
शिशुओं की चुसनी (Pacifiers), एक ऐसी चीज़ है जो आपको हर उस घर मे मिल जाएगी जहाँ कोई नवजात शिशु हो। यह एक ऐसी चीज़ है जिसे हर माता-पिता अपने शिशु के जन्म लेते ही खरीद लेते है। पर इस चुसनी के अपने ही फायदे और नुकसान है।
जहाँ एक ओर यह शिशु को शांत रखने में मददगार साबित होती है, तो वहीं दूसरी ओर चुसनी का जरूरत से ज़्यादा किया गया इस्तेमाल हानिकारक भी हो सकता है क्योंकि यह आपके शिशु के मौखिक गुहा (ओरल कॅविटी) के विकास को प्रभावित कर सकता है। अपने इस लेख के माध्यम से मैं शिशुओं की चुसनी का उपयोग करने के फायदे और नुकसान के बारे मे बात करूँगी। मेरा मानना है कि इसको पढ़ने के बाद आप खुद यह फ़ैसला कर पाएँगी कि अपने शिशु को चुसनी (Pacifiers) देना उचित है या नहीं।
फायदे
- बहुत सारी ऐसी मेडिकल खोजे और लेख है जो यह दावा करते है कि शिशु को चुसनी देने से उसकी अचानक होने वाली मृत्यु यानि कि SIDS की संभावनाओं की काफ़ी हद तक कम किया जा सकता है।
- चुसनी एक बच्चे को आसानी से सुलाने मे बहुत मददगार हो सकती है। कई बार तो आपको आपने शिशु को सुलाने में कोई खास मेहनत नहीं करनी पड़ती। परंतु कई बार शिशु आपको ऐसे असमंजस मे डाल देता है जहा शिशु को सुलाने के लिए आपको अतिरिक्त प्रयास करना पड़ता है। ऐसे लम्हों मे चुसनी एक बहुत ही चमत्कारी चीज़ साबित होती है।
- अगर आप अपने नवजात शिशु के साथ हवाई यात्रा कर रहीं हैं तो चुसनी आपके शिशु के लिए बहुत मददगार साबित हो सकती है क्योंकि यह उड़ान के दौरान हवा के दबाव मे होने वाले परिवर्तन के कारण आपके शिशु को होने वाली असुविधा को कम करने मे सहायता कर सकती है।
- आप चुसनी को बच्चे का ध्यान परिवर्तित करने के लिए इस्तेमाल की जानी वाली चीज़ के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते है। उदाहरण के लिए रक्त परीक्षण, अल्ट्रासाउंड और अन्य चिकित्सा प्रक्रियाओं के समय में अपने बच्चे को शांत रखने के लिए शिशुओं की चुसनी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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नुकसान
- क्या आप जानती हैं कि एक बच्चे के स्तनपान और चुसनी के इस्तेमाल करने के तरीके मे बहुत फ़र्क होता है? वास्तव मे यह दोनों प्रक्रियाएँ अलग-अलग होती हैं। यह एक बहुत ही बड़ी ग़लतफहमी है कि चुसनी आपके बच्चे के स्तनपान करने के तरीके मे किसी किस्म का कोई सुधार ला सकती है। चुसनी को देने से कोई सुधार तो नही होता बल्कि आगे चल कर यह चुसनी आपके शिशु का स्तनपान से इनकार करने का एक बड़ा कारण बन सकती है।
- यह सच है कि शिशुओं की चुसनी के उपयोग से आप अपने बच्चे को जल्दी और अधिक समय तक सुला सकती हैं। लेकिन, क्या आप जानती हैं कि ऐसा करके आप अपने बच्चे को चुसनी की आदत डाल रहीं हैं? तथा एक निश्चित अवधि के बाद, आप इसे अपने बच्चे से अलग नहीं कर पाएँगी। इसके बाद एक ऐसा समय भी आएगा जब आपका बच्चा चुसनी के बिना सोने से ही इनकार कर देगा। जैसे ही चुसनी उसके मुँह से गिरेगी, वो नींद से जाग जाएगा।
- मुझे यकीन है, बहुत से माता-पिता को यह नहीं पता होगा कि ओटिटिस (कान के पर्दे से संबंधित रोग) के पीछे चुसनी सबसे बड़ा कारण है। इस संक्रमण के ज़्यादातर मामले छोटे बच्चों (6 महीने तक) मे देखे जाते है क्योंकि इस उम्र में बच्चों को ओटिटिस होने की संभावनाएँ बहुत अधिक रहती है।
- आम तौर पर शिशुओं की चुसनियाँ लेटेक्स से बनी होती हैं और यह आपके बच्चे मे लेटेक्स से एलर्जी का कारण भी बन सकती है।
- अगर शिशुओं की चुसनी का इस्तेमाल अधिक समय तक किया जाए तो यह दंत समस्याओं को भी बढ़ा सकती है। बच्चे को एक रंग-बिरंगी चुसनी देने से पहले यह जान ले कि आप अपने बच्चे के दूध के दांतों के विकास को खतरे में डाल रहे हैं।
- एक बार चुसनी की आदत पड़ने पर इसका मौखिक गुहा (Oral Cavity) के विकास पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। आपके बच्चे के होंठों की बनावट का खराब होना, इसका सबसे ख़तरनाक दुष्प्रभाव हो सकता है।
- इसके साथ ही अगर आप हर बार अपने बच्चे को चुप कराने के लिए इस चुसनी का इस्तेमाल करेंगे तो आप उसके रोने की असल वजह को कभी समझ नही पाएँगे।
मैं शिशुओं की चुसनी के इस्तेमाल के खिलाफ नहीं हूँ, परंतु अगर इसके इस्तेमाल के नुकसानों को जानने के बाद भी आपके पास इनको इस्तेमाल करने के इलावा कोई और विकल्प ना हो, तो नीचे दिए गए कुछ सुझावों को मान कर आप इसका इस्तेमाल कर सकती हैं।
- स्तनपान कराने से पहले अपने शिशु को चुसनी कभी ना दे। सबसे बुरी स्थिति में, जहां इसका प्रयोग ही अंतिम विकल्प हो, स्तनपान कराने या भोजन के बीच में ही दे।
- लेटेक्स के बजाय सिलिकॉन से बनी चुसनी का चयन करें और अपने बच्चे को देने से पहले उसे स्टेरिलाइज़ करना मत भूलें।
- अपने बच्चे को शांत रखने के लिए चुसनी का प्रयोग करने के लिए मजबूर ना करे। यदि वह इसे लेने से मना करे तो शिशु को किसी अन्य तरीके से शांत रखने का प्रयास करें।
- यदि सोते वक़्त आपके बच्चे के मुँह से चुसनी गिर जाए और आपका बच्चा सोया रहे, तो उसे चुसनी दुबारा ना दे।
किसी भी मीठी चीज़ मे चुसनी को ना डुबोएँ अर्थात मीठी चीज़ की कोटिंग से बचें। मुझे पता है, कई लोग ऐसा करते हैं। परंतु वह नही जानते कि ऐसा करके पर वह अपने शिशु को चीनी के आदी बना रहे हैं। कुछ समय बाद, चीनी की इस लत की वजह से बच्चा स्तनपान से इनकार कर देगा।
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