
इस लेख में
- शिशुओं में पेट की गैस का कारण।
- अपने शिशु को डकार दिलवाए।
- रोज़ाना तौर पर मालिश करे।
आमतौर पर नवजात शिशुओं के खाने पीने का टाइमटेबल फिक्स नही होता, शायद इसी वजह से उनको पेट की गैस की समस्या का सामना करना पड़ता है।
परेशानी की बात यह है कि वो इतने छोटे और लाचार होते कि ना तो दर्द की वजह समझ सकते है और ना ही समझा सकते है। ऐसे हालत में माताओं के लिए भी समझना मुश्किल हो जाता है कि उनकी तकलीफ़ की वजह क्या है। अधिकतर मौकों पर शिशुओं में पेट की गैस का कारण उनके मुख से अंदर जाने वाली हवा होती है। जब भी शिशु रोता है या कुछ खाता है, तो यह हवा उसके मुख से होती हुई उसके पेट तक पहुँचती है और आगे चलकर पेट की गैस का रूप ले लेती है।
अतः अगली बार जब भी आपका शिशु जरूरत से ज़्यादा रोए, बिना बात के चिढ़े, उधम मचाए, झिलाये, उसका पेट आपको फूला हुआ या सख़्त महसूस हो, किसी किस्म की कोई सूजन दिखे, कोई बेआरमी दिखे, या बार बार डकार मारे; तो समझ लीजिए की उसको पेट की गैस है।
इस लेख के ज़रिए मैं आपको कुछ ऐसे तरीक़ो के बारे में बताना चाहूँगी जिससे आप आपने शिशु को इस दर्द से निजाद दिला सकती हैं।
अपने शिशु को डकार दिलवाए
यह बहुत जरूरी और उपयोगी उपाए है। कई मौकों पर यह देखा गया है कि बच्चे को दूध पिलाने के बाद एकदम लिटा दिया जाता है। जहाँ पर माताएँ स्तनपान नही करवाती और दूध की बोतल का इस्तेमाल होता है, वहाँ पर तो बच्चो को बिस्तर पर लेटे-लेटे ही दूध दे दिया जाता है। यह एक दम ग़लत तरीका है। आपको चाहिए की दूध पिलाने के बाद आप शिशु को डकार अवश्य दिलवाए।
डकार दिलवाने के लिए अपने शिशु को अपने कंधे पर इस तरह से उठाए कि उसकी ठोड़ी आपके कंधे के एकदम उपर हो। यहाँ पर इस बात का खास ध्यान रखे कि बच्चा आपकी दाहिनी ओर है। इस तरह से उसके अंदर के हवा के गुबारे आसानी से बाहर निकल जाएँगे और उसको गैस की शिकायत नहीं होगी।
डकार दिलवाने का एक और तरीका यह भी है की बच्चे को पेट के बल लिटा दिया जाए। ऐसा करने से सारा प्रेशर उसके पेट पर आएगा और गैस बाहर निकल जाएगी। पर याद रहे कि दूध पिलाने के एकदम बाद शिशु को उल्टा नहीं लिटाना है, बल्कि कुछ देर प्रतीक्षा करना जरूरी है।
हींग का इस्तेमाल करे
यह भी एक बेहतरीन उपाए है। थोड़ी सी हींग ले ले उसको पीस कर पाउडर बना ले और गुनगुने पानी मे उसको घोल के शिशु की नाभि के आसपास लगाए। क्योंकि हींग की तासीर गरम होती है तो यह आपके शिशु को गैस के दर्द से कुछ ही मिंटो में आराम दिलवा सकती है।
सोया बीज का पानी पीए
सोया बीज, आमतौर पे यह पाचन क्रिया को बेहतर करने के लिए बहुत ही बढ़िया उपाए है। इसके बीच पाया जाने वाला करमिनटिव एजेंट पाचन क्रिया के लिए बहुत अच्छा होता है। दो चम्मच सोया बीज का पानी, अगर बच्चे को दिया जाए तो उसको पेट की गैस से तुरंत आराम मिलेगा।
इसके साथ ही अगर माँ भी सोया बीज के पानी का सेवन करे तो उसको अत्यंत फ़ायदा होगा। ना सिर्फ़ उसकी पाचन क्रिया में बेहतरी देखने को मिलेगी पर उसके दूध में भी वृधि होगी और खून का प्रवाह भी ठीक रहेगा।
पहले 6 महीने सिर्फ़ माँ का दूध दे
यह बहुत ही जरूरी चीज़ है कि पहले 6 महीने तक अपने बच्चे को सिर्फ़ (माँ का) दूध दे और 6 महीने बीत जाने के बाद उसको पानी देना शुरू करे। ऐसा करने का एकमात्र कारण है कि 6 महीने का बच्चा माँ के दूध के सिवाय कुछ और हजम नही कर सकता। इस कारण से भी उनको पेट की गैस हो जाती है।
दूध पिलाते समय एस बात का ध्यान रहे कि आपने बच्चे को उपर से नीचे की और पकड़ रखा हो। इससे दूध सीधा उसके पेट में जाएगा और इधर उधर ना जा कर गैस नही बनने देगा।
बच्चो के लिए मालिश
रोज़ाना तौर पर की जाने वाली मसाज / मालिश, गैस से काफ़ी हद तक छुटकारा दिलवा सकती है। रोज़ की जाने वाले मालिश उसके शरीर को एक लचीलापन देगी और बच्चे को पेट की गैस से काफ़ी राहत देगी। इसके साथ ही उसको आप हल्की फुल्की कसरत भी करवा सकते है। अपने शिशु को पेट के बल लिटा दे और उसकी टाँगों को इस तरह से घुमाएँ जैसे साइकल चलाया जाता है। ऐसा करने पर भी उसके पेट पर प्रेशर आएगा और गैस बाहर निकल जाएगी। ऐसा करने से उन सब बेआरमियों से उसको आराम मिल जाएगा जो बदहज़मी की वजह से शिशु को झेलनी पड़ती है।
शिशुओं में पेट की गैस की समस्या आम बात है। उपर लिखे उपायों से काफ़ी हद तक बच्चे को आराम मिलेगा। फिर भी अगर आपके बच्चे की गैस की समस्या हल ना हो तो किसी अच्छे शिशु विशेषज्ञ को मिलने में कोताही ना बरते।
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