
आप भी हैरान हो रही होंगी कि आज मैं आप से किस बारे में बात कर रहीं हूँ ? वास्तव में, शिशु के जन्म के बाद माताओं को कई प्रकार के नए अनुभव होते है, जिस में से एक शिशु के शारीरिक विकास में वृद्धि भी होता है।
शारीरिक विकास में वृद्धि एक बहुत ही सामान्य बात है और यह हर बच्चे के साथ होती है। इस लेख के माध्यम से, मैं खासतौर पर कुछ ऐसे ही लक्ष्णों की बात करुँगी, जिन को पढ़ने के बाद आप शिशु की शारीरिक विकास में वृद्धि को आसानी से समझ पाएंगी।
एक बार मैं अपनी बेटी के लिए एक पौशाक (जंप सूट) लाई, जो उस वक़्त तो बिल्कुल मेरी बेटी के नाप का था और फिट भी आ गया, परन्तु, जब मैंने एक सप्ताह के बाद उसे वही पौशाक पहनाई, तो ऐसा लग रहा था, कि मानो यह कभी उसके लिए बनी ही नहीं थी।
तब मुझे अहसास हुआ कि मेरी बेटी की शारीरिक विकास में वृद्धि आई है। आइए, आज हम शारीरिक विकास में वृद्धि के लक्षणों के बारे में बात करते है।
1.बहुत ज्यादा या बिलकुल भूख न लगना
बहुत ज्यादा भूख लगना या बिल्कुल भी भूख न लगना, आपके शिशु की शारीरिक विकास में वृद्धि का एक सामान्य सा लक्षण है। कुछ शिशु जब इस दौर से गुज़रते है, तो उन में ज्यादा भूख लगने के लक्षण देखे गए हैं, जबकि अन्य शिशुओं में ऐसा कुछ नहीं देखा गया। ऐसा भी पाया गया है कि कुछ शिशुओं को इस समय के दौरान हर घंटे बाद आहार देना पड़ता है, जबकि कई शिशु कुछ भी खाने से बिल्कुल मना कर देते हैं। जब शिशु शारीरिक वृद्धि के दौर से गुज़र रहे होते हैं, तो भूख को लेकर ऐसे बदलाव देखे जाना बहुत ही सामान्य है।
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2.बहुत ज्यादा सोने या बिल्कुल न सोना
जब शिशु शारीरिक वृद्धि के दौर से गुज़र रहे होते हैं, तो नींद दूसरी सबसे प्रभावित होने वाली चीज़ है। बहुत बार आप ऐसा देखेंगी कि आपका शिशु सोया रहना चाहता है। ऐसे में उसे सोने दे और इस में कुछ भी गलत या चिंतित होने जैसा नहीं है। आपको यह समझना चाहिए कि बहुत सारे शारीरिक परिवर्तन तब होते हैं जब बच्चे सो रहें होते हैं।
इसके अलावा, यदि आपको लगता है कि इस नींद के दौरान आपके बच्चा भूखा रह गया होगा, तो ऐसा कुछ भी नहीं है, क्योंकि नींद से जागने के बाद आपका शिशु अपने छूटे हुए फ़ीड को ले लेगा।
3.शिशु का बहुत ज्यादा परेशान करना
भारतीय परिवारों में, ऐसे हालातों में जहा आप आपने बच्चे में किसी भी किस्म का बदलाव देखने लगते हैं, तो हम देसी नुस्खे अपनाने लगते है। जब हम देखते हैं कि हमारा बच्चा ठीक से खा नहीं रहा या सो नहीं रहा, हम यह मान लेते है कि या तो उसे पेट में दर्द है या उसे भूख लगी हुई है। परन्तु, हमें समझना चाहिए कि जब एक बच्चा शारीरिक वृद्धि के दौर से गुज़र रहा होता है, तो वह खुद ही इन बदलावों से खुश नहीं होता।
ऐसे में आप देखेंगी कि आपके शिशु के व्यवहार में ही नहीं, बल्कि स्तनपान करने की रूचि में भी बदलाव आएगा। उसका स्तनपान को पूरी तरह से मना कर देना भी संभव है और ज्यादातर ऐसा शाम के समय में होता है।
मेरी बेटी भी जब शारीरिक विकास में वृद्धि के इस दौर से गुज़री, पहले तो मैं अपनी बेटी के इन बदलावों को बिल्कुल भी समझ नहीं पाई। मेरी बेटी घंटो सोई रहती थी, और कभी-कभी तो लगातार 4 घंटे तक बिना जगे सोए रहती थी। और कई बार मुझे उसे हर 1-2 घंटे बाद दूध पिलाना पड़ता था। कई बार वह बहुत परेशान करती थी, और ऐसा ज्यादातर शाम के समय ही होता था। उसे मेरे किसी भी इलाज से कोई आराम मिलता था। परन्तु, यह दौर मेरी उम्मीद से भी पहले गुज़र गया।
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यदि आप मुझसे पूछते हैं कि यह वृद्धि आमतौर पर कब होती है, तो मैं बताना चाहूंगी कि यह बच्चे के जन्म के पहले वर्ष में कभी भी हो सकती है। लेकिन, आमतौर पर 7-20 दिन, 2-3 सप्ताह, 4-6 सप्ताह, 3 महीने, 4 महीने, 6 महीने, और 9 महीने में होती है। ऐसा नहीं है कि ऊपर दिए गए समय के अनुसार यह वृद्धि हर बार होती है। जैसा मैंने पहले भी कहा है कि हर शिशु की के विकास की गति अलग होती है।
आपको अपने बच्चे के जीवन के इस चरण के दौरान बहुत ही धीरज से काम लेना होता है। मैं मानती हूँ कि यह बहुत मुश्किल समय है, परन्तु यकीन मानिए, यह समय बहुत ही जल्दी गुज़र जाता है। भले ही इस चरण के दौरान आपके शिशु को किसी दर्द से गुज़रना नहीं पड़ता है, परन्तु फिर भी आपका शिशु काफी परेशानी से गुज़रता है। इसलिए, जब तक आपका शिशु इस दौर से गुज़र नहीं जाता, अपना धैर्य न छोड़े।
अपने बच्चे के विकास की वृद्धि को लेकर अपने अनुभवों के बारे में हमें ज़रूर बताएं।
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