गर्भावस्था और जन्म: एपिड्यूरल लेने के जोखिम और दुष्प्रभाव

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Pregnancy and birth: Risks And Side-effects of An Epidural
Pregnancy and birth: Risks And Side-effects of An Epidural
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Shruti Singh

A proud mom to a beautiful little baby girl, learning the art of parenting one day at a time. Experiencing the joys of being a mom for the first time. Excited and anxious about the journey. Takes being a stay-at-home mom as a challenge and there's nothing she would change about it.

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गर्भावस्था के विषय में अगर कोई चीज़ महिलाओं को सबसे ज़्यादा डराती है, तो वह है प्रसव पीड़ा के दर्द से गुज़रने का अहसास। इस प्रकार के दर्द और डर से सभी गर्भवती महिलाओं को गुज़रना पड़ता है और खासतौर पर उन्हें जो पहली बार माँ बनने जा रही होती हैं। जहाँ तक हमारी माँ, दादी या नानी का प्रश्न था, तो उनके पास इस दर्द के अहसास से खुद को बचाने के लिए केवल एक ही विकल्प था और वह था खुद को मानसिक रूप से तैयार करना। लेकिन, मौजूदा समय में माँ बनने वाली महिलाओं के लिए इस दर्द से आंशिक या पूरी तरह से बचने के लिए बेहतरीन विकल्प उपलब्ध है, जिसे एपिड्यूर के नाम से जाना जाता है। लेकिन एपिड्यूरल लेने से पहले आपको कुछ चीज़ों के बारे में अच्छी तरह से समझ लेने में ही भलाई है।

एपिड्यूरल क्या है?

यह एक प्रकार का इंजेक्शन है, इसे प्रसव पीड़ा से होने वाले दर्द को कम करने के लिए लगाया जाता है। इसको लगाने से निम्न रीढ़ की हड्डी वाले क्षेत्रों में तंत्रिका आवेगों को अवरुद्ध करके प्रसव के दौरन होने वाले दर्द को कम किया जाता है। जब आप लेबर के दौरान एपिड्यूरल लेते हैं, तो आपको बिल्कुल भी दर्द नहीं होता है।

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इसमें कोई आशंका नहीं कि यह प्रसव पीड़ा के दर्द से बचने का एक बहुत ही आसान तरीका लगता है, लेकिन फिर भी इसको लेने से पहले, इसके फायदों और नुकसानों के बारे में जान लेना बहुत ज़रूरी होता है।

एपिड्यूरल लेने के नुकसान

1एपिड्यूरल लेने के बाद आपको हिलने-जुलने की मनाही होती है

जब आप एपिड्यूरल लेती हैं, तो आपको हिलने-जुलने की मनाही होती है अर्थात आपको अपना शरीर स्थिर रखना होता है क्योंकि आपके शरीर से फीटल मॉनिटर, मूत्राशय कैथेटर और द्रव IV को जोड़ा गया होता है। ऐसे में जब प्रसव के दौरान आपको अपना शरीर स्थिर रखने को कहा जाता है, तो यह आपके शिशु के लिए समस्या पैदा कर सकता है क्योंकि आपका शिशु जन्म के लिए बेहतरीन स्थिति में खुद को घुमा पाने में सक्षम नहीं होता।

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2यह आपके प्रसव को भी धीमा कर देता है

एपिडुरल्स आपके प्रसव को धीमा कर देता है क्योंकि यह ऑक्सीटोसिन हार्मोन के साथ हस्तक्षेप करता है, जो आपके प्रसव के दौरान उत्पन्न होता है। जब इस हार्मोन के साथ एक हस्तक्षेप होता है, तो जाहिर है यह समय आने पर प्रभावी ढंग से पुश करने की आपकी क्षमता को प्रभावित करेगा। इसके अलावा, जब आप कुछ भी महसूस ही नहीं कर पाते, तो स्वाभाविक रूप से आगे बढ़ना मुश्किल हो जाता है।

3आगे चलकर दुष्प्रभाव पड़ते हैं

मेरे ऐसा कहने के पीछे मेरे निजी अनुभव हैं। मैंने अपने ही परिवार में एपिड्यूरल के दुष्प्रभावों के दो मामले देखे हैं। मेरी बहन और मेरी भाभी दोनों ने एपिड्यूरल लिया था और आज भी वह दोनों इसके प्रभाव को महसूस करते हैं। दोनों लगातार पीठ दर्द (ज्यादातर इंजेक्शन वाली जगह के आसपास) की शिकायत करती हैं। इसके अलावा मेरी भाभी को डिलीवरी के बाद (अनजान कारणों से) सिरदर्द की शिकायत होने लगी है। वास्तव में , यह दोनों (पीठ और सिर दर्द) एपिड्यूर के दीर्घकालिक प्रभाव हैं, जो एपिडुरल्स लेने वाली अधिकांश महिलाओं को झेलने ही पड़ते हैं।

4उपकरणों की मदद से जन्म की संभावना बढ़ जाती है

एपिड्यूरल के मामलों में ऐसा होने के संभावित कारणों में से एक यह है कि जब आप कमर के नीचे कुछ भी महसूस नहीं कर सकते हैं, तो आपकी “पुश” करने की क्षमता भी प्रभावित होती है। आप समझ ही नहीं पाती कि शिशु को जन्म देने के लिए आपको कितना और कब तक पुश करने की ज़रूरत है। ऐसी स्थिति में डिलीवरी को सही ढंग से करवाने के लिए डॉक्टर द्वारा पीटोकिन जैसे प्रसव वृद्धि हार्मोन को प्रेरित करने से लेकर बच्चे के जन्म के दौरान वैक्यूम का उपयोग करने जैसे किसी भी चीज़ का प्रयोग संभव है।

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5स्तनपान काफी हद तक प्रभावित होता है

क्योंकि एपिड्यूर ऑक्सीटोसिन के साथ हस्तक्षेप करता है, इसलिए स्तनों में दूध का आना भी बहुत प्रभावित होता है, खासकर स्तनपान के प्रारंभिक चरण में। इतना ही नहीं, ऑक्सीटोसिन माता और शिशु के बीच संबंधों के लिए भी जिम्मेदार है, इसलिए यह उसे भी प्रभावित करता है। हम जानते हैं कि शुरूआत में स्तनपान करवाना एक कठिन काम होता है, इसलिए जब आपको स्तनों में दूध की समस्या होती है, तो यह नई मां को अपने बच्चों को स्तनपान कराने के लिए हतोत्साहित कर सकता है। हालांकि, यह भी कहा जाता है कि एपिड्यूरल का स्तनपान पर कोई दीर्घकालिक प्रभाव नहीं पड़ता।

6आपकी रिकवरी धीमी हो जाती है

एपिड्यूरल, डिलीवरी के बाद आपकी रिकवरी को भी धीमा कर देता है। क्योंकि एपिड्यूरल्स लेने से एपीसीओटॉमी की संभावना भी बढ़ जाती है, तो इस वजह से भी बिस्तर में आपका समय बढ़ जाता है अर्थात रिकवरी धीमी हो जाती है।

इसलिए ये कुछ बातें हैं जिन पर एपिड्यूरल लेने से पहले विचार कर लेना ज़रूरी होता है। ऐसा नहीं है कि एपिड्यूरल लेने के सिर्फ नुकसान ही होते हैं। मेरे अगले लेख में, मैं एपिड्यूरल लेने के फायदों के बारे में बात करुँगी।

क्या आपने भी एपिड्यूरल लिया था? अगर हाँ, तो आपकी इस विषय में क्या प्रतिक्रिया है? इसके बारे में, अपने अनुभव हमारे पाठकों से ज़रूर बांटें।

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