एक बच्चे को बहुभाषी बच्चे की तरह बड़ा करना, उसके लिए बहुत अच्छा होता है। यह न केवल उसके मस्तिष्क की क्षमता में वृद्धि करता है, बल्कि उसके लिए करियर के कई दरवाज़े भी खोलता है। आइए हम यह समझने की कोशिश करें कि एक बच्चे का बहुभाषी होना उसके लिए कितना फायदेमंद है।
बच्चों किसी भी भाषा को आसानी से सीख लेते हैं
बहुत से लोग ऐसा मानते हैं कि जब एक बच्चे के साथ कई भाषाओं में बात की जाती है, तो बच्चा भ्रमित हो जाता है। वह यह जान नहीं पाता कि उसकी अपनी मातृभाषा कौन सी है। वह बोलते हुए कई भाषाओं को मिक्स करने लगता है। असल में, यह बिल्कुल गलत धारणा है। यह वैज्ञानिक तौर पर भी साबित हो चुका है कि अगर शिशु मातृभाषा के अलावा किसी अन्य भाषा को भी सीखता है, तो इस बात की पूरी आशंका होती है कि वह शिशु 6 महीने का होने से पहले ही उस भाषा को सीख लेता है।
अगर विज्ञान की मानी जाए, तो 10 साल से कम उम्र के बच्चों में किसी विदेशी भाषा को सीखने और महारथ हासिल करने की क़ाबलियत ज़्यादा होती है। दूसरी तरफ, वयस्कों को किसी विदेशी भाषा को सीखने में बहुत अधिक समय लगता है।
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शिशु विदेशी भाषा को बोल पाने में ज़्यादा समय नहीं लेते
चाहे विदेशी भाषा हो या मातृभाषा, आपका बच्चा दोनों को सीखने में एक जैसा ही समय लेगा क्योंकि उसके लिए तो दोनों भाषाएं नई हैं। अब क्योंकि आपका शिशु दोनों भाषाओं को एक ही स्रोत्र (यानि कि आप) से सीख रहा होगा, तो उसको दोनों भाषाओं में अंतर करने में अलग से मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। इसके साथ ही आपका शिशु अलग-अलग शब्दों और अर्थों के बीच अंतर करने में भी सक्षम हो जाएगा। अतः, वह मातृभाषा की तरह विदेशी भाषा को बोलने में भी ज़्यादा समय नहीं लेगा।
विदेशी भाषा स्कूल में सिखाई जानी चाहिए
आजकल हर माता-पिता यही कामना करते हैं कि उनका बच्चा हर क्षेत्र में बेहतरीन नतीजे लाए। जिस तेज़ी से आजकल प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ रही है, अच्छे स्कूल में दाखिला ले पाना भी एक चुनौती से कम नहीं है। इसके लिए आपके बच्चे में अन्य बच्चों से कुछ अलग होना बेहद ज़रूरी है। मेरा मानना है कि सिर्फ मातृभाषा को जानना पर्याप्त नहीं हैं क्योंकि मातृभाषा की जानकारी होना आम बात है। इसलिए, मैं अपनी बेटी को अभी से फ्रेंच सीखा रही हूँ।
श्रेष्ठ कौशल
विज्ञान ने यह सिद्ध किया है कि एक शिशु का बहुभाषी होना आगे चलकर उसके पढ़ने और लिखने के कौशल को और बढ़ाता है।
हाल ही में की गई एक रिसर्च से यह सामने आया है कि बहुभाषी बच्चे का दिमाग और एक ही भाषा बोलने वाले बच्चे का दिमाग अलग तरीके से कार्य करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जब व्यक्ति मातृभाषा के इलावा कोई और भाषा बोलता है, तो मस्तिष्क के विभिन्न हिस्से भाषा के उत्पादन में शामिल होतें है। इसी कारण बहुभाषी बच्चों की दिमागी क्षमता कुछ हद तक एक भाषा बोलने वाले बच्चों से ज़्यादा होती है।
जाहिर है, जब आपका बच्चा दो भाषाओं या उससे अधिक जानता है, तो वह लिख कर या बोल कर खुद को व्यक्त करने में अधिक सक्षम होगा। जब विश्लेषणात्मक, सामाजिक और शैक्षिक कौशल की बात आती है, तो मुझे लगता है कि आपका बच्चा सिर्फ एक भाषा बोल पाने वाले से एक कदम आगे ही होगा।
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विदेशी भाषा उनके करियर को एक अच्छी शुरुआत देती है
Baby Touch: Playbookआज अपने बच्चों में आप जो भी समय और प्रयास निवेश करेंगे, वह आगे चल कर उनके भविष्य के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होगा। विदेशी भाषा में निवेश भी बिल्कुल वैसा ही है। इसका मतलब यह है कि अगर आप बच्चे को बहुभाषी बनाते हैं, तो आगे चलकर उसे करियर से सम्बंधित ज़्यादा मौके मिलेंगे।
इस छोटी होती दुनिया में, कम से कम, मैं व्यक्तिगत रूप से यह नहीं चाहूंगी कि मेरा बच्चा बहुभाषी होने का लाभ न उठा पाए और खासकर तब, जब ऐसा करने लिए अनगिनत मौके उपलब्ध है। मातृभाषा के इलावा अपने शिशु को एक विदेशी भाषा सिखाना, उसके लिए आगे चलकर बहुत मददगार साबित होगा।
आपके बच्चे को बहुभाषी बनाने के बारे में क्या विचार है? क्या आप भी अपने बच्चे को कोई विदेशी भाषा सिखाई या सीखा रहें है? आपके बच्चे को बहुभाषी होने से क्या लाभ हुए? हमें अपने अनुभव ज़रूर बताएं।
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