अगर आपका बच्चा हमेशा की तुलना में, ज़्यादा रो रहा है, चिड़चिड़ा है या पहले से ज़्यादा अपने कानों को खींच रहा है, तो इस बात की पूरी संभावना है कि वह कानों के संक्रमण से परेशान है। एक शोध के मुताबिक, तीन साल की उम्र तक पहुँचने से पहले, 6 में से 5 (लगभग) बच्चों को कानों के संक्रमण से गुज़रना पड़ता है। इसके अलावा, कानों के संक्रमण से जुड़े, कई छोटे-बड़े मामले आमतौर पर देखे जाते हैं। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि समस्या के गंभीर होने से पहले, किसी विशेषज्ञ से ज़रूर मिल लिया जाए। इस लेख में, हम आपको कानों में संक्रमण के लिए घेरलू उपचार बताएंगे। अगर आपको लगता है कि आपके शिशु की समस्या ज्यादा गंभीर नहीं है, तो आप इन उपचारों से लाभ उठा सकते हैं।
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1दर्द से राहत के लिए गर्म संकोचन
लंबे समय तक गर्म संपीड़न का इस्तेमाल करके न केवल कानों का, बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों का दर्द भी कम किया जा सकता है। इस विधि को करने के लिए आपको एक तौलिया लेना है और उसे गर्म पानी में डुबो कर, अच्छे से निचोड़ कर, उसे त्वचा पर लगाना होता है। लगाने से पहले यह जाँच लें कि तौलिया (शिशु के लिए) ज़्यादा गर्म न हो। यदि तौलिया उपलब्ध नहीं है, तो आप भी ले सकते हैं। गर्म संपीड़न, रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाने में मदद करता है जिससे दर्द को बहुत हद तक कम करके आराम पाया जा सकता है।
2अधिक मात्रा में तरल पदार्थ
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि जब भी शिशु को किसी भी तरह का संक्रमण होता है, तो उसे पर्याप्त तरल पदार्थ देने से ही समस्या का काफी हद तक हल हो जाता है। जब बात कान के संक्रमण की होती है, तो हाइड्रेटेड रहने से ईस्टाचियन ट्यूब को खुलने में मदद मिलती है, जिससे जमा हुआ तरल पदार्थ आसानी से बाहर आ जाता है।
3गर्म तेल से भी लाभ होता है
कानों के संक्रमण से जुड़े मामलों में गर्म तेल एक बेहद लाभकारी उपाय माना जाता है। चाहे वह या , कान में कुछ बूंदें डालने से ही सूजन इत्यादि से आराम मिल जाता है। यहाँ इस बात का ध्यान रखें कि आपको यह तभी करना है जब शिशु के कान से कोई द्रव न आ रहा हो।
4स्तनपान
यदि आपने अभी तक स्तनपान बंद नहीं किया है, तो कानों के संक्रमण की वजह से होने वाले दर्द से छुटकारा पाने के लिए स्तनपान सबसे अच्छा उपाय है। स्तन के दूध को बैक्टीरियल गुणों के विरोधी माना जाता है और जितना अधिक आप स्तनपान करवाती हैं, उतनी ही आपके शिशु के जल्दी ठीक होने की संभावना है। इतना ही नहीं, जिन बच्चों को 12 महीनों तक स्तनपान करवाया जाता है, उनमें आगे चल कर भी ऐसे संक्रमण होने की संभावना कम होती है।
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5अपने बच्चे के सिर को ऊपर उठाना
अगर आप सोते समय अपने बच्चे के सिर को थोड़ा ऊपर उठाते हैं, तो इससे साइनस ड्रेनेज में काफी सुधार होता है। ऐसा करने के लिए अपने बच्चे को एक तकिया देने की बजाय, आप बिस्तर के स्तर को ऊपर उठाने के लिए गद्दे के नीचे तकिया रख सकते हैं।
इतना ही नहीं यदि आप अपने बच्चे को इस तरह सुलाते हैं कि उसका संक्रमित कान ऊपर की ओर हो, तो इससे भी कान से दबाव को दूर करने में मदद मिलती है।
6बच्चे के कानों को सहलाना
मानो या न मानो, धीरे से अपने बच्चे के कानों को सहलाने से भी उसे राहत मिलती है। ऐसा करने के लिए आपको बच्चे के कान को नीचे से पकड़ कर हल्के से खींचना है और छोड़ देना है। इसी प्रक्रिया को कुछ समय के लिए दोहराना है। ऐसा करने से शिशु की ईस्टाचियन ट्यूब को खुलने में मदद मिलती है और उसे कानों के संक्रमण की वजह से होने वाले दर्द से राहत मिलती है।
क्या आपके बच्चे को भी कानों में संक्रमण से गुज़रना पड़ा था? उस स्थिति में आपने किस घरेलू उपचार का प्रयोग किया था? क्या आपको कानों में संक्रमण के लिए घरेलु उपचार से मदद मिली थी? अपना अनुभव हमसे ज़रूर बांटें। इसके साथ ही, अगर आपके पास भी कोई उपाय हो, जो आपको लगता है कि प्रभावी है और सूची में जोड़ा जाना चाहिए, हमें अवश्य बताएं।
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