सबसे आसान माध्यम है, लेकिन पांचवे महीने तक आप देखेंगी कि आपके बच्चे ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के कई और तरीके खोज लिए है। आपके द्वारा की गई हास्यप्रद हरकतें जैसे एकदम से कंबल मे से अपना चहेरा उसे दिखाना या अचानक से उसे किसी खिलौने की आवाज़ सुनाने पर आपका शिशु हँस कर अपनी प्रतिक्रिया देगा। ध्यान रखे, आप कुछ भी ऐसा ना करे जिससे बच्चा सहम जाए।

इस महीने की शुरुआत मे, बच्चा किसी भी परिचित ध्वनि को सुनने पर प्रतिक्रिया करेगा। पांचवें महीने मे, आप देखेंगे कि बच्चे ने बड़बड़ाना शुरू कर दिया है और कई बार तो उसका उच्चारण बिल्कुल सही होगा। इस समय तक, आप अपेक्षा कर सकते हैं कि आपका बच्चा “माँ-माँ, द-दा, ता-ता” जैसे कुछ शब्दों को आपके पीछे दोहराने भी लगेगा।

इस महीने मे, आप उम्मीद कर सकते है कि आप अपने बच्चे को जो भी खिलौना देती हैं, वह उसको नाम से याद रख पाएगा। इसलिए आप उसे जब भी कोई खिलौना देती हैं, तो उसे बताएं कि, “यह एक कुत्ता है” या “यह एक गुड़िया है” या “यह एक कार है।” उसकी मदद के लिए आप विभिन्न ध्वनियों के साथ वस्तुओं को जोड़कर भी बता सकती है। उदाहरण के लिए, यदि आप उसे खिलौने के रूप मे कुत्ता देती हैं तो उसे बताएं कि कुत्ता कैसे आवाज़ निकालता है। ऐसा करने से आपका शिशु नए शब्दों को जल्दी से सीख लेगा और वह वस्तुओं को उनके नाम से या उनसे आने वाली ध्वनि से पहचानने लगेगा।

3माता-पिता के लिए कुछ सुझाव

  • पांच महीने के शिशुओं मे संगीत को लेकर काफी दिलचस्पी होती है। इस उम्र मे बच्चे किसी गीत या संगीत को सुनने पर अपनी प्रतिक्रिया भी देते है। जब उनको कोई संगीत पसंद आता है, तो शिशु अपनी मुस्कुराहट से आपको अपनी भावना व्यक्त करते है। इसलिए उन्हें विभिन्न प्रकार के संगीत सुनाने की कोशिश करे।
  • ड्रग्स या नशीले और विषैले पदार्थों को बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
  • ध्यान रहे कि शिशु के आसपास कोई भी गर्म वस्तु जैसे चाय, पानी, दाल, सब्जी इत्यादि न रखें। इनसे आपका बच्चा किसी भी वक़्त चोटिल हो सकता है।
  • गर्मियों मे अगर आप को लम्बे समय के लिए अपने शिशु के साथ घर से बाहर जाना पड़ता है, तो जहाँ तक संभव हो सूर्य के सीधे सम्पर्क से अपने शिशु को सुरक्षित रखें। बच्चे को बाहर ले जाने से पहले सुनिश्चित कर लें कि आपने उसके सिर, हाथों, और पैरों को अच्छी तरह से ढक लिया हो। अपने बच्चे के साथ यात्रा करते समय कार की सीट का उपयोग करें।
  • उम्र के हिसाब से जरूरी टीकाकरण को भी ध्यान मे रखें।

यद्यपि, यह माना जाता है कि 6 महीने की उम्र तक किसी भी प्रकार का ठोस आहार शुरू नहीं करना चाहिए। लेकिन, प्रत्येक बच्चे (वजन, ऊंचाई, विकास) की विशेषताओं के अध्यन के बाद, केवल एक बाल रोग विशेषज्ञ ही आपको शिशु के आहार मे बदलाव की जरूरी सिफारिश कर सकता है।

अपने बच्चों के चिकित्सक की सलाह के बिना आपने शिशु के आहार मे किसी तरह का कोई परिवर्तन न करें।

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