
गाय के दूध में मौजूद प्रोटीन से होने वाली एलर्जी, नवजात शिशुओं को होने वाली एक ऐसी एलर्जी है, जो गाय के दूध में मौजूद प्रोटीन के शरीर में प्रवेश करने से होती है। एक अध्ययन के मुताबिक, लगभग 5 – 8% बच्चे (अपन अपने जीवन के किसी-न-किसी चरण में) गाय के दूध में मौजूद प्रोटीन से होने वाली एलर्जी से पीड़ित होते हैं। इस एलर्जी का प्रमुख कारण वैसे तो शिशु के आहार में शामिल गाय का दूध ही होता है, लेकिन कुछ मामलों में यह स्तनपान से भी स्थानांतरित हो जाता है।
गाय के दूध में मौजूद प्रोटीन से एलर्जी तब होती है जब एक बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली गाय के दूध में उपस्थिति प्रोटीन को पहचान नहीं पाती और विपरीत प्रतिक्रिया करती है। उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली, इस प्रोटीन पर हमला करने लगती है।
गाय के दूध में मौजूद प्रोटीन से एलर्जी के लक्षण बच्चे के जीवन में पहले सालों में ही विकसित हो जाते हैं। कई मामलों में , एलर्जी के कुछ लक्षण बच्चे के स्तनपान करने या फार्मूला दूध लेने के साथ ही शुरू हो जाते हैं। बहुत बार लैक्टोज असहिष्णुता को भी इस एलर्जी से भ्रमित किया जाता है लेकिन असल में यह दोनों अलग-अलग हैं। लैक्टोज असहिष्णुता के विषय में आप हमारा पिछला लेख पड़ सकते हैं।
ज़रूर पढ़े – शिशुओं में लैक्टोस असहिष्णुता अर्थात दूध न पचने की समस्या के संकेत
गाय के दूध में मौजूद प्रोटीन से एलर्जी के कुछ शुरुआती लक्षण इस प्रकार हैं। अगर आप इनमें से कोई भी लक्षण देखते हैं, तो अपने बाल रोग विशेषज्ञ से तुरंत मिलें।
- भोजन खिलाने/खाने में असुविधा
- शौच में खून
- बेचैनी
- बहुत ज़्यादा व्याकुलता या चिड़चिड़ापन दिखाना। यहाँ इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे आमतौर पर भी उधम मचाते हैं लेकिन आपके बच्चे की व्याकुलता सामान्य कारणों से है यह किसी ख़ास कारण से, इसमें अंतर समझना ज़रूरी है।
- रिफ्लक्स
- शरीर की किसी एक जगह या कई जगह पर होने वाले रैशेस
- दस्त
- उल्टी
- सोने में परेशानी
- बच्चे द्वारा पीड़ा में होने के संकेत देना
- बच्चे के वजन का सही मात्रा में या बिलकुल भी नहीं बढ़ना। ऐसा होने के प्रमुख कारण खराब अवशोषण या (उसे अक्सर रहने वाले) दस्त और उल्टी भी हो सकते हैं
- सामान्य से अधिक गैस
- श्वसन संबंधी समस्याएं
यदि आपने हाल ही में अपने बच्चे में इनमें से किसी भी संकेत को देखा है, तो हमारी सलाह है कि आप जल्दी-से-जल्दी किसी बाल रोग विशेषज्ञ से ज़रूर मिलें और अपने बच्चे की व्याकुलता के कारणों की पुष्टि करने की कोशिश करें। ध्यान रखें, अगर आप इस समस्या के कारणों की पुष्टि करने में देरी करेंगे और अपने बच्चे को वही प्रोटीन खिलाते रहेंगे, तो यह समस्या गंभीर रूप भी ले सकती है। आपकी ज़रा सी लापरवाही की भारी कीमत आपके बच्चे को चुकानी पड़ सकती है। इसलिए, इस समस्या के एक भी संकेत के सामने आने पर अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
क्या गाय के दूध में मौजदू प्रोटीन से होने वाली एलर्जी का समाधान है?
जैसे ही इस बात की पुष्टि होती है कि बच्चा इस समस्या से गुज़र रहा है, तो बहुत से माँ-बाप बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के बच्चे को सोया दूध (फार्मूला मिल्क) देने लगते हैं। लेकिन, ऐसा करना भी गलत होता है क्योंकि आमतौर पर देखा जाता है कि जिन बच्चों को गाय के दूध में मौजदू प्रोटीन से एलर्जी होती है, उनमें से 50% बच्चों को सोया दूध से भी असहिष्णुता होती है। ऐसे में, सबसे उत्तम सलाह सिर्फ बाल रोग विशेषज्ञ ही दे सकता है।
ज़रूर पढ़े – क्या आप फूड एलर्जीस के बारे में जानती है?
ऐसे कई मामलों में बाल रोग विशेषज्ञ आपको ऐसे फार्मूला मिल्क की सलाह दे सकते हैं, जो खासतौर पर गाय के दूध में मौजदू प्रोटीन से होने वाली एलर्जी से बचने के लिए बनाए जाते हैं। ऐसे सूत्रों में इस प्रोटीन को बहुत ही छोटे टुकड़ों में तोड़ कर इस्तेमाल किया जाता है, जिससे बच्चे को ऐसी एलर्जी होने की संभावनाएं बहुत कम हो जाती हैं।
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आरंभ करें →इसके अलावा, एक स्तनपान कराने वाली मां के लिए यह समझदारी होगी कि वह अपने शिशु को ऐसे किसी भी डेयरी उत्पाद से दूर रखे, जिससे बच्चे को एलर्जी होने की संभावना हो। यदि आपको लगता है कि आपके द्वारा ग्रहण किए गए किसी आहार में इस प्रोटीन की मौजूदगी की वजह से शिशु को एलर्जी हुई है, तो आपको भी अपनी आहार श्रृंखला से उस पदार्थ को बिना विलम्ब किए निकाल देना चाहिए। उस आहार को निकालने के बाद देखें कि एलर्जी के संकेत गायब हुए या नहीं। कोई भी दुविधा हो, तो तुरंत अपने बाल रोग विशेषज्ञ से मिलें।
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