
वास्तव में, लैक्टोस, दूध में आमतौर पर उपस्थित चीनी को कहा जाता है। बच्चों को दूध में उपस्थित इस चीनी को ठीक से पचाने के लिए लैक्टेस नामक एक एंजाइम की आवश्यकता होती है। जब एक बच्चे का शरीर पर्याप्त लैक्टोस पैदा करने में सक्षम नहीं होता, तो इस मामले को लैक्टोस असहिष्णुता के रूप से जाना जाता है।
दूध की एलर्जी और लैक्टोज असहिष्णुता में क्या अंतर है?
यह ऐसी दो समस्याएं हैं, जिनके बारे में लोग अक्सर भ्रमित रहते हैं। ये दोनों अलग-अलग शब्द हैं और इन्हें एक-दूसरे के विकल्प के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। दूध एलर्जी एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया होती है अर्थात जब एक बच्चे को गाय के दूध में मौजूद अतिरिक्त प्रोटीन की वजह से एलर्जी होती है और लैक्टोस असहिष्णुता का कारण शिशु के शरीर में दूध में मौजूद लैक्टोस को पचा पाने की असमर्थता होती है।
मुझे कैसे स्पष्ट होगा कि मेरे शिशु को दूध से एलर्जी है और असहिष्णुता नहीं है?
एलर्जी की प्रतिक्रिया में, आपका बच्चा घरघराहट, गले में जकड़न, रैशेस, होंठों की सूजन इत्यादि जैसे संकेत दिखा सकता है। इसके विपरीत, असहिष्णुता में पेट की ऐंठन, गैस, सूजन इत्यादि हो सकती है। चाहे नवजात शिशु हो या थोड़े से बड़े बच्चे, लैक्टोस असहिष्णुता के मामलें आमतौर पर कम ही देखे जाते हैं।
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पर समय से पहले जन्मे बच्चों के मामले में लैक्टोस असहिष्णुता की संभावनाएं बढ़ जाती हैं क्योंकि तीसरे तिमाही के अंत में ही लैक्टेस के स्तर में वृद्धि होती है। इससे पहले पैदा होने वाला कोई भी बच्चा लैक्टोस असहिष्णुता के निश्चित लक्षण दिखा सकता है।
मुझे उम्मीद है कि अब तक आप लैक्टोस असहिष्णुता के बारे में बुनियादी बातें समझ चुके हैं। इस लेख में, अब हम लैक्टोस असहिष्णुता की वजह से शिशु द्वारा दिखाए जाने वाले संकेतों के बारे में बात करना चाहेंगे।
1पेट में दर्द
लैक्टोस असहिष्णुता से ग्रस्त बच्चों में पेट दर्द एक आमतौर पर पाया जाने वाला लक्षण है। आपको निश्चित तौर पर इस बात की जाँच करने में कोई चूक नहीं करनी चाहिए कि आपका बच्चा क्या खा रहा है। अगर आपका बच्चा बहुत अधिक मात्रा में डेयरी उत्पादों का सेवन कर रहा है और लगातार दर्द से रो रहा है, तो धीरे से उसके पेट को छूएं। अगर छूने पर शिशु का पेट सख्त महसूस होता है और वह आपको आसानी से इसे छूने नहीं देता है, तो निश्चित रूप से उसके पेट में दर्द है।
2फूला हुआ पेट और गैस
अपने बच्चे के फुले हुए पेट को देखें क्योंकि यह एक ऐसा संकेत है, जिसे आसानी से देखा जा सकता है। फूला हुआ पेट आमतौर पर स्पर्श के लिए कठिन होता है और कुछ खास क्षेत्रों पर स्पर्श करने से शिशु के लिए पीड़ाजनक भी हो सकता है। इसके साथ ही शिशु को गैस की समस्या भी होगी। ऐसे में आपके लिए यह समझ पाना मुश्किल नहीं है कि आपने शिशु को ऐसा क्या दिया है, जिसकी वजह से उसे यह परेशानी हो रही है।
3दस्त
दस्त लगना भी लैक्टोस असहिष्णुता के लक्षणों में से एक है और इस संकेत को समझना मुश्किल भी नहीं है। हालांकि, शिशुओं को दस्त लगना एक बहुत ही आम बात है, लेकिन अगर यह कुछ समय अर्थात 2 या 3 दिन तक बंद न हो, तो निश्चित रूप से चिंता का कारण है। पतली शौच एक अच्छा संकेत नहीं होती और अगर यदि यह लंबे समय तक बनी रहे , तो इसे लैक्टोस असहिष्णुता के निश्चित लक्षण के रूप में देखा जा सकता है।
4जी मिचलाना और उल्टी
हालांकि लैक्टोस असहिष्णुता के यह संकेत बहुत ही दुर्लभ हैं, फिर भी बच्चों में जी मिचलना या उल्टी जैसे संकेतों को नज़रअंदाज़ करना एक बहुत बड़ी भूल बन सकती है। यदि आपको संदेह है कि यह लैक्टोस असहिष्णुता या किसी अन्य के कारण है, तो डॉक्टर सलाह न केवल एक उत्तम, बल्कि सबसे महत्वपूर्ण उपाय है।
कई मामलों में ये सभी लक्षण पूरी तरह से न हो कर, एक-दूसरे के साथ हो सकते हैं। लेकिन बहुत से मामलों में, लैक्टोस असहिष्णुता के यह संकेत आमतौर पर होते हैं। अंत में, हम यह कहना चाहेंगे कि लैक्टोस असहिष्णुता का समय रहते इलाज किया जाना ज़रूरी होता है। ऊपर दिए गए लक्षणों में से, अगर आपका बच्चा किसी भी लक्षण को दिखा रहा हो, तो आपको अपने चिकित्सक से इसकी जांच ज़रूर करवानी चाहिए।
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इसे अपने हिसाब से ठीक करने का प्रयास करके आप अपने ही शिशु को मुसीबत में डालेंगे। कई बार पेट दर्द की समस्या का कारण लैक्टोस असहिष्णुता न हो कर, कोई अन्य गंभीर रोग भी हो सकता है जैसे कि आंत की समस्या।
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