7 Tips To Improve The Immunity of Your Baby
7 Tips To Improve The Immunity of Your Baby
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एक माता पिता के रूप में आप हमेशा यही चाहेंगे कि आपका बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हो। आपकी चिंता तब बढ़ जाती है जब अपने शिशु की रोग प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत करने के आपके सभी प्रयास विफल हो जाते हैं और वह बीमार पड़ जाते हैं। यहाँ हम आपको यह बताना चाहेंगे कि बेहतर रोग प्रतिरोधक शक्ति वाले बच्चे भी बीमार पड़ सकते हैं। इन सब के बाद, अगर आप अपने शिशु की मौजूदा रोग प्रतिरोधक शक्ति से खुश नहीं हैं, तो हमारे इस लेख को ज़रूर पढ़ें, जिसमें हम आपको बताएंगे ऐसे 7 उपाय जिनसे बच्चे की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाया जा सकता है।

1स्तनपान

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि बच्चे की इम्युनिटी अर्थात रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए स्तनपान से बेहतर कोई विकल्प नहीं है। स्तन के दूध में कृत्रिम तौर पर वह सभी चीज़े (एंटीबॉडीज और सफेद रक्त कोशिकाएं) होती हैं, जो बीमारियों से लड़ने में आपके शिशु की मदद करती हैं। इतना ही नहीं, स्तनपान करने वाले बच्चों में कान के संक्रमण, निमोनिया, यूटीआई, एलर्जी, दस्त इत्यादि जैसी गंभीर समस्यायों के होने की संभावना भी कम हो जाती है।

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2अधिक फल और सब्जियों का सेवन

एक निर्धारित अवधि (6 महीने) के बाद जैसे ही हमारा शिशु आहार विविधकरण अर्थात ठोस या अर्ध-ठोस आहार के लिए तैयार होता है, हम उसे फल और सब्ज़ियां देना शुरू कर देते हैं। लेकिन हम में से ज्यादातर माता-पिता सप्ताह में एक या दो बार ही ऐसा करते हैं। यदि आप बच्चे की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाना चाहते हैं, तो फल और सब्जियों को नियमित आदत बनाना चाहिए।

हम में से बहुत से लोग यह नहीं जानते कि कुछ फलों एवं सब्जियों जैसे गाजर, हरी बीन्स, संतरे और स्ट्रॉबेरी का सेवन कितना महत्वपूर्ण है। उनके पास आवश्यक (फाइटो न्यूट्रिएंट्स ऐसे तत्व जो शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को तेज करने के साथ शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालकर नई कोशिकाओं का निर्माण करते हैं) होते हैं जो आपके बच्चे की रोग प्रतिरोधक शक्ति को मजबूत करके, उसके शरीर में वायरस के प्रवेश को रोकते हैं।

3शिशु को खुद से कोई दवा देने से बचें

हम में से बहुत माता-पिता कई मामलों में खुद ही डॉक्टर बन जाते हैं अर्थात जैसे ही हम अपने बच्चे में ठण्ड या फ्लू के लक्षण देख्नते हैं, हम अपने आप ही उसे दवा (एंटीबायोटिक) देने लगते हैं। आप जानकर हैरान होंगे कि आप जितना अपने शिशु को दवाएं ज्यादा देंगे, उतनी उसकी इम्युनिटी कम होगी अर्थात उसे मामूली से सर्दी-ज़ुखाम के लिए भी दवा पर निर्भर करना पड़ेगा क्योंकि दवाओं की वजह से उसका शरीर इस संक्रमण से लड़ने में असमर्थ हो जाता है। सरल शब्दों में कहा जाए, तो दवा के अधिक इस्तेमाल से बच्चे की रोग प्रतिरोधक शक्ति (इम्युनिटी) दबने लगती है। इस के अलावा, किसी तरह की गलत दवा देने पर, यह संक्रमण और खतरनाक रूप ले सकता है।

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4पैसिव स्मोकिंग अर्थात निष्क्रिय धूम्रपान से दूर रखें

मानो या न मानो, निष्क्रिय धूम्रपान अर्थात पैसिव स्मोकिंग बच्चों की रोग प्रतिरोधक शक्ति को घटाने के पीछे एक प्रमुख कारण है। निष्क्रिय धूम्रपान शरीर में कोशिकाओं को मारने और उत्तेजित करने के लिए जाना जाता है, जिससे एक बच्चे की विषाक्तता प्रणाली अर्थात डिटॉक्सिफिकेशन सिस्टम के विकास में कमी आती है। इतना ही नहीं, धूम्रपान आपके बच्चे में एस.आई.डी.एस (अचानक मृत्यु), कान के संक्रमण, ब्रोंकाइटिस आदि के विकास के जोखिम को भी बढ़ाता है।

5स्वच्छता बनाए रखें

जब स्वच्छता की बात आती है, तो आपको माता-पिता होने के नाते कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए। यदि आप यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि आपके बच्चे की रोग प्रतिरोधक शक्ति सही तरीके से विकसित हो, तो आपको स्वच्छता के मामले में कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। बाथरूम के प्रयोग से पहले और बाद में , खाने से पहले और बाद में, छींकने या खांसी के बाद आपके बच्चे के हांथों की स्वच्छता बनी रहनी बहुत ज़रूरी होती है। इसके अलावा जब बच्चा चलना शुरू करता है और आस-पास मौजूद कीटाणुओं के संपर्क में आता है, तो उसके बीमारी से संक्रमित होने की संभावना और अधिक हो जाती है।

6सोने का एक समय निर्धारित करें

इस बात में कोई दो राय नहीं है कि चाहे बच्चा हो या वयस्क, शरीर को सही रूप से काम करने के लिए उचित आराम की आवश्यकता होती है। ऐसे में अगर आपका बच्चा पर्याप्त नींद लेता है और उसके सोने का समय एवं अवधि निर्धारति है, तो उसकी रोग प्रतिरोधक शक्ति संक्रमण और बीमारियों से लड़ने के लिए और मजबूती से काम करेगी।

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7खेलने और व्यायाम करने का समय

जितना अधिक आप अपने बच्चे को बाहर खेलने और कसरत करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे, उतनी ही उसकी रोग प्रतिरोधक शक्ति विकसित होगी। साथ ही, हमारे बुजुर्ग का कहना है कि बच्चे को हर तरह के वातावरण में खेलने देना चाहिए, बिलकुल सही है क्योंकि ऐसा करने से उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली और मजबूत होती है।

अगर आपका भी कोई प्रश्न हो, तो हमारे विशेषज्ञ से पूछें।

इन सब के अलावा समय पर बच्चे के टीकाकरण को भी याद रखें। जितना आप इन टीकाकरणों में देरी करते हैं, उतना ही आपके बच्चे के बीमार होने की संभावनाए बढ़ जाती हैं।

क्या आप कोई अन्य सुझाव या सलाह देना चाहते हैं, जो बच्चे की रोग प्रतिरोधक शक्ति (इम्युनिटी) बढ़ाने के लिए सहायक है? हमारे पाठकों से ज़रूर साँझा करें।

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