बाल रोग विशेषज्ञों की माने तो औसतन हर शिशु को जन्म के बाद इस पड़ाव से गुज़रना पड़ता है जिसे पीलिया कहा जाता। किसी किसी शिशु के केस मे तो पीलिया बहुत जल्दी ठीक हो जाता है पर कई बार शिशु को लंबे समय तक इस तकलीफ से जूझना पड़ता है। आमतौर पर नवजात शिशु जो पीलिया से ग्रस्त होते है, को ठीक होने मे 2 या 3 दिन से लेकर 3 सप्ताह तक का समय लग जाता है। पर जब पीलिया 14 – 21 दिन के बाद भी ठीक नही होता तो उसे लंबे समय तक रहने वाला पीलिया कहा जाता है।
ज़्यादातर, बाल रोग विशेषज्ञों का मानना है कि पीलिया एक आम बात है और बहुत बारी अपने आप भी ठीक हो जाता है। पर लंबे समय तक रहने वाले पीलिए के बारे मे ऐसा नही माना जा सकता और उसको आमतौर पर होने वाले पीलिए की तरह नही देखा जा सकता।
लंबे समय तक रहने वाला पीलिया, समय से पहले पैदा होने वाले बच्चों मे और जरूरत से कम के वजन वाले नवजात शिशुओं मे, ज़्यादा पाया गया है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक रहने वाले पीलिए के लक्षण हाइपरथायरॉडीज, चयापचय संबंधी रोग, पित्त द्वार या नवजात हेपेटाइटिस से जुड़े हो सकते हैं। थायरॉयड रोग, आर्ट्रेसिया पित्त संक्रमण, हेपेटाइटिस या अन्य यकृत संक्रमण की उपस्थिति भी, कुछ और कारण हो सकते हैं।
लंबे समय तक रहने वाले पीलिए के कारण क्या हैं?
लंबे समय तक रहने वाला पीलिया, संक्रमण का, थायरॉयड रोग या रक्त विकार का, हेपेटाइटिस का या अन्य यकृत रोग या अधिग्रहीत का पहला लक्षण हो सकता है। पीलिए का यह रूप आमतौर पर जीवन के सातवें दिन के बाद शुरू होता है और कई हफ्तों से दो महीने तक रह सकता है। जैसा कि मैने पहले कहा, यह आमतौर पर समय से पहले जन्मे शिशुओं और कम वजन के साथ जन्मे शिशुओं मे होता है।
पीलिया आमतौर पर बिलीरुबिन के उत्पादन और (ख़ात्मे) उन्मूलन के बीच असंतुलन के बाद होता है। ऐसे कई कारण होते हैं जो नवजात शिशुओं मे पीलिया के विस्तार मे योगदान कर सकते हैं:
- हाइपोथायरायडिज्म
- पित्त अविवरता
- गैलेक्टोसिमिया
- मेटाबोलिक रोग
- संक्रमण
- नवजात हेपेटाइटिस या अन्य यकृत रोग
लंबे समय तक रहने वाले पीलिए के लक्षण क्या हैं?
- लंबे समय तक रहने वाले पीलिए के लक्षण, नवजात शिशु के चेहरे और माथे से शुरू हो कर धीरे-धीरे शरीर के अन्य हिस्सों जैसे ट्रंक और हाथों मे विस्तारित हो जाते है।
- तंत्रिका संबंधी लक्षणों मे मांसपेशियों के बदलाव, रोना (बेवजह और बेवक़्त), और उनींदापन हैं।
- आप अपने नवजात शिशु का मल जाँचे – उसकी दस्त पीली होगी और उसके लंगोट पर ही पीले मूत्र के दाग होंगे।
लंबे समय तक रहने वाले पीलिए जाँच पड़ताल कैसे की जानी चाहिए?
पूरी तरह से दृश्य निरीक्षण पर भरोसा मत करें। किसी भी प्रकार के अलार्म या संदेह होने के बाद, तुरंत अपने चिकित्सक के पास जाएं। लंबे समय तक रहने वाले पीलिए के लिए कई प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं जैसे ट्रांसकाउंटियस बिलीरुबिनोमीटर का उपयोग करना, सीरम बिलीरुबिन को मापना, और कई अन्य।
लंबे समय तक रहने वाले पीलिए के उपचार क्या हैं?
सामान्य तौर पर, नवजात शिशुओं के केस मे पीलिए के किसी विशेष उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन अगर यह 3 सप्ताह से अधिक समय तक बना रहता है तो एक बाल रोग विशेषज्ञ या एक नियोनोटोलॉजिस्ट द्वारा आगे की जांच आवश्यक है।
लंबे समय तक रहने वाला पीलिया यकृत समस्याओं की और भी इशारा करता है कारण की घटना का सुझाव दे सकता है। कोलेस्टेटिक लीवर रोगों के साथ जन्मे बच्चों की प्रारंभिक पहचान महत्वपूर्ण है क्योंकि एक सही निदान और उचित उपचार बहुत महत्वपूर्ण है।
कृपया ध्यान रखें कि आप पीलिए को हल्के मे ना ले रहे हों क्योंकि यह आपके बच्चे को एक दुर्लभ लेकिन गंभीर जटिलता के जोखिम मे डाल सकता है, जिसको कार्निकेटरस के नाम से जाना जाता है और जिससे मस्तिष्क की क्षति भी हो सकती है।
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