
ऐसा आमतौर पर कहा जाता है कि बच्चे को पहली सर्दी और पहली गर्मी से बहुत बचा कर रखना पड़ता है क्योंकि इस दौरान उनके बीमार होने की आशंका बहुत बढ़ जाती है। अब क्योंकि गर्मियां पहले से ही शुरू हैं, तो यह जान लेना बेहतर होगा कि तपती गर्मी से अपने शिशु को कैसे सुरक्षित रखें।
गर्मी में पारा जहाँ 40 डिग्री से भी ऊपर जा पहुंचा है, मुझे नहीं लगता कि इस जलती हुई गर्मी से हमें जल्दी ही छुटकारा मिलने वाला है। इतनी तेज गर्मी में जहाँ हमारा बुरा हाल हो जाता है, जरा सोचिये कि इसका नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों पर क्या असर पड़ता होगा? आप अपने शिशु को घर की चारदीवारी में भी क़ैद करके नहीं रख सकते क्योंकि उसके लिए ताज़ा हवा लेना बहुत जरूरी होता है। परन्तु, गर्मी इस कदर पड़ रही है मानों आग बरस रही हो। ऐसे में, फिर चाहे सुबह हो या शाम, अपने बच्चे के साथ घर से निकल पाना असंभव लगता है।
जब आपको इस तपती गर्मी में अपने शिशु को बाहर लेकर जाने के इलावा कोई विकल्प नज़र नहीं आता, तो आपका पूरा ध्यान इस बात पर रहता है कि क्या आपने शिशु को पूरी तरह से ढक लिया है ? कहीं उसके शरीर का कोई अंग गर्मी से सीधे सम्पर्क में तो नहीं है ? ऐसा करने के लिए आप उसे ज्यादा से ज्यादा कपडे पहनाएंगी। परन्तु, यहाँ आप भूल जाती हैं कि ऐसा करने से आपके शिशु को ज्यादा कपड़ों की वजह से पसीना आएगा और पसीने की वजह से उसको शरीर पर रैशेस होंगे। और अगर शिशु के शरीर का कोई भी अंग आप बिना ढके हुए छोड़ती हैं, तो सनबर्न होने का भी खतरा रहता है।
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इन बातों को ध्यान में रखते हुए, आपने बच्चे को कैसे इस बढ़ते हुए गर्मी के पारे से बचाया जाए, इसके बारे में, मैं आपको कुछ सुझाव देना चाहूंगी।
- अगर आप इस गर्मी के मौसम में घर के अंदर ही रहना चुनती है, तो सुनिश्चित करें कि आप अपने बच्चे को हल्के रंग के कपड़े पहना रहीं हों। यह भी जांच ले कि कहीं आपने बच्चे को ज्यादा तंग कपडे तो नहीं पहना दिए हैं ? मेरी सलाह में, ऐसी तपती गर्मी में कॉटन के कपड़े सबसे बेहतरीन विकल्प है।
- अगर आपको बाहर जाना है, तो अच्छा रहेगा कि आप अपने शिशु को सूर्य की किरणों से बचाने के लिए एक टोपी खरीद लें। यह सूरज की गर्मी से उसके चेहरे की रक्षा करेगी और इसके अलावा सनबर्न होने से भी बचाव रखेगा। यह भी सुनिश्चित कर लें कि बच्चे के शरीर का कोई भी अंग सीधे धुप के सम्पर्क में ना हो और साथ ही यह भी जांच ले कि कपडे इतने खुले अवश्य हों कि उनमे से हवा का आवागमन होता रहे।
- ऐसी गर्मी में बच्चे को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी है। जब भी आपको लगे कि शिशु गर्मी महसूस कर रहा है या उसे पसीना आ रहा है, तो उसे पानी देते रहें। अगर आपका बच्चा 6 महीने से छोटा है, तो उसकी पानी की जरूरत स्तनपान या फार्मूला दूध से पूरी हो जाती है। लेकिन अगर आपका शिशु 6 महीने से ज्यादा आयु वाला है, तो बच्चे को खुद को हाइड्रेट करने के लिए पानी की आवश्यकता ज्यादा होती है।
- यदि आपका बच्चा बाहर खेलना पसंद करता है, तो उसे दोपहर के उन घंटों में बहार जाने से रोकें जब गर्मी अपनी चरम सीमा पर होती है।
- यदि आपका बच्चा 6 महीने से बड़ा है तो, तो गर्मी में बाहर निकलने से पहले उसके शरीर के अंगों (जो ढके नहीं हुए हैं) पर सनस्क्रीन लगाना न भूलें। 6 महीने से कम उम्र के बच्चे के लिए, मैं व्यक्तिगत तौर पर महसूस करती हूं कि यदि संभव हो तो गर्मी में घर से बाहर निकलने से बचे। ध्यान रहे की बढ़ते हुए बच्चों में धुप से होने वाली बीमरियों की आशंका ज्यादा रहती है।
- इस मौसम में, मैं हमेशा अपने बच्चे को दिन में दो बार स्नान करवाती हूँ। पहला स्नान उसके सुबह उठते ही और दूसरा शाम के वक्त। शिशु को स्नान करवाने से पहले यह सुनिश्चित कर ले कि जिस पानी में आप उसे स्नान करवाने वाली हैं, वह ना तो ज़्यादा ठंडा हो और ना ही ज़्यादा गर्म। दोनों मामलों में शिशु को कंपकंपी शुरू हो जाती हैं और यह उसके शरीर के तापमान पर बुरा प्रभाव डालती हैं।
- यदि आप एयर कंडीशनर का प्रयोग कर रहे हैं तो ध्यान रखे कि कमरे का तापमान 24 डिग्री से नीचे नहीं जाना चाहिए क्योंकि यह बच्चों के लिए बहुत ठंडा हो जायेगा, खासकर यदि वे 6 महीने से कम उम्र के हैं।
- घमौरियां, जिसे अंग्रेजी में प्रिकली हीट के नाम से भी जाना जाता है, गर्मियों के मौसम में घमौरियां होना बहुत ही आम बात है। परन्तु, यह आपके शिशु के लिए बहुत दुःखद अनुभव होता है।
- मेरी बेटी अभी घमौरियां से परेशान है और यकीन मानिए वह इससे बहुत परेशान हैं। इससे बचने के लिए आपको यह सुनिश्चित करना होता है कि आपके बच्चे को बहुत ज्यादा पसीना ना आए और यदि मुमकिन हो तो किसी ऐसे पाउडर का इस्तेमाल करे जिससे आपके शिशु को घमौरियां से हो रही असुविधा से राहत मिल सके।
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ये कुछ सावधानियाँ है जिनको ध्यान में रख कर आप अपने शिशु को गर्मी के दुष्प्रभावों से सुरक्षित रख सकती हैं। ऐसी गर्मी में अगर आपके शिशु के शरीर का तापमान सामान्य से कम या ज्यादा हो, तो उसे अनदेखा करने की गलती कभी भी ना करें।
इसके साथ ही मैं आपसे भी अनुरोध करुँगी कि अगर आपके पास भी अपने बच्चे को गर्मी से सुरक्षित रखने के लिए कोई उपाय हो, तो हमसे जरूर बांटे।
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