
हमने अपने पिछले लेख में आपको 7 ऐसे उपाय बताए थे जिनसे आप अपने शिशु की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ा सकते हैं। इस लेख में, हमने कुछ आवश्यक खाद्य पदार्थों की एक सूची तैयार की है, जिनसे बच्चे की रोग प्रतिरोधक शक्ति अर्थात इम्युनिटी बढ़ाई जा सकती है। माता-पिता के रूप में आप हमेशा यही चाहते हैं कि आपके बच्चे की रोग प्रतिरोधक शक्ति बहुत बेहतर हो। ऐसे में, इन खाद्य पदार्थों के सेवन से आपकी यह चिंता काफी हद तक दूर हो जाती है। आइए जानते हैं, इन खाद्य पदार्थों के बारे में।
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1खट्टे फल
निम्बू, नारंगी, अंगूर, अमरूद आदि जैसे सभी खट्टे फल विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। आपकी जानकरी के लिए हम बताना चाहते हैं कि विटामिन सी सफेद रक्त कोशिकाओं (जो संक्रमण से लड़ने के लिए जानी जाती हैं) के उत्पादन में वृद्धि करने में मदद करता है। इसके अलावा, जब आप अपने बच्चे को खट्टे फल के माध्यम से विटामिन सी की पर्याप्त खुराक देते हैं, तो आम सर्दी और फ्लू की गंभीरता और अवधि बहुत कम हो जाती है।
2अंडे
अगर आप अपने बच्चे को अंडा दे सकते हैं, तो यह बहुत बढ़िया है। चाहे आपका बच्चा उबला हुआ अंडा पसंद करता है या उबला हुआ , उसे अंडा ज़रूर दें। वास्तव में, अंडे प्रोटीन, लोहा और विटामिन ए का एक उत्कृष्ट स्रोत हैं जिसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो कई वायरल और बैक्टीरिया संक्रमण से लड़ने में सहायता करते हैं। इसके अलावा, अंडे ही एकमात्र ऐसा भोजन है जिसमें भरपूर विटामिन डी है।
3सूखे मेवे
अखरोट, बादाम, काजू इत्यादि जैसे सूखे मेवे की एक दैनिक खुराक आपके बच्चे के आहार में शामिल होनी चाहिए।
इन सूखे मेवों में आवश्यक विटामिन और खनिज जैसे नियासिन, विटामिन ई, राइबोफ्लेविन इत्यादि होते हैं जो शरीर की व्यवस्था के लिए जरूरी होते हैं। विटामिन ई एक बहुत ही बढ़िया एंटीऑक्सीडेंट है, जो कोशिकाओं को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है। ध्यान रखें कि एक या दो प्रकार के सूखे मेवों पर ही केंद्रित न रहें, बल्कि इनकी जितनी किस्में मिल सकें , उन्हें शिशु के आहार में शामिल करें ताकि आपका बच्चा इनसे ऊब न जाए। प्रतिदिन एक मुट्ठी सूखे मेवे देने से आपके बच्चे की रोग प्रतिरोधक शक्ति को काफी सहायता मिल सकती है।
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4दही
लगभग हर भारतीय घर में दही जरूरी खाद्य पदार्थों में से एक है। बुज़ुर्गों की इस बात में कोई दो राय नहीं कि बच्चों को रोज़ एक कटोरा दही दिया जाना चाहिए। अगर आप सर्दियों में नहीं भी देना चाहते, तो कम से कम गर्मियों में दही आपके बच्चे के आहार का हिस्सा होना चाहिए। इसका कारण यह है कि दही न केवल बच्चों में बल्कि वयस्कों को होने वाले जठरांत्र अर्थात गैस्ट्रोएन्टराइटिस संबंधी रोगों के लिए एक अचूक उपाय है। दही प्रोबायोटिक्स से भरा है, जिसका अर्थ है कि इसमें वह सभी अच्छे बैक्टीरिया हैं, जिनकी आपके शरीर को ज़रूरत रहती है। यह अच्छा बैक्टीरिया आपके शरीर में बुरे बैक्टीरिया के प्रवेश को रोकता है।
यदि आपका बच्चा दही पसंद नहीं करता है, तो उसे दही में उसकी मनपसंद सब्ज़ी डालकर दे दें या आप उसे दही लस्सी के रूप में भी दे सकते हैं।
मेरी बेटी को दही में किसी किस्म की सब्ज़ी इत्यादि पसंद नहीं है, इसलिए मैं उसके कुछ पसंदीदा फल लेती हूँ और उनकी प्यूरी बनाकर, फिर उसमें स्वाद के लिए दही मिला देती हूँ। इस छोटे से प्रयोग से मैं उसे दही खिला पाने में सफल रहती हूँ।
5लहसुन
आप में से बहुत से माता-पिता यह मानते हैं कि जब हम हर (भारतीय) सब्जी में लहसुन का प्रयोग करते ही हैं, तो अलग से लहसुन देने की कोई जरूरत नहीं है। आपका ऐसा सोचना कुछ हद तक सही भी है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने के मामले में लहसुन का फायदा आपकी सोच से कहीं ज्यादा है। लहसुन में जीवाणुरोधी और एंटीवायरल गुण हैं। यह उन सफेद रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है जो संक्रमण से लड़ती हैं।
अगर आपका भी कोई प्रश्न हो, तो हमारे विशेषज्ञ से पूछें।
इतना ही नहीं, यहां तक कि ठंड और फ्लू के लिए भी यह उत्तम उपचार है। अगर आप बच्चे के आहार में लहसुन की एक और गिरी डाल भी देते हैं, तो उससे कोई नुक्सान नहीं होगा।
क्या आपके पास भी कोई ऐसा खाद्य पदार्थ है, जिसे आप इस सूची में जोड़ सकते हैं? हमारे पाठकों को जरुर बताएं।
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