
बधाई हो! अब आपका बच्चा दो महीने का हो चुका है। अब तक आपने परवरिश के कई तरीकों में निपुणता हासिल कर ली होगी। आइए जानते हैं 1-2 महीने के शिशु का स्वास्थ्य और विकास किस प्रकार से उनन्त होता है।
दो महीने की उम्र में; अब आप अपने बच्चे के व्यक्तित्व की कुछ पहली झलकियों देखने की उम्मीद कर सकते हैं। आप महसूस करेंगी कि आपका बच्चा, उसके चारों ओर होने वाली चीजों के बारे में बहुत दिलचस्पी लेने लगेगा।
पहले महीने के बाद, अब आपका बच्चा अपने सिर को (थोड़ी अवधि) के लिए उपर उठाने लगेगा। आपके द्वारा की गई प्रतिक्रियाओं या आपके चेहरे के हाव-भाव के जवाब में, आप उसकी मुस्कान की आशा कर सकते हैं। इस महीने के दौरान, आप अपने शिशु के ख़ान-पान, नींद, रोने, और खेलकूद इत्यादि में सभी प्रकार के परिवर्तनों की उम्मीद कर सकते हैं।
प्रत्येक बच्चा अलग है और हर नवजात शिशु की विकास करने की अपनी गति होती है। किसी भी प्रकार के विकास चार्ट (growth chart) के उल्लेख करने से पहले आपको अपने शिशु की बेहतरी के लिए कुछ नए और अनूठे तरीके सीख लेना जरूरी होता हैं।
सुनने और देखने में यह असामान्य लग सकता है, लेकिन यह सच है। कुछ बच्चों का विकास अन्य बच्चों के मुक़ाबले में अधिक तेजी से होता है। परन्तु, इसका यह अर्थ नहीं है कि अगर आपके बच्चे की विकास दर दूसरे बच्चों के मुकाबले कम है तो आपके बच्चे में विकास संबंधी कोई समस्या है। फिर भी अगर आपको कोई संदेह हो तो, बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह अवश्य ले। बाल रोग विशेषज्ञ आपके शिशु के वजन, ऊंचाई, स्वास्थ्य आदि जैसे कई कारकों का अध्यन करने के बाद पर इस बात को पुख़्ता कर सकता है कि विकास की गति सामान्य है या नहीं।
1शारीरिक परिवर्तन
पहले महीने के मुकाबले अब आप महसूस करेंगी कि आपके बच्चे का उसके शरीर पर नियंत्रण बढ़ गिया है। आपको अपने शिशु में सिर से लेकर पैर तक प्रगति होती हुई दिखाई देगी। दूसरे महीने की शुरुआत से आप देखेंगी कि आपका बच्चा आमतौर पर अपनी मुठियाँ बंद रखता है। यदि आप उसके हाथ में अपनी एक उंगली देंगे, तो वो उसे भी बहुत ही मजबूती से पकेड़गा।
अपने दूसरे महीने में आपका शिशु पेट के बल लेटे हुए भी अपने सिर को उपर उठाने में सक्षम हो जाएगा, फिर चाहे वो कुछ ही सेकंड के लिए ही क्यों ना उठाए। आप देखेंगी कि आपका शिशु हर वक़्त मुँह में कुछ ना कुछ डालने के लिए निरंतर प्रयत्नशील रहेगा। कभी उंगली और कभी-कभी तो पूरी मुट्ठी को ही मुँह में डालने की पुरजोर कोशिश में लगा रहेगा।
जहाँ तक वजन की बात है, दो महीने की उम्र में लड़कों का औसतन वजन 4.4 – 7.0 किलोग्राम के आसपास होता है, जबकि लड़कियों में यह थोड़ा कम होता है – लगभग 4.0 – 6.5 किलोग्राम।
ऊंचाई के मामले में; दो महीने का लड़का 54.7 – 62.2 सेंटीमीटर के आसपास होता है, जबकि लड़कियों की ऊंचाई 53.2 – 60.9 सेंटीमीटर पहुँच जाती है।
ज़रूर पढ़े – 0-1 महीने के शिशु का स्वास्थ्य और विकास
2वार्तालाप/बातचीत
दो महीने की समाप्ति तक शिशु अपनी आंखों के समक्ष हिलजुल करती वस्तुओं का पीछा करने लगता है और हरे रंग सहित कई अन्य रंगों को पहचानना भी शुरू कर देते हैं।
इस उम्र में बच्चा आवाज़ों पर प्रतिक्रिया करना शुरू कर देता है और स्वयं के तरीकों से उसके चारों ओर होने वाली हर चीज का जवाब देने की कोशिश करता है। विभिन्न शोधों से यह साबित हुआ है कि माँ की आवाज़ पर बच्चा ज़्यादा तेजी से प्रतिक्रिया करता है।
बच्चों के हाथों और आँखों में किसी तरह की कोई समन्वयता (co-ordination) नहीं दिखाई पड़ती। चाहे आपका शिशु अपने हाथों से खिलौनों में हेरफेर नहीं कर सकता है, लेकिन वह उसके सामने लटका हुआ कोई भी खिलौना पकड़ने के लिए भरपूर कोशिश करता है।
3नींद
सभी शारीरिक परिवर्तन और लगातार होने वाली नियंत्रित शारीरिक गतिविधियों के बावजूद आपका 2 महीने का बच्चा रोजाना 15-16 घंटे के आसपास सोएगा। 2 महीने में भी आप उसके रात को जगने की उम्मीद कर सकते हैं।
कुछ माता-पिता मानते हैं कि बच्चे की अच्छी नींद के लिए उसकी नींद का समय निर्धारित करना एक सही प्रक्रिया है। इसी धारणा से वह अपने शिशु को दिन में जगाए रखने का हर संभव प्रयास करते हैं। मेरे हिसाब से अगर शिशु सोना चाहता है तो उसे सोने देना चाहिए। परंतु अगर आपका शिशु इस प्रक्रिया का विरोध ना करे तो उसकी नींद का समय बाँधने के लिए यह एक अच्छा तरीका है।
याद रहे कि शिशु के स्वास्थ्य और विकास में नींद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए आपको यह सुनिश्चित करना अत्यंत जरूरी है कि आपका बच्चा सही नींद ले रहा हैं या नहीं। 2 महीने के शिशु को पीठ के बल सुलाने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे SIDS, अर्थात शिशु की अचानक होने वाली मृत्यु का ख़तरा कम हो जाता है।
ज़रूर पढ़े – नवजात बच्चे को जल्दी सुलाने के नुस्खे
4माता-पिता के लिए कुछ सुझाव
पहले महीने के बाद आपको दिन के दौरान बच्चे की स्थिति को हमेशा बदलते रहना चाहिए। ऐसा करने का एक बड़ा फ़ायदा यह होगा कि आपके ऐसा करने पर आपका शिशु उसकी सभी मांसपेशियों के बारे में समझ पाएगा।
2 महीने के दौरान आप अपने शिशु को अब पेट के बल लिटा सकती हैं ताकि वह अपने शरीर से हर संभव अभ्यास कर सके जैसे कि सिर को थोड़ा ऊपर उठाना इत्यादि। परंतु, अगर आपका शिशु उसे उल्टा लिटाए जाने का विरोध करता है, तो इसे ना करे।
शिशु से सीधा संपर्क और त्वचा से त्वचा के संपर्क जैसे अन्य अभ्यासों की इस उम्र में सिफारिश की जाती है। इसके साथ ही आप मालिश भी कर सकती है और शिशु को अपनी बाहों में इस तरह से भी पकड़ सकते है कि आपका शिशु आपको महसूस कर सके।
पहले महीने या 45 दिन के बाद आप अपने बच्चे को बाहर घुमाने ले जा सकती है। इसलिए, आपको एक प्रैम (pram) या एक परिवर्तनीय शिशु कार सीट (convertible baby car seat) की आवश्यकता होगी। इनको आप ऑनलाइन या किसी भी सम्बंधित नज़दीकी स्टोर से खरीद सकते है।
साथ ही यह भी ध्यान रखें कि ऐसे उपकरणों में अपने शिशु को ज़्यादा समय ना बिठाए और आवश्यक समय तक ही सीमित रखें। खरीदने से पहले इंटरनेट पर छानबीन जरुरू कर ले और उचित विश्लेषण के बाद ही इन उपकरणों को खरीदे।
जरूर पढ़े – जानिए क्या आपने सुरक्षित बेबी कार सीट खरीदी है?
अंत मैं मैं फिर यही कहूँगी कि हर बच्चा अद्वितीय है। चाहे आपका बच्चा विकास के चरणों के मुकाबले तेज़ी से विकसित हो या उसकी विकास दर औरों से धीमी हो, पर उसको विकास के चरणों का पालन करना होगा।
शिशु के स्वास्थ्य और विकास की और अधिक जानकारी
Do you need more help?
क्या आपको और मदद चाहिए?
- Write a Comment
- Write a Review
- Ask a Question
Be kind to others. False language, promotions, personal attacks, and spam will be removed.Ask questions if any, by visiting Ask a Question section.
दूसरों के प्रति उदार रहें, अभद्र भाषा का प्रयोग ना करें और किसी भी तरह का प्रचार ना करें।
यदि कोई प्रश्न हो तो, अपना प्रश्न पूछें सेक्शन पर जाएं।
सबसे पहले अपना अनुभव बाँटे।

















