बच्चे के जिद्दीपन से निपटने के 5 सर्वश्रेष्ठ तरीके

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5 Best Ways To Deal With A Stubborn Child
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Shruti Singh

A proud mom to a beautiful little baby girl, learning the art of parenting one day at a time. Experiencing the joys of being a mom for the first time. Excited and anxious about the journey. Takes being a stay-at-home mom as a challenge and there's nothing she would change about it.

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इस लेख में

  1. उनके साथ बहस मत करो।
  2. शांतता बनाए रखें।
  3. उनके विचारों का सम्मान करें।
  4. घर में सकारात्मक शब्दों का उपयोग करें।
  5. सामने वाले के पक्ष को समझना भी जरूरी होता है।

बच्चे के जिद्दीपन पर चर्चा करने से पहले मैं आपको बता दूँ, बच्चों में जिद्दीपन जैसी समस्या उनके बचपन से ही शुरू हो जाती है। जिद्दी बच्चे को संभालना बहुत मुश्किल हो सकता है। जिन माता-पिता के जिद्दी बच्चे हैं, उनके लिए बुनियादी चीजें कर पाना भी आसान काम नहीं होता। लेकिन, वे भविष्य में किस प्रकार के वयस्क बनेंगे, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप बचपन में बच्चे के जिद्दीपन से कैसे निपटते हैं।

यहाँ आप सोच रहे होंगे कि क्यों कुछ बच्चे बचपन से ही जिद्दी बन जाते हैं। खैर, इसका जवाब यह है कि वे सब कुछ अपनी मर्जी से करना चाहते हैं अर्थात वह जो भी कर रहे हैं उसके प्रभारी बनना चाहते हैं। सरल शब्दों में, वे हर चीज पर पूर्ण नियंत्रण चाहते हैं। लेकिन, अगर आपको लगता है कि किसी जिद्दी बच्चे को ठीक करना एक समस्या से कम नहीं है, तो ऐसा सोचना गलत है। बच्चे के जिद्दीपन से निपटने के लिए आपका शांत और सहज रहना बहुत जरूरी है। इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि बच्चे के जिद्दीपन से कैसे निपटा जाता है।

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उनके साथ बहस मत करो

जिद्दी बच्चों में एक समस्या यह होती है कि वह बहुत कठोर हो जाते हैं अर्थात सुनने के बजाए, वे चाहते हैं कि आप उन्हें सुनें। बच्चों के ऐसे व्यवहार पर बहस करना और उनके व्यवहार को सही करने की कोशिश करना, माता-पिता की एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। लेकिन, वहीं दूसरी तरफ अगर देखा जाए, तो यह सुनने में कोई नुकसान भी नहीं है कि आपका बच्चा कहना क्या चाहता है? ऐसे में , अगर आप उनसे वाद-विवाद करने लगते हैं, तो आप स्थिति को खराब ही करते हैं। अगर आप वास्तव में उनकी इस समस्या का हल चाहते हैं, तो माता-पिता के रूप में, आपको शांत और सहज रहकर उनकी बात को सुनना चाहिए और बहस नहीं करनी चाहिए।

शांतता कुंजी है

मैं इस तथ्य से पूरी तरह सहमत हूँ क्योंकि मेरे खुद के घर में एक जिद्दी बच्चा है। जब आपका बच्चा आपकी बात सुनने को तैयार ही नहीं होता, तो ऐसे मौकों पर शांतता बनाए रखना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसे में, हम में से ज्यादातर माता-पिता, सिर्फ चिल्लाना या डांटना ही स्थिति का हल समझते हैं। लेकिन, वास्तव में शांतता खोकर कभी किसी का फायदा नहीं हुआ। गुस्से में चीजें ख़राब ही होती हैं। एक जिद्दी बच्चे के लिए यह समझना मुश्किल है कि वह क्या कर रहा है। लेकिन, वयस्क होने के नाते यह आपकी जिम्मेदारी बन जाती है कि बच्चे को इस स्थिति में किस तरह से संभालना है।

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उनके विचारों का सम्मान करें

जिद्दीपन का प्रमुख कारण, किसी को नियंत्रण में रखने की कोशिश होता है। लेकिन अगर आप वास्तव में अपने बच्चे के जिद्दीपन का हल चाहते हैं, तो आपको उनके विचारों का सम्मान करना सीखना पड़ेगा। जितनी बार वह चाहें, आपको न केवल उनके विचारों को सुनना पड़ेगा, बल्कि उनके निर्णय का सम्मान भी करना पड़ेगा। ध्यान में रखें, अगर आप जिद्दी बच्चे पर जोर-जबरदस्ती से नियंत्रण करने की कोशिश करेंगे, तो यह स्थिति को और बिगाड़ेगा। यदि आपका बच्चा खुद कुछ करने पर जोर देता है, तो उसे स्वतंत्र रूप से ऐसा करने दें, बशर्ते कि वह खुद को किसी भी तरह से नुकसान न पहुंचाए। उनका पर्यवेक्षण करते रहें, लेकिन थोड़ी-थोड़ी देर बाद उसे नियंत्रित भी करते रहें। इससे आपके बच्चे को पता चलता है कि आप उनके विचारों का सम्मान करते हैं और वे भी आपके नियंत्रण में ठीक महसूस करेंगे।

घर में सकारात्मक शब्दों का उपयोग करें

सकारात्मक व्यवहार को मजबूत करने से न केवल बच्चों, बल्कि माता-पिता के लिए भी चीजें बहुत आसान हो जाती हैं। हम जानते हैं कि बच्चे घर में हो रही हर छोटी-छोटी बात की नक़ल करने का प्रयास करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर आप घर में “न” शब्द का उपयोग बहुत ज्यादा करते हैं, तो इस बात की पूरी संभावना है कि आपका बच्चा भी हर बात के लिए न ही कहेगा। इसलिए, आपको चाहिए कि आप बच्चों के सामने घर में सकारात्मक शब्दों का ही उपयोग करें।

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परिप्रेक्ष्य अर्थात सामने वाले के पक्ष को समझना भी जरूरी होता है

अगर आप बच्चे के जिद्दीपन को ठीक करना चाहते हैं, तो उनके पक्ष को भी समझें। कभी-कभी हम सोचते हैं कि हमारे बच्चे का जिद्दी व्यवहार व्यर्थ है और चिल्ला या डांटकर उसके इस बर्ताव को सही करने की नाकाम कोशिश करते हैं। परन्तु, यह सही दृष्टिकोण नहीं है। उन पर गुस्सा निकालने से अच्छा है, उनके ऐसा करने के पीछे की वजह को समझा जाए।

अगर आपका भी कोई प्रश्न हो, तो हमारे विशेषज्ञ से पूछें।

उदाहरण के लिए, अगर वह बाहर जाकर खेलने से मना करते हैं, तो इसकी एक वजह यह भी हो सकती है कि उन्हें दोस्त बनाने में परेशानी आती है। अगर वह स्कूल में दिया गया होमवर्क नहीं करना चाहता, तो इसकी एक वजह यह हो सकती है कि उसे ऐसा करने में कोई परेशानी आ रही हो। इसलिए, यह सोचने के बजाए कि आपका बच्चा जिद्दी होने के कारण ऐसा कर रहा है, आप उसके ऐसा करने के कारणों को समझें और ठीक करें।

क्या आपको भी एक जिद्दी बच्चे से निपटना पड़ा था? ऐसे में, आपने इस बच्चे के जिद्दीपन से निपटने के लिए क्या किया था? इस विषय में अपने सुझाव हमारे पाठकों के साथ अवश्य बांटें।

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