सही ब्रैस्ट पंप खरीदने से पहले इन चीजों के बारे में जान लें

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How To Choose A Breast Pump And Which Breast Pump is Right For Me
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Simranjit Kaur

Mother of one, Master of Education with specialization in child-psychology. After becoming mother, I met with real me. I am now learning new concepts of parenting every fresh day and sharing my experiences with other mothers. I believe, one of the most important things that you, as a parent, should work on is - your child's psychology. Understanding the child-psychology will help you build stronger bonds and know them better.

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बाजार में ब्रैस्ट पंप के अनगिनत विकल्प मौजूद हैं। जहाँ कुछ महिलाएं मैन्युअल ब्रैस्ट पंप को पसंद करती हैं, वहीं कुछ महिलाएं इलेक्ट्रिक पंप को तरजीह देती हैं। इन दोनों में से आपके लिए उत्तम कौन सा होगा, यह चुनने के लिए आपको इनकी विषेशताओं एवं इनसे जुड़ी कुछ परेशानियों के बारे में अच्छे से जान लेना चाहिए। इस लेख के माध्यम से मैं आपको सही ब्रैस्ट पंप खरीदने से पहले ध्यान में रखी जाने वाले चीजों के बारे में बताना चाहूंगी।

सबसे पहले, अच्छा स्तन पंप उसी को माना जाता है, जिसकी कार्यप्रणाली ठीक बच्चे के स्तनपान करने जैसी होती है। आसान शब्दों में कहा जाए, तो ब्रैस्ट पंप ऐसा होना चाहिए, जिसको लगाने के बाद आपको ऐसा लगे कि कोई पंप नहीं, बल्कि बच्चा ही स्तनपान कर रहा हो। दूसरी, सबसे महत्वपूर्ण चीज यह है कि पंप इस्तेमाल करने में सहज हो क्योंकि जितना आप इसे अधिक उपयोग करेंगे, उतना ही आपके लिए इसे इस्तेमाल करना आरामदायक महसूस होगा।

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इसके अलावा ब्रैस्ट पंप का प्रकार (मैनुअल या इलेक्ट्रिकल), चक्र आवृत्ति, चूषण शक्ति (वैक्यूम पावर), बंद या खुली प्रणाली का प्रावधान, पोर्टेबिलिटी , टिकाऊपन कुछ ऐसे मानदंड है, जो ब्रैस्ट पंप के चुनाव को प्रभावित करते हैं।

मैनुअल पंप बनाम इलेक्ट्रिक पंप

कई माताओं का कहना है कि उनका मैनुअल स्तन पंप के साथ अनुभव बहुत अच्छा रहा। हालांकि, स्तनपान सलाहकारों का मानना है कि इलेक्ट्रिक स्तन पंप, न केवल एक नियमित संख्या एवं गति से पंप करने, बल्कि लैक्टेशन बनाए रखने में भी मैन्युअल ब्रैस्ट पंप से बेहतर होते हैं। इलेक्ट्रिक ब्रैस्ट पंप में भी वह इलेक्ट्रिक पंप ज्यादा बेहतर होते हैं, जिन्हें एक ही समय पर दोनों स्तनों पर इस्तेमाल कर सकते हैं।

इसके विपरीत अगर आप मैन्युअल ब्रैस्ट पंप का इस्तेमाल करते हैं, तो समय के साथ आपके दूध के उत्पादन में कमी आ सकती है। मैनुअल स्तन पंप का उपयोग करने वाली माताओं को लंबे समय तक अपने स्तनपान एवं लैक्टेशन को बनाए रखने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

इसका का एकमात्र कारण मैन्युअल ब्रैस्ट पंप द्वारा इष्टतम चक्र आवृत्ति (प्रति मिनट पंपिंग की संख्या) को बनाए रखने में असमर्थता है। जबकि, इलेक्ट्रिक ब्रैस्ट पंप में ऐसा नहीं होता।

चक्र और चूषण शक्ति की आवृत्ति

स्तन पंप की दक्षता मुख्य रूप से चक्र आवृत्ति और चूषण पर निर्भर करती है।

एक बच्चा एक मिनट में 45 – 55 बार स्तन को चूसता है। आपके इलेक्ट्रिक पंप की चूषण संख्या इस संख्या के जितने करीब होगी, आप उतना ही अधिक दूध प्राप्त कर पाएंगी। ऐसे में, अगर आप किसी ऐसे ब्रैस्ट पंप का इस्तेमाल करती हैं, जिसकी चूषण क्षमता 25 चक्र प्रति मिनट से नीचे हो, तो संभवतः आप परेशानी में आ जाएंगी। इसके अलावा, पंपिंग सत्र पीड़ाजनक भी हो सकता है क्योंकि कम चक्रों की क्षतिपूर्ति के लिए आपको ब्रैस्ट पंप को लंबे समय तक इस्तेमाल करना पड़ेगा, जिससे स्तनों पर दबाव बढ़ेगा।

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इसके अलावा, ब्रैस्ट पंप द्वारा बनाए जाना वाला वैक्यूम भी महत्वपूर्ण होता है। ब्रैस्ट पंप ऐसा होना चाहिए जिसमें चूषण शक्ति को नियंत्रित किया जाए सके क्योंकि सही वैक्यूम 150 mmHg से 250mmHg के बीच होता है। ऐसे में, अगर आपके ब्रैस्ट पंप की वैक्यूम क्षमता 150 mmHg से नीचे होगी, तो स्तन पंप का कोई फायदा नहीं होगा और अगर 250 mmHg से ज्यादा होगी, तो आपके स्तनों पर बहुत अधिक दबाव पड़ेगा।

बंद या खुली प्रणाली

विशेष रूप से, बंद-प्रणाली पंपों में एक झिल्ली होती है जो दूध में पाए जाने वाले कणों को पंप की मोटर में प्रवेश करने से रोकती है क्योंकि इसे साफ नहीं किया जा सकता है। इस प्रकार, जमा हुए दूध में बैक्टीरिया, (जिससे दूध दूषित हो सकता है) के विकास की कोई संभावना नहीं होती।

इसके विपरीत खुली प्रणाली वाले इलेक्ट्रिक ब्रैस्ट पंप के मामले में एकत्रित दूध के संक्रमित होने की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि इस प्रणाली के ब्रैस्ट पंपों में दूध एक नली के माध्यम से इंजन तक पहुंच जाता है। यही कारण है कि इस नली को हर बार इस्तेमाल से पहले धोया, निर्जलित और सूखाया जाना बहुत जरूरी और बहुत जटिल होता है।

कप का आकार

कप का आकार, एक और ऐसा पहलु है, जिसे आपको स्तन पंप खरीदने से पहले दिमाग में रखना जरूरी होता है। कप साइज ऐसा हो, जो आपके स्तन पर पूरी तरह से फिट आ जाए। बहुत से ब्रैस्ट पंप में कप का साइज यूनिवर्सल (ऐसा आकार जो सब पर फिट) होता है। लेकिन, कुछ ब्रैस्ट पंप में आप वांछित आकार भी पा सकते हैं।

टिकाऊपन

टिकाऊपन के मामले में आपको बता दें कि छोटे मोटर वाले ब्रैस्ट पंप, कभी-कभी इस्तेमाल के लिए ठीक होते हैं और रोजना इस्तेमाल किए जाने पर, इनका जल्दी खराब होना तय है। इसके विपरीत बड़ी मोटर वाले ब्रैस्ट पंप रोजाना इस्तेमाल किए जाने के लिए ही बनाए जाते हैं और इस वजह से यह अधिक टिकाऊ होते हैं।

पंप की आवाज़

बड़े इंजन वाले ब्रैस्ट पंप स्वाभाविक रूप से छोटे इंजन वाले ब्रैस्ट पंप से शांत होते हैं। इसलिए अगर आप कम शोर वाले इलेक्ट्रिक ब्रैस्ट पंप की तलाश में हैं, तो कृपया बड़े इंजन वाले ब्रैस्ट पंप का ही इस्तेमाल करें।

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पोर्टेबिलिटी

पोर्टेबिलिटी का स्तर इस बात पर निर्भर करता है कि आप ब्रैस्ट पंप का उपयोग कैसे करना चाहते हैं। अगर आप इसे सफर के दौरान ज्यादा इस्तेमाल करने वाली हैं, तो ऐसा ब्रैस्ट पंप चुनें, जिसे कही भी ले जाना आसान हो, और जिसे कहीं भी इस्तेमाल किया जा सके।

मैनुअल ब्रैस्ट पंप के मामले में, यह स्पष्ट है कि उन्हें कहीं भी ले जाया सकता है और इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन, इलेक्ट्रिक स्तन पंप के मामले में, आपको ऐसा ब्रैस्ट पंप खरीदना चाहिए, जो बैटरी पर एवं कार के चार्जिंग पॉइंट पर भी काम करता हो।

अगर आपका भी कोई प्रश्न हो, तो हमारे विशेषज्ञ से पूछें।

ब्रैस्ट पंप खरीदने से पहले, इन सब बातों को दिमाग में रखें। इससे न केवल आप सही स्तन पंप खरीद पाएंगे, बल्कि आपका पैसा एवं समय भी बचेगा।

अंत में मैं यह ही कहूँगी कि सही ब्रैस्ट पंप खरीदने का अर्थ है कि बच्चे के लिए सही मात्रा में दूध और बच्चे के लिए मां के दूध की सही मात्रा का मतलब है पूरी तरह से स्वस्थ बच्चा।

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