
वैसे तो एक माँ के लिए गर्भवती होने की पुष्टि से बेहतर और कोई खुशखबरी नहीं होती, लेकिन, स्तनपान करने वाले शिशु के होते हुए पुनः गर्भवती होना यकीनन थोड़ा तनावपूर्ण होता है।
ऐसी परिस्थिति में आपके ऊपर न सिर्फ स्तनपान करने वाले शिशु की सेहत की ज़िम्मेदारी होती है , बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे को भी उचित आहार देना आपका फ़र्ज़ होता है। कुछ माताओं का ऐसा मानना होता है कि स्तनपान करवाने के बाद, गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए कुछ शेष नहीं रह जाता। इसलिए उनका इस दुविधा में पड़ना कि ऐसा क्या किया जाए कि स्तनपान भी रोकना न पड़े और गर्भ में पल रहे शिशु को पूरा आहार मिले, बहुत ही स्वाभाविक है। तो, आज हम इसी विषय पर बात करेंगे।
सबसे पहले मैं यह कहना चाहूंगी कि स्तनपान करवाने के साथ ही गर्भवती होने में कोई खतरा नहीं होता। वास्तव में स्तनपान के दौरान आपकी प्रजनन क्षमता कम हो जाती है। परन्तु ऐसा नहीं है कि आप पुनः गर्भवती हो ही नहीं सकती। दूसरा सत्य यह भी है कि शिशु को जन्म देने के बाद कुछ समय तक माहवारी नहीं आती। अगर आप सुबह-शाम स्तनपान करवाती हैं, तो आपको माहवारी आने में एक साल तक का समय भी लग जाता है। बहरहाल, अगर आप पुनः गर्भवती हो चुकी हैं, तो आपको पहले शिशु का स्तनपान छुड़वाने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। आप नीचे दी गई युक्तियों का पालन करके इस दुविधा से बच सकती हैं।
1कुछ हल्का-फुल्का भोजन हमेशा तैयार रखें
इस में कोई शक नहीं कि गर्भवती महिलाओं का सुबह के समय बीमार महसूस करना स्वाभाविक होता है। परन्तु जब आप स्तनपान करने वाले शिशु के होते हुए पुनः गर्भवती हो जाती हैं, तो आपकी मुश्किलें थोड़ी और बढ़ जाती हैं। ऐसे में , यह सुझाव दिया जाता है कि अपने लिए हमेशा कुछ -न-कुछ हल्का-फुल्का भोजन हमेशा तैयार रखें। कुछ भी जो आपको गर्भधारण की वजह से जी मचलने (nausea) पर मदद कर सकता हो, फिर चाहे वह एक हल्का टोस्ट हो या कोई चिप्स इत्यादि।
ज़रूर पढ़े – स्तनपान करवाने की कुछ पोज़िशन्स
2अपने आहार से अतिरिक्त पोषण प्राप्त करें
जब आप गर्भवती होती हैं, तो आप दो लोगों के लिए खाती हैं। लेकिन जब आप गर्भवती होने के साथ-साथ स्तनपान भी करवा रही हैं, तो आपको तीन लोगों के लिए खाना होता है क्योंकि अब आपके दोनों बच्चों को पोषण की आवश्यकता होती है और उनकी यह ज़रूरत केवल आपसे ही पूरी हो सकती है। अतः, आपको यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आपका आहार पर्याप्त पोषण से भरा हो। अपने स्त्री-रोग विशेषज्ञ से इस विषय में सलाह लें और यदि वह सिफारिश करे, तो अतिरिक्त पूरक अर्थात सप्लीमेंट लें।
3स्तनपान की समय-सीमा कम कर दें
हम जानते हैं कि गर्भावस्था में हार्मोनल परिवर्तन के कारण स्तन काफी भारी हो जाते हैं और उनमे दर्द भी रहने लगता है। इस समय के दौरान स्तनपान करवाना अत्यंत कठिन हो जाता और खासकर उस वक़्त जब आपके स्तनपान करने वाले शिशु के दांत आ रहें हों। लेकिन ऐसे में अगर आप स्तनपान की समय-सीमा कम कर सकें अर्थात बच्चे के स्तनपान करने के समय को किसी तरीके से घटा पाएं और अगर उसी समय में आपका बच्चा ठीक से स्तनपान कर ले, तो आपकी यह मुश्किल काफी हद तक ख़त्म हो जाती है।
4दूध की आपूर्ति में कमी
गर्भावस्था में दूध की कमी होना भी स्वाभाविक है। ऐसे मामले में, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चे को जितना हो सके ठोस आहार दें, जिससे उसके शरीर में दूध की कमी से हुई क्षति की भरपाई हो सके। ऐसे में कई बार शिशु ज्यादा ठोस खाना पसंद नहीं करते, तो उस परिस्थिति में आप हमेशा फार्मूला फीड का इस्तेमाल कर सकती हैं क्योंकि इसमें लगभग सभी वह पोषक तत्व शामिल होते हैं जो कि स्तन के दूध में होते हैं।
ज़रूर पढ़े – स्तनों में दूध बढ़ाने के लिए क्या किया जाए
5स्तनपान की पोजीशन में बदलाव

गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में स्तनपान करवाना बहुत आसान होता है। लेकिन जैसे-जैसे आपका पेट बढ़ना शुरू होता है, तो स्तनपान करवा पाना मुश्किल होता जाता है। ऐसे में आपको किसी ऐसी पोजीशन का इस्तेमाल करना होता है, जो आपके और आपके स्तनपान करने वाले बच्चे के लिए भी सहज हो। ऐसी स्थिति में ज़्यादातर माताएं एक तरफ लेट कर स्तनपान करवाना पसंद करती हैं। ऐसी स्थिति में न केवल आपको आराम मिलता है, बल्कि आपका शिशु भी सहजता से स्तनपान कर पाता है।
अगर आपके पास भी ऐसी माताओं के लिए कोई सुझाव है, जो स्तनपान करने वाले शिशु के होते हुए पुनः गर्भवती हैं, तो हमारे पाठकों के साथ ज़रूर बांटें।
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