
क्या ऐसा सोचने वाली सिर्फ मैं ही हूँ, जिसको लगता है कि गर्भवती होने के बारे में आज भी हमारे समाज में काल्पनिक बातों को तथ्यों से ज़्यादा अहमियत दी जाती है?
जब बात गर्भवती होने की कोशिश की आती है, तो आज भी लोग तथ्यों की तुलना में सुनी-सुनाई बातों पर ज़्यादा जल्दी विश्वास कर लेते हैं। गर्भवती होने के बारे में, हमारे समाज में सैकड़ों गलत धारणाएं हैं जो प्रजनन, शिशु लिंग, संभोग की पोजीशन, तंग कपड़ों जैसे बातों पर आधारित हैं। हमारे ही समाज में कुछ ऐसे लोग भी है, जो सोचते हैं कि ‘चीनी जन्म कैलेंडर’ जैसी बेकार की चीज़े उन्हें अपने पसंदीदा लिंग का बच्चा पैदा करने में मददगार साबित हो सकती है। कुछ लोगों का मानना है कि एक बार संभोग से आप गर्भवती नहीं हो सकती और मासिकधर्म के दौरान भी संभोग से आप गर्भवती नहीं हो सकती। ऐसी अनेकों धारणाओं के बारे में पड़ा-सुना जाना असामान्य नहीं हैं। फिर भी, हमें इन मिथकों पर विस्तार से चर्चा करनी चाहिए और गर्भवती होने के बारे में सही जानकारी लेनी ज़रूरी है।
1सही समय पर संभोग करने का सिद्धांत
गर्भवती होने की कोशिश के लिए बहुत से लोगों का मानना है कि रात्रि में संभोग करना बेहतर होता है, जबकि दूसरे कहते हैं कि इसके लिए सुबह का समय सबसे अच्छा है। कुछ अध्ययन यहाँ तक भी दावा करते है कि दिन में पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या बढ़ जाती है। कुछ ऐसे अध्ययन भी है जो इस बात को मानते है कि जिन मर्दों को स्तंभन दोष ( erectile dysfunction) की शिकायत है, वह दिन में ज़्यादा बेहतर प्रदर्शन कर कर सकते हैं।
निस्संदेह, समय भूमिका निभाता है लेकिन, विशेषज्ञों का कहना है, “यह संभोग के समय के बारे में नहीं बल्कि ओव्यूलेशन के समय के बारे में है। गर्भवती होने के लिए अंडे का शुक्राणु से मिलना ज़्यादा ज़रूरी है और उसके लिए आपको ओव्यूलेशन के समय के दौरान संभोग करना होता है। इस समय को पहले से जानने के लिए आप “ओव्यूलेशन के समय का परिक्षण” से जुड़ा टेस्ट करवा सकती है या फिर हर सुबह बी.बी.टी थर्मामीटर का उपयोग करके अपना मूल शरीर तापमान ले सकते हैं।
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2शुक्राणु गणना का सिद्धांत
गर्भवती होने की कोशिश के बारे में एक और बहुत आम सी गलत धारणा है कि गर्भवती होने से पहले युगल को कुछ दिनों तक संभोग नहीं करना चाहिए। उनके मुताबिक, कुछ दिनों तक संभोग से दूर रहने की वजह शुक्राणुओं की अच्छी संख्या है। जबकि अन्य कहते हैं कि नियमित रूप से संभोग करने से गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है। विशेषज्ञ कहते हैं, “गर्भवती होने के लिए, नर शुक्राणुओं की गिनती बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि जितनी बेहतर शुक्राणुाओँ की गिनती, उतने ही बेहतर गर्भवती होने के आसार।
खराब जीवन शैली के कारण, अधिकांश पुरुषों में शुक्राणुओं संख्या में कमी के कई मामले सामने आएं हैं। इनकी गिनती को बढ़ाने का एक सरल सा तरीका है, ओव्यूलेशन से कुछ दिन पहले संभोग से बचें। किसी भी संभोग गतिविधि को रोकने के लिए सबसे अच्छा समय सीमा है – ओव्यूलेशन पीरियड के 3 से 5 दिन पहले।
3संभोग की सर्वश्रेष्ठ पोजीशन का सिद्धांत
“संभोग की पोजीशन कोई खास मायने नहीं रखती है।” गर्भवती होने की कोशिश के बारे में संभोग की पोज़िशन्स के बारे में कई मिथक हैं। अधिकतर जोड़ों को इस प्रश्न का उत्तर देना मुश्किल लगता है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि गर्भवती होने के लिए सभी पोज़िशन्स एक जैसी भूमिका नहीं निभाती। फिर भी गर्भधारण के लिए सबसे अच्छी पोजीशन (कोई मेडिकल पुष्टिकरण नहीं है) – पुरुष का ऊपर होना है। इसका कारण – शुक्राणु किसी तरह गुरुत्वाकर्षण द्वारा गर्भाशय ग्रीवा तक अपना रास्ता खोज लेता है। कुछ लोग कहते हैं कि यदि एक महिला संभोग के दौरान एक छोटे से तकिये की मदद से अपने कूल्हों को ऊपर उठा ले, तो शुक्राणु को गर्भाशय तक पहुंचने में और मदद मिलती है। लेकिन, यह भी एक मिथक ही है, इससे आपके गर्भवती होने की संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ता।
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4वजन का सिद्धांत
यह सबसे ज़्यादा पाई जाने वाली ग़लतफ़हमी है कि आपका वजन आपकी उर्वरता (fertility) को प्रभावित करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि, सही वजन ही एक अच्छी गर्भावस्था सुनिश्चित करता है और एक महिला का गर्भवती होने की कोशिश से पहले सही वजन का होना बहुत ज़रूरी है। थोड़ा अधिक वजन, बहुत पतला होने के मुकाबले बेहतर है। अध्ययनों से पता चला है कि लगभग दो-तिहाई महिलाएं ऐसी है, जो कि कम वजन वालीं हैं और बांझपन से जूझ रहीं हैं। दूसरी तरफ, जिन महिलाओं का वजन थोड़ा अधिक था, उन में कमाल की उर्वरता देखी गई।
5उर्वरता के दिनों का सिद्धांत
उर्वरता के दिनों का सिद्धांत एक और बहुत ही लोकप्रिय मिथक है। गर्भधारण के ‘दो दिनों’ वाला सिद्धांत भी पूरी तरह बकवास है। वास्तव में, हर महिला के उर्वरता के 6 दिन होते हैं। इसके साथ ही 14 दिनों वाला गर्भवती होने का सिद्धांत भी एक मिथक है। दरअसल, यह चक्र लंबाई पर निर्भर करता है। इसके साथ ही यह मानना कि आप मासिकधर्म के दिनों में गर्भधारण नहीं कर सकती, भी बिल्कुल गलत है। जिन महिलाओं के मासिकधर्म चक्र दूसरी महिलयों से कम दिनों के होते है, उनका ओव्यूलेशन पीरियड भी दूसरी महिलाओं से अलग होता है। वह मासिकधर्म के एकदम बाद भी गर्भवती हो सकती हैं और कई बार तो मासिकधर्म के दौरन भी गर्भवती हो सकती है। इसके अलावा, आपको यह भी याद रखना है कि शुक्राणु कई दिनों तक जीवित रह सकते हैं। यह सोचना भी गलत होगा कि ovulation के कुछ दिन पहले संभोग करने से आप गर्भवती नहीं हो सकती।
अतः, आपको इन सब मिथकों पर विश्वास नहीं करना चाहिए। सबसे ज़रूरी होता है कि आप तनाव बिल्कुल नहीं लें क्योंकि तनाव सब कुछ बिगड़ सकता है। तनाव न केवल आपके लिए बुरा है, बल्कि आपके बच्चे के लिए भी अच्छा नहीं है। चाहे आप गर्भवती होने के बारे में सोच रहीं हैं या पहले से ही गर्भधारण कर चुकी हैं, तनाव न तो गर्भावस्था से पहले ठीक होता है और न ही गर्भावस्था के दौरान। कई मेडिकल अध्ययनों ने यह माना है कि गर्भावस्था में तनाव, समय से पहले पैदा होने वाले बच्चों (premature babies) के पीछे एक प्रमुख कारण होता हैं। इसके इलावा तनाव, बच्चे का कम वजन होना और गर्भपात होने की संभावनाओं को भी बढ़ाता है। याद रखें कि गर्भवती होने पर आपको हर हालात में सकारात्मक रहना है। एक सुरक्षित और स्वस्थ गर्भावस्था के लिए, अपने रूटीन, आहार और जीवन शैली पर खास ध्यान दें।
एक अच्छी खुराक के साथ इन सब बातों का खास ध्यान रखें। कम से कम आधा घंटा व्यायाम करें और यह सुनिश्चित करने के लिए कि आप अपने बच्चे को एक स्वस्थ शरीर (आपका शरीर) दे रहीं है, समय पर डॉक्टर से जांच ज़रूर करवाएं।
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