Rotavirus infection – Symptoms, Complications, Treatments, and Prevention Tips
Rotavirus infection – Symptoms, Complications, Treatments, and Prevention Tips
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Simranjit Kaur

Mother of one, Master of Education with specialization in child-psychology. After becoming mother, I met with real me. I am now learning new concepts of parenting every fresh day and sharing my experiences with other mothers. I believe, one of the most important things that you, as a parent, should work on is - your child's psychology. Understanding the child-psychology will help you build stronger bonds and know them better.

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रोटावायरस संक्रमण शिशुओं में गंभीर दस्त का सबसे आम कारण है। हालांकि, रोटावायरस के कारण होने वाले दस्त के अधिकांश मामले, खुद ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन इस संक्रमण के कुछ गंभीर रूप भी हैं, जिनमें बच्चे को तेज बुखार, एवं निर्जलीकरण जैसी कई जानलेवा स्थितियों से भी गुजरना पड़ सकता है। गंभीर मामलों में, बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाना बहुत जरूरी हो जाता है। इस लेख में में हम रोटावायरस संक्रमण के लक्षण, जटिलताओं, एवं उपचारों के बारे में बात करेंगे। साथ ही, इस संक्रमण से बचने के लिए कुछ सुझाव भी देंगे।

रोटावायरस संक्रमण कैसे फैलता है?

संक्रमण के कारणों, प्रभावों और उपचारों के बारे में जानने से पहले यह जान लेते हैं कि रोटावायरस संक्रमण कैसे फैलता है। रोटावायरस एक वायरस है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से प्रसारित हो जाता है। यह वायरस, संक्रमित बच्चे के मल में इस वायरस के लक्षण प्रकट होने से कुछ दिन पहले और लक्षणों के गायब होने के 10 दिन बाद तक भी मौजूद रहता है। रोटावायरस को हाथों, खिलौनों, सतहों, भोजन या दूषित पानी के माध्यम से प्रेषित किया जा सकता है।

जरूर पढ़े – शिशुओं के लिए टीकाकरण अनुसूची

ऐसे में, जब आप रोटावायरस से संक्रमित अपने बच्चे का डायपर बदलने या शौच इत्यादि में मदद करने के बाद अपने हाथों को धोना भूल जाते हैं, तो आप अपने दूषित हाथों से जिन वस्तुओं को भी स्पर्श करेंगे, वह सभी दूषित हो जाएंगी और रोटावायरस का कारण बन जाएंगी।

रोटावायरस संक्रमण के लक्षण

  • दस्त – कम प्रतिरक्षा वाले लोगों को हल्के से घातक रूपों तक हो सकते हैं।
  • मतली और उल्टी।
  • एक तिहाई रोगी बुखार के लक्षण अनुभव करते हैं।
  • तीन से आठ दिनों तक दस्त रहना (न्यूनतम दो दिन, अधिकतम23 दिन), लेकिन कमजोर प्रतिरक्षा वाले बच्चों में यह दस्त ज्यादा लंबे समय तक बने रहते हैं।

संभव जटिलताएं

  • गंभीर निर्जलीकरण
  • पतन
  • चयापचय की गड़बड़ी
  • डाइसेलेरोलेक्टिमिया
  • बुखार में पड़ने वाले दौरे
  • कार्डियो-संचार इत्यादि जैसी जटिलताएं जो अंततः मौत का कारण बन सकती हैं।

उपचार

रोटावायरस संक्रमण के इलाज के लिए, न तो कोई दवा उपलब्ध है और न ही एंटीबायोटिक्स किसी काम आती है।

इस संक्रमण में मुख्य चिंता शिशु को निर्जलीकरण से बचाना होती है। ऐसा करने के लिए बच्चे को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ दिए जाते हैं।

यदि बच्चे को गंभीर दस्त हो और लगातार कई दिनों तक रहें, तो बाल रोग विशेषज्ञ मौखिक पुनर्जलीकरण अर्थात ओरल रीहाइड्रेशन की सलाह देगा। इस समाधान से (शरीर के अंदर) संक्रमण की वजह से हो रही खनिजों की हानि की भरपाई हो जाती है।

जरूर पढ़े – 7 उपाय जिनसे बच्चे की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाया जा सकता है

समस्या के दौरान, उचित आहार सारणी, संक्रमण को जल्दी ठीक करने में मदद करता है। इसमें पके हुए चावल, ताजा पनीर, रास्पबेरी सेब, एवं ताज़ी कटी हुई सब्जियों का सूप शामिल है। अपरिष्कृत सब्जियां, फल, डेयरी उत्पाद और फ्राइज़ इत्यादि को इस आहार सारणी से बाहर रखा गया है।

लक्षणों के गायब होने के लगभग तीन दिन बाद भी इसी आहार शैली को बनाए रखना चाहिए।

कुछ सुझाव

स्वच्छता रखें

शौचालय का उपयोग करने के बाद (हर बार) अपने हाथों को धोना न भूलें। ऐसे में चाहे आप शिशु का डायपर बदल रहें हों या उसे शौच में मदद कर रहें हों, आपको हर बार अपने हाथ धोने चाहिए। गंदे डायपर को सावधानी से नष्ट करें। अगर आप पॉटी सीट का इस्तेमाल कर रहीं हैं, तो सीट को भी हर इस्तेमाल के बाद कीटाणुनाशक स्प्रे इत्यादि से कीटाणुरहित करना न भूलें।

डिटर्जेंट या कीटाणुनाशक का उपयोग

बच्चे के खिलौने या हर वह चीज जो संक्रमित हो सकती है और आपके बच्चे के सीधे संपर्क में आती है, को कीटाणुरहित करना बहुत जरूरी है। यह आपके घर का फर्श भी हो सकता है। इस काम के लिए आप डिटर्जेंट या कीटाणुनाशक का उपयोग भी कर सकते हैं।

अगर आपका भी कोई प्रश्न हो, तो हमारे विशेषज्ञ से पूछें।

टीकाकरण

रोटावायरस संक्रमण से जुड़े टीकाकरण के बारे में अपने बाल रोग विशेषज्ञ से जरूर बात करें। समय रहते अपने बच्चे को सभी टीके जरूर लगवाएं।

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