
इस लेख में
- परिवेश बदलें।
- बच्चे के सुरक्षा प्रबंधक बनें।
- बच्चे के साथ निकटता बनाएँ
- शारीरिक दंड से बचें।
अक्सर देखा जाता है कि सार्वजनिक स्थानों या घर पर, कई बार बच्चे की बात न माने जाने पर वह आक्रामक हो जाता है और आवेश में आकर आपने माता-पिता पर भी हाथ उठाने लगता है। वास्तव में, यह बहुत दुखद अनुभव होता है। बच्चों का इतना गुस्सा करना और गुस्से में किसी को भी शारीरिक रूप से नुक्सान पहुँचाना उनके भविष्य को खतरे में डाल सकता है। ऐसे में, माता-पिता यह सोचने लगते हैं कि शायद उनकी परवरिश में कोई कमी है, जिस वजह से उनका बच्चा इस प्रकार का अस्वीकृत व्यवहार करता है। लेकिन उदास होने की जरूरत नहीं है क्योंकि बच्चे के इस व्यव्हार को उसके विकास का हिस्सा माना जाता है। फिर भी बच्चे का किसी को मारना किसी भी हिसाब से सही नहीं है और बच्चे के इस व्यव्हार को बदलना जरूरी है। इस लेख के माध्यम से हम आपको बच्चे के गुस्से से निपटने के लिए 5 आसान उपाय बताएंगे, जिनके इस्तेमाल से आप बच्चे के इस व्यवहार को नियंत्रित कर सकते हैं।
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बच्चे की इस प्रतिक्रिया पर आपको शांत रहना है
बच्चे द्वारा गुस्से में आकर किसी को भी मारना सही नहीं होता। आपको माता-पिता होने के नाते यह समझना होगा कि बच्चे का यह आक्रामक व्यवहार समय के साथ ही कम होगा। जब भी आपका बच्चा इस तरह का व्यवहार करता है, तो उस समय आपको बौखलाना नहीं है और शांत रहना है।
आपके गुस्सा होने पर, आप जो बात उसे सिखाना चाहेंगे, वह आपका बच्चा कभी नहीं सीखेगा और इसके विपरीत उसका आक्रामक व्यवहार और पक्का हो जाएगा। ऐसे में माता-पिता को शांत रहकर स्थिति को समझना और बच्चे को समझाना होता है। थोड़ी सी अतिरिक्त सतर्कता के साथ, आप अपने बच्चे को सही दिशा निर्देश दे पाएंगे।
अपने बच्चे के सुरक्षा प्रबंधक बनें
जब आप अपने बच्चे के व्यवहार पर काम कर रहे होते हैं, तो आपको उसकी हर गतिविधि पर नजर रखनी होती है। आपको सुनिश्चित करना होता है कि आपके बच्चे द्वारा किसी को शारीरिक नुकसान पहुंचाए जाने से पहले, आप उसे रोक लें अर्थात वह हर समय आपकी नजर में हो।
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आपके ऐसा करने से आप किसी दूसरे के बच्चे को नुकसान से बचा लेते हैं। जब ऐसा होता है, तो आपको अपने बच्चे से सवाल करना चाहिए कि उसके इस आक्रमक बर्ताव का क्या कारण है और क्यों वह उस बच्चे को मारना चाहता था, जो उसके साथ कुछ समय से खेल रहा था।
बच्चे को शारीरिक दंड कभी न दें
जब आप अपने बच्चे के आक्रमक बर्ताव से दुखी हों अर्थात जब वह गुस्से में आकर आपको (या किसी को भी) मारता है, तो बहुत से मामलों में अभिभावकों की पहली प्रतिक्रिया उस पर चिल्लाना, गुस्सा करना या उसे शारीरिक दंड देना होता है। वह अपने बच्चे पर गुस्सा करने लगते हैं और कई बार मारने भी लगते हैं। लेकिन आपको ऐसा नहीं करना चाहिए।
हम भी गुस्से में आकर वही काम करने लगते हैं, जिनसे हम अपने बच्चे को बचाना चाहते हैं। हमारा ऐसा करना बच्चे को भ्रमित करेगा कि अगर आप गुस्सा होना पर उसे मार सकते हैं, तो वह क्यों नहीं। यह सच है कि बच्चे के प्रति आपका सम्मानजनक व्यवहार, इस समस्या को एकदम ठीक नहीं करेगा, लेकिन समय के साथ उसमें परिवर्तन जरूर आएगा।
बच्चे के इस आक्रमक बर्ताव के लिए उसे अन्य सजा अवश्य दें
जब भी आपका बच्चा क्रोध में आकर आपको या किसी को मारे, तो उसके इस बर्ताव को नजरंअदाज न करें। यह सही है कि हमें उसके इस बर्ताव के लिए शारीरिक रूप से दंडित नहीं करना है, लेकिन सजा देनी भी जरूरी है। बच्चे द्वारा ऐसा कुछ भी किए जाने पर, सजा के रूप में आप उसका पसंदीदा खिलौना या खेल उससे वापिस ले सकते हैं, उसे कंप्यूटर पर खेलने से मना कर सकते हैं, कुछ समय के लिए उसे अकेला छोड़ सकते हैं।
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ऐसा कुछ भी करते समय, उसको यह बताया जाना बहुत जरूरी होता है कि उसे यह सजा क्यों दी गई है और अगर भविष्य में उसके द्वारा यह गलती दोहराई जाएगी, तो उसे यही सजा मिलेगी। पहले की तरह, आपके ऐसा करने से चीजें तुरंत ठीक नहीं होंगी, लेकिन तदनुसार बच्चा अपने आप ही अपने व्यवहार को बदलना करना शुरू कर देगा।
अपने बच्चे के साथ निकटता बनाएँ
हम जानते हैं कि हमें यह कहने की जरूरत ही नहीं है कि बच्चे के साथ आपको एक कनेक्शन और नजदीकी बनाने की जरूरत है क्योंकि यह बहुत ही स्वाभाविक होता है। बच्चे के जन्म से ही बच्चे और माता-पिता में एक बंधन बन जाता है। पर बच्चे से निकटता बनाने का हमारा यह अर्थ नहीं है। बच्चे से कनेक्शन और नजदीकी बनाने से हमारा अर्थ है बच्चे से एक ऐसा रिश्ता बना लेना कि बच्चा आपसे अपनी हर भावना बांटे अर्थात आपको कुछ भी कहने में सहज महसूस करे। एक अध्ययन में यह पाया गया है कि जो बच्चे अपने माता-पिता या उनके आस-पास के लोगों को किसी को मारता हुआ देखते हैं, वे आमतौर पर खुद भी ऐसा ही करने लगते हैं।
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इसलिए, अगर आपमें और आपके बच्चे में यह नजदीकी मौजूद नहीं है, तो इसे बनाएं और अपने बच्चे को उसकी भावनाएं व्यक्त करने का पूरा मौका एवं वातावरण दें। इन छोटे-छोटे बदलावों से आपके बच्चे के व्यवहार में परिवर्तन जरूर आएगा।
क्या आपने भी इस समस्या का सामना किया है? क्या आपका बच्चा भी आक्रमक होकर दूसरे बच्चों को मारता था? ऐसे में, आपने क्या किया था? अपने अनुभव हमारे पाठकों से जरूर साँझा करें।
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