बच्चे को ठोस आहार कब से देना चाहिए?

4286
User Rating
(0 reviews)
READ BY
Photo Credit: Natalia Deriabina / Bigstockphoto

Simranjit Kaur

Mother of one, Master of Education with specialization in child-psychology. After becoming mother, I met with real me. I am now learning new concepts of parenting every fresh day and sharing my experiences with other mothers. I believe, one of the most important things that you, as a parent, should work on is - your child's psychology. Understanding the child-psychology will help you build stronger bonds and know them better.

Read this article in English
यह लेख English में पढ़ें।

इस लेख में

  1. शिशु को ठोस पदार्थ कब दिए जाने चाहिए?
  2. सबसे पहला ठोस आहार क्या होना चाहिए?
  3. ठोस आहार के बाद शिशु की प्रतिक्रिया

इस बात मैं कोई शक नही है कि माँ के दूध से बेहतर एक शिशु के लिए कोई आहार नही है। पर फिर भी एक समय के बाद (6 महीने के बाद) शिशु को कुछ ठोस आहार देना जरूरी हो जाता है। 

ऐसा करना इस लिए भी जरूरी है क्योंकि आपके शिशु का शरीर बढ़ रहा है जिस वजह से उसे और भी ज़्यादा पोषक तत्वों की जरूरत होती है। यहाँ पर भी कई तरह के सवाल उठते है जैसे कि शिशु को आहार के रूप मे ठोस पदार्थ कब दिए जाने चाहिए, सबसे पहला ठोस आहार क्या होना चाहिए इत्यादि। आइए आज यह जानने की कोशिश करते है कि बच्चे को ठोस आहार कब से देना चाहिए।

शिशु को आहार के रूप मे ठोस आहार कब से देना चाहिए?

इस विषय मे मैने अपने शिशु विशेषज्ञ से सीखा है कि किसी प्रकार के ठोस आहार को शुरू करने से पहले कम से कम 6 महीने का इंतज़ार बहुत जरूरी है।

सबसे पहला ठोस आहार क्या होना चाहिए?

इस के बारे मे निरंतर चर्चा होती रहती है।  हालाँकि इस विषय मे भी कोई पक्का जवाब नही है पर फिर भी किसी प्रकार के ठोस आहार को शुरू करने से पहले दो चीज़ों को जान लेना बहुत आवश्यक है – शिशु की किसी खास आहार के लिए एलर्जी और शिशु का वजन।

कुछ माताओं का मानना है कि सबसे पहला ठोस आहार अगर फलों की प्यूरी हो तो बहुत बेहतर रहता है।  परंतु मेरे शिशु विशेषज्ञ ने मुझे दही और बिफीडोबैक्टीरिया युक्त पेय पदार्थ से शुरू करने की सलाह दी थी क्योंकि उनके हिसाब से अगर आप शुरआत मे शिशु को मीठा दे देंगी तो आपका शिशु बाद मे सब्ज़ियों मे रूचि नही दिखाएगा।

बिफीडोबैक्टीरिया युक्त पेय पदार्थ शिशु की पाचन क्रिया के लिए बहुत लाभकारी होते है क्योंकि यह दूध के बहुत करीब होते है।  इसके साथ ही दही उन बच्चो के लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है फुड एलर्जी है या डिस्बिओसिस है।

ठोस आहार से पहले पूरक भोजन से परिचय करवाए

मेरे शिशु विशेषज्ञ ने मुझे सब्ज़ियों की प्यूरी से शुरू करने की सलाह दी थी।  उन्होने मुझ बताया कि अगर शिशु का वजन ठीक से बाद चुका है तो खिचड़ी भी एक अच्छा विकल्प है।  बकवीट (कुटु) की या चावल की खिचड़ी से शुरू किया जा सकता और बाद मे मकई भी प्रयोग मे लाई जा सकती है।

सब्ज़ियों की प्यूरी के लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है – तुरई, ब्रोकोली, गोभी, गाजर, या कद्दू। अगर आपके शिशु को क़ब्ज़ की शिकायत है तो, यह सब सब्जियाँ बहुत ही बेहतरीन विकल्प है।  पर ध्यान रहे कि अगर आपके शिशु को दस्त की शिकायत अक्सर रहती हो तो तुरई का इस्तेमाल ना करे।

इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखे कि खिचड़ी बिल्कुल ही पतली हो क्योंकि आपका शिशु अभी सिर्फ़ तरल आहार का ही आदि है।  सब्जियों को पकाने से पहले उनको अच्छी तरह से उबाल ले।  उसके बाद सब्ज़ियों की प्यूरी के लिए आपको उनको अच्छी तरह से ब्लेंड करके एक कपड़े से छान ले।  ध्यान रहे, सिर्फ़ तरल पदार्थ ही देना है।

अपने शिशु के केस मे तो मैं यह सब व्यंजन सुबह के समय ही इस्तेमाल मे लाया करती थी।  शुरुआत मे मैने 50ग्राम से शुरू किया और फिर हर महीने 50-50 ग्राम वृधि करती चली गई।  आपके बच्चे ने कितना खाया, यह जानना इतना जरूरी नही है जितना आपको इस बात का ध्यान रखना ज़रूरी है कि ठोस आहार को लेने के बाद की शिशु की उस खाने के प्रति क्या प्रतिक्रिया है।

ठोस आहार के बाद शिशु की प्रतिक्रिया

ठोस आहार देने के बाद आपके शिशु की उस खाने के प्रति क्या प्रतिक्रिया है, उसको ध्यान से समझे।  अगर आपको अपने शिशु मे कुछ खास बदलाव जैसे खुजली, सूखापन, आंतों मे ऐंठन, रशेस इत्यादि दिखे, तो आपको तुरंत अपने शिशु विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए और साथ ही जो भी ठोस आहार आपने शुरू किया है उसको अपने शिशु विशेषज्ञ की सहमति के बिना शुरू नही करना चाहिए।

पहले वर्ष के अंत तक, आप सूखी बिस्कुट, जूस और शोरबा जैसी चीज़े भी दे सकती हैं।  मैं अपने बच्चे को विभिन्न प्रकार के पदार्थ देती रहती थी।  पर साथ ही इस बात का भी ध्यान रखती थी कि खाने की एक निरंतरता बनी रहे।

इस बात का भी खास ख्याल रखे कि अगर आपका बच्चा किसी खाने से नाखुश है तो बच्चे को वही चीज़ खाने के लिए जबरदस्ती ना करे  और ना ही ऐसा  करना आवश्यक है।

Do you need more help?

क्या आपको और मदद चाहिए?

  • Write a Comment
  • Write a Review
  • Ask a Question
Mom's Cuddle Comment Policy
Be kind to others. False language, promotions, personal attacks, and spam will be removed.
Ask questions if any, by visiting Ask a Question section.
टिप्पणी करने की नीति
दूसरों के प्रति उदार रहें, अभद्र भाषा का प्रयोग ना करें और किसी भी तरह का प्रचार ना करें।
यदि कोई प्रश्न हो तो, अपना प्रश्न पूछें सेक्शन पर जाएं।
{{ reviewsOverall }} / 5 User Rating (0 reviews)
How helpful was this article?
What people say... Write your experience
क्रमबद्ध करें

सबसे पहले अपना अनुभव बाँटे।

Verified Review
{{{ review.rating_title }}}
{{{review.rating_comment | nl2br}}}

Show more
{{ pageNumber+1 }}
Write your experience

Your browser does not support images upload. Please choose a modern one

Latest Questions

बेहद जरूरी बेबी प्रॉडक्ट

Little's Mashing and Feeding Bowl

Popular on Amazon

Amazon पर पॉपुलर

Price From ₹113

  • एअर टाइट बर्तन
  • साफ करने के लिए आसान
  • बीपीए मुक्त और खाद्य ग्रेड सामग्री से बने
Mother of one, Master of Education with specialization in child-psychology. After becoming mother, I met with real me. I am now learning new concepts of parenting every fresh day and sharing my experiences with other mothers. I believe, one of the most important things that you, as a parent, should work on is - your child's psychology. Understanding the child-psychology will help you build stronger bonds and know them better.