
जब आपका बच्चा स्तनपान से इंकार करता है, तो माँ होने के नाते आपको चिंता होना स्वाभाविक है। बच्चे के ऐसा करने पर, आपके मन में सैंकड़ों कारण उठने लगते हैं। कुछ माताएं यह मान लेती है कि यह बच्चे की ओर से स्तनपान छोड़ने की पहल है, लेकिन कुछ महिलाएं इसे एक समस्या के रूप में देखती हैं। चाहे कारण कोई भी, पर एक निर्धारित आयु तक शिशु का स्तनपान करना बहुत जरूरी है। इस लेख के माध्यम से हम बच्चे के स्तनपान न करने के कारणों और समाधानों के बारे में जानकारी सांझी करेंगे।
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बच्चा स्तनपान से इंकार क्यों करता है
समस्या के समाधान से पहले, आइए हम इसके कारणों को समझ लेते हैं। इस समस्या के पीछे कई कारण होते हैं, जो प्रमुख रूप से 3 भागों में विभाजित होते हैं। पहले तरह के कारण शिशु से, दूसरे तरह के कारण माता से, और तीसरे दूध के प्रवाह से जुड़े होते हैं।
शिशु से जुड़े कारण
- चूसने, निगलने और स्तनपान के समय सांस को समन्वयित करने में विफलता।
- नवजात शिशु के मुंह या होंठों की बनावट में असामान्यताएं होने से उसको दूध पीने में समस्या होना।
- समय से पहले जन्म लेने वाले बच्चे में माँ के निप्पल को पकड़ने और चूसने की पर्याप्त शक्ति न होने के कारण स्तनपान करने में कठिनाई होना।
- शिशु का बीमार होना या उसे पेट गैस जैसी कोई समस्या होना।
- बच्चे को जन्म के तुरंत बाद माँ की छाती से नहीं लगाए जाना। त्वचा से त्वचा का मिलन माँ और बच्चे के बीच बनने वाले एक संबंध के लिए बहुत जरूरी है। यह संबंध आगे चलकर स्तनपान का आधार बनता है।
- जन्म के बाद बच्चे को स्तनपान करवाने के लिए किसी विकल्प का इस्तेमाल किया जाना, जिस वजह से वास्तव में स्तनपान करवाए जाने पर, उसका भ्रमित होना।
- बच्चे का किसी दवा के प्रभाव में होना।
- बच्चे को एक ही तरफ से स्तनपान करवाया जाना।
- बच्चे को चूसने से जुड़ी असुविधा होना।
माँ से जुड़े कारण
- माँ का थकावट महसूस करना।
- अत्यधिक तनाव महसूस करना।
- बीमारी होना।
- बिना प्रिस्क्रिप्शन के कोई दवा लेना।
- आहार में असामान्य भोजन लेना।
- किसी इत्र इत्यादि की वजह से आपकी गंध में परिवर्तन आना।
- बहुत बड़े या चौड़े निपल्स, स्तन की सूजन, या स्तनों से जुड़ी कोई अन्य समस्या।
दूध के प्रवाह से जुड़े कारण
- बहुत तेज दूध प्रवाह होना।
- बहुत धीमा प्रवाह होना।
- स्तनपान की शुरुआत में धीमा प्रवाह होना।
समस्या के समाधान
- बच्चे के स्तनपान न करने के कारणों को समझने के बाद, अब हम इस समस्या के उपचारों के बारे में बात करते हैं। यहाँ सबसे जरूरी है, उन संकेतों पर नजर रखना, जो बतातें हैं कि आपका बच्चा भूखा है।
- स्तनपान के दौरान अपने बच्चे को ध्यान से देखें। अगर वह अपना मुंह खोलता और बंद करता है, शोर करता है या अपना सिर आपकी तरफ करता है, तो यह सब इस ओर इशारा करता है कि आपका बच्चा भूखा है।
- बच्चे को स्तनपान करवाने से पहले जहां तक संभव हो त्वचा-से-त्वचा का संपर्क बनाने का अवसर दें।
- स्तनपान से पहले दूध के प्रवाह को ठीक करने के लिए, अपने स्तनों पर गर्म सेक करें। स्तन पर दूध की एक बूंद भी आपके बच्चे की भूख को जगा सकती है।
- जब बच्चा आधी नींद में हो, तब उसे स्तनपान करवाने की कोशिश करें।
- स्तनपान के लिए ऐसी जगह का चुनाव करें, जहाँ पूर्ण रूप से शांति हो एवं आपका बच्चा हर चीज से दूर हो जो उसे विचलित कर सकती है।
- उम्र के हिसाब से बच्चे को दूध पिलाने की स्थिति अलग होती है। बड़े बच्चे को दूध पिलाने के लिए जो स्थिति बढ़िया हो सकती है, जरूरी नहीं है कि वह उम्र में छोटे बच्चे के लिए भी उचित और आरामदायक हो। इसलिए, स्तनपान करवाने के लिए अलग-अलग स्थितियों का प्रयास करें क्योंकि आपके बच्चे को कोई एक पोजीशन दूसरी से अधिक आरामदायक लग सकती है।
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जब बच्चा स्तनपान करने से मना करता है, तो कई बार माताएं उन्हें स्तनपान करवाना ही बंद कर देती है। ऐसा नहीं होना चाहिए। अगर आपका बच्चा स्तनपान से इंकार करे, तो आपको ब्रैस्ट-पंप का इस्तेमाल करके स्तनों से दूध जरूर निकाल लेना चाहिए। इससे आपका शरीर दूध पैदा करता रहेगा और आपको स्तनों से जुड़ी समस्याएं भी नहीं होगी।
यदि आप चिंतित हैं कि आपका बच्चा पर्याप्त और निर्जलित भोजन नहीं कर रहा है, तो देखें कि एक दिन के दौरान उसने कितने डायपर गीले किए हैं। अगर वह दिन में 5 से 8 के बीच डायपर गीले नहीं करता, तो अपने बाल रोग विशेषज्ञ से इस विषय में बात करें।
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