
इस लेख में
- आंशिक रूप से पके या कच्चे खाद्य पदार्थ।
- चीनी से भरपूर पदार्थ।
- कैफीन के सेवन पर अंकुश।
जैसे ही आपको पता चलता है कि आप गर्भवती हैं, तो आपके लिए अपने खान-पान अर्थात डाइट पर ध्यान देना सबसे ज़रूरी हो जाता है। न केवल आप पहले से ज़्यादा पौष्टिक आहार के लिए सचेत हो जाते हैं, बल्कि आप कुछ आहारों को अपनी डाइट से निकाल भी देते हैं। लेकिन कई बार जाने-अनजाने में हम ऐसी चीज़ खा लेते हैं, जिनका सेवन इस अवस्था में हमें बिल्कुल नहीं करना चाहिए और उनके सेवन से हमें नुक्सान भी उठाना पड़ता है। इसलिए आपकी सुविधा के लिए हमने इन्ही सब आहारों की सूची तैयार की है। आइए, हम जानते हैं कि आपको गर्भावस्था में क्या नहीं खाना चाहिए।
किसी भी ऐसे आहार का सेवन न करें जो पैस्चराइज़्ड न हो
पैस्टॅराइज़ेशॅन एक ऐसी प्रकिया है जिसमें पदार्थों के बीच पनपने वाले रोगाणुओं को मारने के लिए उन्हें खास तरीके से उबाला जाता है। इसलिए गर्भावस्था में हमें किसी भी ऐसे भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए, जो पैस्चराइज़्ड नहीं है अर्थात जिसे बेचने से पहले एक निर्धारित तापमान पर उबला या पकाया नहीं गया है। चाहे मास हो, दूध हो या फिर पनीर, अगर इसे अच्छी तरह से पकाया नहीं गया है या फिर आधा पकाया गया है, तो इसके सेवन से बचें। आपको यह समझना होगा कि ऐसे कई आहार होते हैं, जिनके बैक्टीरिया से दूषित होने का खतरा बना ही रहता है। इसलिए अगर आप दूध का सेवन भी कर रहें हों, तो इसे बिना उबाले न पिएं या फिर वही दूध पिएं जिसकी पैकिंग पर “पैस्चराइज़्ड” लिखा हो। यहां तक कि कच्चे और आंशिक रूप से पकाए गए अण्डों का सेवन भी गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए क्योंकि इनसे आपको फूड पाइज़निंग हो सकती है, जिससे आपके गर्भ में पल रहे शिशु को भी नुकसान हो सकता है।
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कच्चे स्प्राउट्स का सेवन न करें
मूंग बीन्स, मूली, ब्रोकोली, सोयाबीन आदि किसी भी रूप में कच्चे स्प्राउट्स का सेवन ठीक नहीं होता क्योंकि इनमें बैक्टीरिया पनपने की संभावनाएं ज़्यादा होती हैं और इससे पेट में गंभीर परेशानी पैदा हो सकती है। इतना ही नहीं, कच्चे स्प्राउट्स में लिस्टेरिया भी पाया जाता है, जिससे आपको गंभीर इन्फेक्शन हो सकता है और गर्भावस्था में आपको कई समस्याओं जैसे कि समय से पहले शिशु का जन्म, नवजात शिशुओं में इन्फेक्शन, और गर्भस्राव इत्यादि से गुज़रना पड़ सकता है। यदि गर्भावस्था में आपको स्प्राउट्स खाने की इच्छा हो, तो आपके लिए बेहतर है कि इनको कच्चा न खाएं और पहले अच्छे से पका लें।
कैफीन (किसी भी रूप में) के सेवन पर अंकुश
हमेशा याद रखें कि कैफीन का सेवन, चाहे किसी भी रूप (कॉफ़ी, चाय, चॉकलेट अथवा सोडा) में किया जाए, इसका विकासशील भ्रूण (आपके गर्भ में पल रहे शिशु ) पर आपकी कल्पना से भी ज़्यादा बुरा प्रभाव हो सकता है। कैफीन की आवश्यक मात्रा से ज़्यादा (एक दिन में लगभग 200 मिलीग्राम) सेवन करने से, आपके लिए न केवल गर्भस्राव की, बल्कि होने वाले बच्चे का जन्म के समय वजन कम होने की आशंकाएं भी बढ़ जाती हैं। फिर भी अगर आप कुछ पीना ही चाहती हैं, तो उन्ही का चुनाव करें जो डिकैफ़िनेटेड हों और जितना ज्यादा हो सके कैफीन का सेवन सीमित करें।
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चीनी से भरपूर पदार्थ
इसमें कोई संदेह नहीं है कि कुछ रूपों में चीनी हमारे शरीर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पर हम सब जानते हैं कि कोई भी चीज़ ज़रूरत से ज़्यादा ठीक नहीं होती। अगर आप भी समय से पूर्व जन्म, प्रीक्लेम्पसिया, मेटाबोलिक सिंड्रोम इत्यादि जैसे जोखिमों से खुद को दूर रखना चाहती हैं, तो चीनी से भरपूर खाद्य पदार्थों से उचित दूरी बना कर रखें। कुछ आहार जैसे कि डेसर्ट, चॉकलेट, केक, पारंपरिक भारतीय मिठाई इत्यादि जिनमें चीनी का इस्तेमाल बहुत अधिक होता है, से गर्भावस्था में हर कीमत पर दूर ही रहें।
डिब्बा बंद खाने, सब्ज़ियां एवं फल
हम सब जानते हैं कि डिब्बा बंद भोजनों, सब्ज़ियों एवं फलों का सेवन बहुत ही आसान होता है क्योंकि इन्हे संभालने और पकाने के झंझट नहीं होते। लेकिन आपको समझना चाहिए कि इन सब में बी.पी.ऐ नामक एक पदार्थ पाया जाता है, जो कि न केवल संतान पैदा करने की क्षमता को प्रभावित करता है, बल्कि गर्भवती महिलाओं में जिगर और हृदय की समस्याओं का भी एक कारण है। इतना ही नहीं, यदि आप डिब्बा बंद ट्यूना (मछली) का सेवन करते हैं, तो इसमें उपस्थित उच्च पारा के स्तर की वजह से, यह माता और भ्रूण दोनों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है।
अगर आपका भी कोई प्रश्न हो, तो हमारे विशेषज्ञ से पूछें।
यह केवल कुछ ही पदार्थ है, जिनका सेवन आपको गर्भावस्था में नहीं करना है। इन खाद्य पदार्थों के अलावा, जहां तक स्वच्छता का सवाल है, उसका भी पूरा ध्यान रखें क्योंकि आपकी एवं आपके आसपास की स्वच्छता का आपके शिशु के स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ता है।
इस विषय में आपके क्या विचार हैं? क्या आप इन भोजनों के सूची में कोई और चीज़ जोड़ना चाहेंगी? कृपया अपने सुझाव हमसे ज़रूर बांटें।
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