कई महिलाएं सिजेरियन डिलीवरी के बाद इस बात से चिंतित हो जाती है कि क्या सिजेरियन डिलीवरी के तुरंत बाद वह अपने बच्चे को स्तनपान करवा पाएंगी या नहीं? उनके मन में ऐसे अनेकों सवाल होते हैं, जिनका जवाब दिया जाना बहुत जरूरी है। इस लेख के माध्यम से हमने सिजेरियन के बाद स्तनपान करवाने से जुड़े कुछ सवालों का जवाब देने का प्रयास किया है। ऐसे में हम आपको बताना चाहेंगे कि चाहे नार्मल हो या सिजेरियन डिलीवरी, आप अपने नवजात शिशु को डिलीवरी के थोड़े समय बाद ही स्तनपान करवा सकती हैं।
1क्या एनेस्थीसिया की मात्रा का स्तनपान से कोई संबंध है?
डिलीवरी से पहले आपको एनेस्थेसिया की चाहे कोई भी मात्रा दी गए हो, आपको चिंतित होने की जरूरत नहीं है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डिलीवरी से पहले दी जाने वाली एनेस्थीसिया की कोई भी मात्रा, स्तनपान पर हस्तक्षेप नहीं करती क्योंकि एनेस्थीसिया की जो मात्रा दूध में शामिल होती है, वह नामात्र होती है।
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2जन्म के बाद माँ की त्वचा से नवजात शिशु की त्वचा का सम्पर्क स्तनपान में कैसे फायदेमंद होता है ?
कई बार ऐसे भी देखा जाता है कि जन्म के तुरंत बाद ही शिशु का उसकी मां (की त्वचा) से सम्पर्क करवाया जाता है। यदि जन्म के तुरंत बाद ऐसे संभव न हो, तो ऑपरेशन के बाद जिस वार्ड में माता को रखा जाता है, उसी वार्ड में माँ की त्वचा से नवजात शिशु की त्वचा का सम्पर्क करवाया जा सकता है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, इस त्वचा से त्वचा के संपर्क की वजह से बच्चा न सिर्फ मां की गंध को समझने लगता है, बल्कि इसका आदी भी हो जाता है। इससे स्तनपान की प्रक्रिया और आसान हो जाती।
इसीलिए, अपने प्रसूतिविज्ञानी, नवजात रोग विशेषज्ञ और नर्सों को इस बारे में पहले ही बता दें कि आप जितनी जल्दी हो सके स्तनपान करवाना चाहती हैं।
3सिजेरियन डिलीवरी के बाद जल्दी ही स्तनपान करवाना क्यों जरूरी होता है ?
सिजेरियन डिलीवरी के बाद स्तनपान करवाने से जुड़ा सबसे बड़ा रहस्य यह है कि सामान्य डिलीवरी की तरह सिजेरियन डिलीवरी में भी आपको डिलीवरी के पहले आधे घंटे में जितनी जल्दी हो सके बच्चे को स्तनपान करवा देना चाहिए।
कई प्रसूति वार्डों में, विशेष रूप से सी-सेक्शन के बाद, अवलोकन के तहत, बच्चों को एक अलग कमरे में रखा जाता है। इस अवलोकन अवधि के दौरान, ज्यादातर मामलों में, बच्चों को एक बोतल से दूध पिलाया जाता है। बोतल से दूध पीना बच्चे के लिए बहुत आसान होता है और दूध का स्वाद भी मां के दूध से अलग (अक्सर अधिक मीठा) होता है। इसी कारणवश बच्चा बाद में स्तनपान से इंकार कर देता है। यही बच्चे और माँ की दूरी, न केवल माँ, बल्कि नवजात शिशु के लिए भी आगे चलकर एक समस्या बन जाती है।
4सिजेरियन डिलीवरी के बाद स्तनपान के लिए बेहतरीन पोजीशन कौन-कौन सी हैं?
यह एक लोकप्रिय धारणा है कि सिजेरियन डिलीवरी के बाद मां का दूध कठिनता से बनता है। वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है क्योंकि जैसे ही डिलीवरी के बाद प्लेसेंटा को हटाया जाता है, तो रक्त परिसंचरण में हार्मोनल परिवर्तन होता है, और स्तनों में दूध की उत्पति हो जाती है।
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पोजीशन 1
स्तनपान करवाते समय स्तनपान की पोजीशन बहुत महत्वपूर्ण होती है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप अपने नवजात शिशु को कैसे पकड़ते हैं, सुनिश्चित करें कि उसका शरीर आपके शरीर के जितना संभव हो, करीब हो और उसकी नाक एवं छाती आपके स्तन से जितना संभव हो, दूर हो।
सी-सेक्शन के बाद, की भी सलाह दी जाती है। यह न केवल बच्चे को स्तनपान करवाने के लिए बेहतरीन स्थिति देने में मददगार साबित होता है, बल्कि स्तनपान करते समय बच्चे द्वारा की जाने वाली गतिविधियों से आपके सर्जरी के घाव को भी सुरक्षित रखता है।
पोजीशन 2
सिजेरियन डिलीवरी के मामले में बच्चों को स्तनपान करवाने के लिए समस्तरीय अर्थात हॉरिजॉन्टल पोजीशन को बहुत बढ़िया माना जाता है। इसके अलावा, स्तनपान करवाने के लिए खुद की सुविधा के हिसाब से एक आरामदायक स्थिति के सुझाव के लिए किसी बाल रोग विशेषज्ञ या नर्सिंग काउंसलर की सहायता अवश्य लें।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद, कई बार आपका रात में बच्चे को स्तनपान करवाने का मन नहीं करेगा। लेकिन, आप थोड़ा सा कष्ट सहन करके, अपने बच्चे को न केवल कोलोस्ट्रम की वांशित मात्रा दे पाएंगे, बल्कि उसे स्तनपान की आदत भी डाल पाएंगे। इसलिए हमारा आपसे निवेदन है कि पर्याप्त दूध के उत्पादन के लिए जरूरी मेडिकल एवं घरेलु उपचारों के बारे में जरूर पूंछे।
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5अगर बच्चे को इनक्यूबेटर में रहना है तो क्या करना है?
सिजेरियन डिलीवरी के बाद सभी माताएं जन्म देने के तुरंत बाद ही अपने शिशु को स्तनपान शुरू नहीं करवा पाती। कई बार किसी बच्चे की भलाई के लिए उसे जन्म के तुरंत बाद से ही इनक्यूबेटर में रखना पड़ता है और स्थिति सामान्य होने तक उन्हें वहीं रहना पड़ता है।
यद्यपि प्रारंभिक स्तनपान कराने से मां और बच्चे दोनों को फायदा होता है, लेकिन अगर ऐसी कोई परिस्थिति बन जाए जहाँ शिशु को स्तनपान करवा पाना मुश्किल हो, तो इस बात को निश्चित करना बहुत जरूरी होता है कि शिशु तक कोलोस्ट्रम जरूर पहुंचे।
6कोलोस्ट्रम क्या है?
कोलोस्ट्रम वह पहला दूध है, जो गर्भावस्था के दौरान स्तनों में बनता है। इसकी मात्रा भले ही कम होती है, लेकिन इसमें ताकत बहुत होती है। आपकी जानकरी के लिए बता दें कि एक शोध के मुताबिक महिलाएं शिशु के जन्म के पहले 48 से 72 घंटों में करीब 50 मि. ली. कोलोस्ट्रम का उत्पादन करती है। कोलोस्ट्रम का सेवन शिशु का पहला टीकाकरण समझा जाता है।
इन सब सुझावों के अलावा, आराम करना बेहद जरूरी है, फिर चाहे आपके शिशु का जन्म नार्मल डिलीवरी से हुआ है या सिजेरियन। अगर सिजेरियन डिलीवरी के मामले में बताए गए नियमों का उचित ढंग से पालन किया जाए, तो जब तक आप अस्प्ताल से घर जाएंगे, आपका शरीर बच्चे की भूख के हिसाब से दूध का उत्पादन करने लगेगा। लेकिन, याद रखें कि जहां शिशु को स्तनपान करवाना जरूरी है, वही आपका पूरी तरह से आराम करना भी जरूरी है, खासतौर पर जब आप सिजेरियन डिलीवरी से गुजरे हों। वैसे स्तनपान के दौरान भी आराम भी किया जा सकता है।
अगर आपका भी कोई प्रश्न हो, तो हमारे विशेषज्ञ से पूछें।
कुछ माताएं सिजेरियन डिलीवरी के बाद अपने पहले वाली दिनचर्या में वापिस लौटने में जरूरत से ज्यादा समय ले लेती है। यह कहना गलत नहीं होगा कि बहुत सी महिलाऐं ऐसा आलस के चलते भी भी करती हैं। जो भी हो, मैं उम्मीद करती हूँ आप यह जानती ही होंगी कि सिजेरियन डिलीवरी के बाद, आपको अपनी दिनचर्या को लेकर थोड़ा अधिक सावधान रहना पड़ता है। कम से कम छह सप्ताह तक, आपको किसी भी प्रकार का वजन नहीं उठाना चाहिए।
ध्यान रखें कि आपके शरीर को पहले की स्थिति में वापस आने के लिए समय चाहिए।
अंत में, मैं यही कहूँगी, अगर (डॉक्टर के अलावा) कोई भी आपको सिजेरियन डिलीवरी के बाद स्तनपान करवाने से मना करे, तो आपको उसे अनसुना कर देना चाहिए। इन सब के बाद, अगर सिजेरियन डिलीवरी के बाद आपको स्तनपान करवाने के लिए अतिरिक्त सहायता की ज़रूरत महसूस हो, तो अपने डॉक्टर या नर्सिंग काउंसलर से बात करें।
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