स्वलीनता के शुरुआती लक्षणों का पता लगाना

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Early Signs Of Autism And Its Diagnosis
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गर्भावस्था में ऐसे कई प्रकार के परीक्षण किए जाते है, जिनसे गर्भावस्था के दौरान ही शिशु में पाए जाने वाले किसी भी व्यवहार या विकास संबंधी विकार का पहले से ही पता लगाया जा सके। ऑटिज़्म अर्थात स्वलीनता भी उनमें से एक है। यह सच है कि कोई भी माता-पिता नहीं चाहते कि उनके आने वाले शिशु में ऑटिज़्म या अन्य किसी प्रकार का भी मानसिक या शारीरिक विकार हो, परन्तु फिर भी अध्ययनों की मानी जाए, तो 68 में से 1 बच्चा ऑटिज़्म अर्थात स्वलीनता जैसे विकास के लिए सकारात्मक पाया जाता है। जैसा कि हमने अपने पिछले लेख में जाना, आटिज्म के ज़्यादातर कारणों के बारे में हम कुछ नहीं कर सकते, परन्तु अगर जन्म के बाद भी समय रहते स्वलीनता के शुरुआती लक्षण समझ लिए जाएं, तो यह शिशु और माँ-बाप के लिए काफी लाभकरी हो सकता है।

जरूर पढ़े – ऑटिज़्म के कारण क्या हैं और गर्भावस्था के दौरान किन चीज़ों के प्रति सावधानी बरतनी चाहिए

1स्वलीनता के शुरुआती लक्षण

स्वलीनता के शुरुआती लक्षणों का पता लगाना बहुत आसान होता है और इसमें माता-पिता को ज़्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती। मैं स्वलीनता से जुड़े कुछ स्पष्ट संकेतों के बारे में आपको बताना चाहूंगी –

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  1. जब कोई बच्चा अपने आस-पास के लोगों की भावनाओं के प्रति उदासीन होता है अर्थात कोई कुछ भी करे उसमें कोई बदलाव ही नहीं नज़र आता जैसे कि जब माता-पिता उसके साथ हंसने या खेलने की कोशिश करते हैं, तो शिशु अनुत्तरदायी रहता है और अपनी ही दुनिया में दिखता है।
  2. जब एक बच्चे के भाषण में 18 महीने से अधिक की देरी हो जाती है। (यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि, स्वलीनता की वजह से बोलने में देरी और सामान्य रूप से बोलने में होने वाली देरी, दोनों अलग-अलग है। आपको देखना है कि अगर आपका बच्चा उत्तरदायी है और कम से कम कुछ एक शब्द बोलता है, तो चिंता का कोई कारण नहीं है)
  3. जब कोई बच्चा सामाजिक होने में उदासीन होता है अर्थात अपनी उम्र के बच्चों से खेलना या किसी से भी मिलना पसंद नहीं करता।
  4. जब बच्चा आँख से आँख नहीं मिलाता। यहां तक कि जब कोई व्यक्ति बच्चे से बात करने की कोशिश करता है, वह उसकी आँखों में न देखकर इधर उधर देखने लगता है।
  5. जब बच्चा आपके इशारों को नहीं समझ पाता। उदाहरण के लिए, यदि आप उसके सामने एक गेंद को रख कर अपनी ऊँगली से गेंद की और इशारा करते हैं, तो वह कोई जवाब नहीं देता है।
  6. जब बच्चा अपने माता-पिता को थोड़े अंतराल के बाद देखकर अपने हाव-भावों से ख़ुशी ज़ाहिर नहीं करता।
  7. उसे हंसाने के लिए आपके द्वारा दिए गए चेहरे के हाव-भाव या आपके द्वारा निकाली गई आवाज़ों की नकल नहीं करता है।
  8. जब बच्चे अपने आस-पास लोगों का जमावड़ा न चाह कर अकेलापन पसंद करता है
  9. बच्चे को इकोलालिया अर्थात शब्दानुकरण जैसी समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में बच्चा बार-बार एक ही शब्द या वाक्यांश को दोहराता रहता है।
  10. जब बच्चा कुछ ख़ास चीजों के प्रति संवेदनशील या असंवेदनशील व्यवहार करता है, जैसे कि किसी फल का आकार, या जिस तरह से कोई व्यक्ति किसी फल का नाम लेता है, या किसी फल का स्वाद।
  11. जब बच्चा चाहता है कि उसे कोई भी ना छुए या उससे वह बहुत कम शारीरिक संपर्क रखा जाए। यहाँ हैरान करने वाली बात यह है कि उसकी इस सूची में उसके माता-पिता भी शामिल होते है।
  12. जब बच्चा एक ही चीज़ को बार-बार करता है जैसे कि गोल-गोल घूमना, उंगलियों को गोले की दिशा में घुमाते रहना, एक ही चीज़ को घूरते रहना, आगे और पीछे की ओर झुकते रहना इत्यादि।

जरूर पढ़े बोलने में देरी – मेरे 2.5 साल के बच्चे ने अभी तक बोलना क्यों शुरू नहीं किया। क्यों?

2स्वलीनता का पता लगाना

अन्य विभिन्न विकारों या बीमारियों के विपरीत, स्वलीनता का पता किसी प्रकार के रक्त परीक्षण से नहीं चलता। इस विकार की पुष्टि के लिए बच्चे का व्यव्हार एक विकास का विशेषज्ञों द्वारा निरिक्षण किया जाता है। हालांकि 1.5 साल या उससे कम आयु में स्वलीनता का पता लगाना संभव है, लेकिन फिर भी 2 साल की उम्र में ही इस विकार की पुष्टि की जा सकती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि स्वलीनता का पता इसी उम्र में लगता है। बल्कि कुछ ऐसे मामले भी है, जिनमे स्वलीनता का पता काफी पहले ही पता लगाया जा सकता है, जब इस विकार के बहुत ही मामूली से लक्षण प्रदर्शित होतें हैं। स्वलीनता का पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट होते हैं, जैसे कि

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  1. विकास संबंधी स्क्रीनिंग (Developmental screening)
  2. व्यापक नैदानिक मूल्यांकन (Comprehensive diagnostic evaluation)

विकास संबंधी जांच में, एक बच्चे को 9 महीने, 18 महीने और 24 या 30 महीनों जैसे विभिन्न चरणों में विकास संबंधी विलम्बों का परिक्षण किया जाता है ।

दूसरी ओर, व्यापक नैदानिक मूल्यांकन में बच्चे का पूरा परीक्षण किया जाता है जिसमें सुनने की शक्ति, आंखों की जांच, आनुवांशिक परीक्षण, न्यूरोलोलॉजिकल परीक्षण जैसे कई और महत्वपूर्ण चिकित्सा परीक्षण शामिल हैं।

यह महत्वपूर्ण है कि आप माता-पिता के रूप में स्वलीनता से जुड़े किसी भी प्रारंभिक संकेत को अनदेखा न करें। किसी किस्म का संदेह होने पर विशेषज्ञ से संपर्क करना ही बेहतर होता है ताकि समय रहते आपके बच्चे का परीक्षण हो सके।

यदि आप हमें स्वलीनता अर्थात आटिज्म के बारे में कोई भी प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो कृपया हमसे संपर्क करें।

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