
चार महीने की उम्र के बाद, आप देखेंगी कि अब आपके बच्चे मे उसके आसपास उपस्थित सभी वस्तुओं को जान लेने की जिज्ञासा और उत्सुकता बढ़ती जा रही है। इसके साथ ही आप यह भी देखेंगी कि इन सब चीज़ों को जानने और समझने के लिए उसने अपने ही तरीके विकसित कर लिए है।
नर्वस सिस्टम और मस्कुल्स्केलेटल (musculoskeletal) मे हो रहे दैनिक विकास के साथ, आप देखेंगे कि आपका बच्चा तेजी से सक्रिय हो रहा है। चौथे महीने से आपके लिए अपने बच्चे को आहार दे पाना चुनौती भरा होने वाला है। इसका प्रमुख कारण शिशु के शरीर मे होने वाले विकास और उसकी वजह से आने वाली फुर्ती है।
शारीरिक विकास
चौथे महीने तक आप नियमित रूप से अपने बच्चे मे शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विकास की उम्मीद कर सकती हैं। आपका शिशु, विकास के उस स्तर तक पहुंच चुका है जिसके बाद वह मांसपेशियों को अपने हिसाब से नियंत्रित करके, उनको और अधिक हरकत मे लाना शुरू करता है।
चौथे महीने के अंत तक आप अपेक्षा कर सकती हैं कि आपका बच्चा पीछे की तरफ पलटी खा कर, अपने आप ही पेट के बल लेट सकता है। आप कई बार उसे सिर को दाएं से बाएं ओर मोड़ता हुआ भी देखेंगी।
मुझे याद है कि किस तरह मेरी बेटी पेट के बल लेटे हुए भी अपने सिर और पैरों को ऊपर की ओर उठा लेती थी। वह अपने एक पैर को उठाकर, अपने हाथों से पकड़ लेती थी, और उसे मुंह में डालने का भरपूर प्रयास करती थी। कभी-कभी तो वो ऐसा कर पाने मे कामयाब भी हो जाती थी।
इस महीने मे आप अपने बच्चे को हाथों और पैरों को बार-बार पकड़ता और मुंह मे डालता हुए देख सकती हैं। आपका बच्चा बेतरतीब ढंग से पैरों को आगे, पीछे और साइकिल चलाने जैसी अवस्था में गोल-गोल घुमाने लगेगा। आप शिशु के हाथों और उंगलियों मे बढ़ी हुई ताकत को महसूस कर पाएंगी। यदि आप उसे एक उंगली पकड़ाती हैं, तो आप उम्मीद कर सकती हैं कि वह आपकी ऊँगली पकड़ कर, लेटे हुए ही खुद को ऊपर उठाने का प्रयास करेगा। चौथे महीने से उसके शरीर मे आयी सक्रियता ही उसके ऐसा कर पाने का कारण है।
लेकिन, आपका शिशु अभी भी सभी उंगलियों से किसी वस्तु को उठाने या पकड़ने मे समर्थ नही है। उसके लिए अभी भी यह जान पाना बहुत कठिन है कि कोई वस्तु उसकी आँखों से कितनी दूरी पर है। लेकिन इन सब के बावजूद, अगर आप कोई भी वस्तु उसकी आँखों के इर्दगिर्द घुमाएंगे, तो आपका शिशु उसे टकटकी लगाकर जरुर देखेगा और उसे अपनी नज़रों से उस वस्तु का पीछा अवश्य करेगा। आप किसी भी 4 महीने के शिशु से इस प्रकार की प्रतिक्रिया की उम्मीद कर सकतीं हैं।
आइए, अब इस उम्र के शिशु के वजन और कद के बारे मे बात करते हैं। 4 महीने की आयु के किसी भी लड़के का औसतन वजन 5.6 – 8.6 किलोग्राम के बीच होता है, जबकि इसी उम्र की किसी भी लड़की का वजन 5.1 and 8.1 किलोग्राम के बीच हो सकता है।
जहाँ तक इस उम्र के शिशुओं के कद की बात है, तो चार महीने के लड़के का कद औसतन 60.0 – 67.8 सेंटीमीटर के आसपास हो सकता है, जबकि इसी उम्र की लड़की का कद औसतन 58.0 – 66.2 सेंटीमीटर के बीच होगा।
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1नींद
इस उम्र तक के बच्चे की नींद मे भी स्थिरता आने लगती है। चौथे महीने मे आपको रात मे जाग कर अपने शिशु को दूध नहीं पिलाना पड़ता और न ही आपका शिशु पहले जैसे दूध की मांग करता है। ऐसा करने के पीछे प्रमुख कारण है, चौथे महीने से शुरू हुई उसकी अन्य गतिविधियां, जिनके कारण शिशु रात को थक कर अच्छी नींद ले पाता है।
आप अपने बच्चे के सोने के घंटों में बदलाव देखेंगीं। आमतौर पर, चौथे महीने मे शिशु रात को लगभग 8-12 घंटे सो लेते हैं। लेकिन, फिर भी आप उनके मध्यरात्रि मे जागने की संभावना से इनकार नहीं कर सकते।
2बातचीत
चौथे महीने तक आपका बच्चा शोर के प्रति सतर्क हो जाता है और अपने हिसाब से प्रतिक्रिया भी देने लगेगा। वह किसी ख़ास किस्म के संगीत को, कुछ चुनिंदा गानों को, और खासकर अपनी माँ की आवाज़ को, औरों से अलग करना सीख लेता है और प्राथमिकता भी देने लगेगा।
चौथे महीने तक आपका शिशु यह सीख जाता है कि उसके आसपास उपस्थित लोग, शिशु के किस हाव-भाव पर क्या और कैसी प्रतिक्रिया देंगे। उसे जो भी चाहिए होता है वो उसे रो कर प्राप्त करने की कोशिश करेगा।
चौथे महीने में शिशु अपनी भाषा मे (कूं-कूं) बात करने का प्रयास करने लगते है और उनका स्वर हर परिस्थिति के मुताबिक बदलता रहता है। चौथे महीने मे आप शिशु को खेलते वक़्त आवाज़ें निकालते और हँसते हुए देखने की उम्मीद कर सकते हैं।
किसी प्रकार का शोर या आवाज सुनने पर आपका शिशु जहाँ से वह आवाज़ या शोर आ रहा हो, उस तरफ मुड़ कर देखने लगेगा। ऐसा करते हुए वह बहुत ही शांत और विचारशील बन जाता है।
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3माता-पिता के लिए कुछ सुझाव
जैसा कि मैंने पहले कहा, इस उम्र मे आपके शिशु मे सब कुछ खुद से जान लेने की उत्सुकता बढ़ने लगेगी, तो आपको भी चाहिए कि अपने शिशु को जितनी हो सके, उतनी वस्तुएं प्रदान करें। उसे खुद ही चीज़ो को टटोलने दे। उसे खुद से यह जांचने दे कि उसके पास कौन सी चीज़ है। ऐसा करने के लिए चाहे आपका शिशु उस चीज़ को देखे, उसे चखे, या महसूस करे।
ध्यान रखे, अपने शिशु को घटिया किस्म के (गुणवत्ता के आधार पर) खिलौने ना दे क्योंकि वह अक्सर अनुचित रसायन और दूषित सामग्री से बने होते हैं। इसके अलावा, उन चीजों को देने से बचे जिनमे किसी प्रकार का नशीलापन हो जैसे कि दवाई की शीशी। कोई भी ऐसी चीज़ ना दे जो बहुत छोटी हो क्योंकि ऐसी चीज़ को शिशु निगल भी सकता है, जो कि जानलेवा साबित हो सकती है।
अपने बच्चे के साथ समय व्यतीत करें। उसे कहानियां सुनाएँ, कविताओं या गीतों को गुनगुनाएं और उसे अपनी बाहों मे उठाएँ। शिशु को अपनी भावनाओं महसूस करने दें और उसे आपकी आवाज़ भी सुनने दे।
इस महीने मे आप अपने बच्चे से कुछ सक्रिय गतिविधियों की अपेक्षा कर सकती हैं। इसलिए आपको सुरक्षा की नज़र से चीजों को सुनिश्चित कर लेना चाहिए। यद्यपि, अधिकांश बच्चे इस उम्र में चलने या अपने आप खड़े होने मे सक्षम नही होते, फिर भी आपको दरवाजे, घर के कोनों, तेज किनारों, नशीले और विषैले पदार्थों, और दवाइयों से अपने शिशु की सुरक्षा के बारे में सोच लेना चाहिए। खुद चौकना रहने के साथ ही आप यह सुनिश्चित करें कि यह सब चीज़े आपके शिशु की पहुँच से बहुत दूर हो।
यद्यपि, यह माना जाता है कि 6 महीने की उम्र तक किसी भी प्रकार का ठोस आहार शुरू नहीं करना चाहिए। लेकिन, प्रत्येक बच्चे (वजन, ऊंचाई, विकास) की विशेषताओं के अध्यन के बाद, केवल एक बाल रोग विशेषज्ञ ही आपको शिशु के आहार में बदलाव की जरूरी सिफारिश कर सकता है।
अपने बच्चों के चिकित्सक की सलाह के बिना आपने शिशु के आहार में किसी तरह का कोई परिवर्तन न करें।
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